हरियाणा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हैं. राज्य में पहले 1 अक्टूबर को मतदान होना था, हालांकि बाद चुनाव आयोग ने तारीख बदल दी. आयोग ने घोषणा की कि अब 1 की जगह 5 अक्बूटर को मतदान होगा. वहीं मतगणना की तारीख भी बदलकर चार अक्टूबर की जगह 8 अक्टूबर कर दी गई. चुनाव आयोग ने फैसले के पीछे त्योहार वजह बताई. वहीं इसको लेकर विपक्ष लगातार सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर है. इस पर अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है.
आजतक के नए कार्यक्रम 'CM साहब' में अंजना ओम कश्यप ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बेबाकी से कई सवालों के जवाब दिए और जमकर कांग्रेस पर निशाना साधा. बीजेपी के दबाव में हरियाणा चुनाव की तारीख बदलने के विपक्ष के आरोपों पर सीएम सैनी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी लोकतंत्र में विश्वास ही नहीं किया. विश्वास कैसे करें, उनकी नीतियां ही सही नहीं है. कांग्रेस ने लोकतंत्र का अपमान करने का काम किया है. ये थोड़ी चाहते हैं कि लोग वोट करें. हमारे माननीय अध्यक्ष जी को चिंता हुई कि इतनी छुट्टी हैं. 29 सितंबर को संडे है, एक अक्टूबर को चुनाव है तो चुनाव के कारण छुट्टी और दो अक्टूबर को छुट्टी है. तो लोग कहीं अपना टूर प्लान ना बना लें. और वोट कम ना हो जाए, ये चिंत हमारे अध्यक्ष को थी.
चुनाव आय़ोग ने तारीख बदलने की बताई थी ये वजह
चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया था कि हरियाणा में आगामी त्योहार के मद्देनजर तारीख बदलने का फैसला लिया गया है. बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए निर्णय लिया गया, जो अपने गुरु जम्बेश्वर की याद में सदियों से आसोज अमावस्या उत्सव मनाते आ रहे हैं. चुनाव आयोग को हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख बदलने के लिए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बीकानेर, राजस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एक ज्ञापन प्राप्त हुआ था.
उन्होंने कहा था कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के परिवार गुरु जम्भेश्वर की याद में बीकानेर में वार्षिक उत्सव के लिए 'आसोज' महीने की 'अमावस' पर राजस्थान में अपने पैतृक गांव मुकाम आते हैं. इस वर्ष यह त्योहार 2 अक्टूबर को है और सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार इस दिन राजस्थान की यात्रा करेंगे, जिससे उन्हें अपना मताधिकार नहीं मिल पाएगा.
बीजेपी-INLD ने भी की थी तारीख बदलने की मांग
बीजेपी और इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) की ओर से भी चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की गई थी. दोनों दलों ने आयोग से लिखित रूप से अनुरोध करते हुए कहा था कि चुनाव की तारीख (1 अक्टूबर) को आगे बढ़ाया जाए क्योंकि यह तारीख सप्ताहांत, सार्वजनिक छुट्टियों और धार्मिक त्योहारों से टकरा रही है. उनके अनुसार, 29 और 30 सितंबर को शनिवार और रविवार की छुट्टियां हैं, और 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के कारण फिर से अवकाश रहेगा. ऐसे में लोग छुट्टियों का फायदा उठाकर अपने शहर से बाहर जा सकते हैं, जिससे मतदान का प्रतिशत कम हो सकता है.
वहीं कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (JJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव की तारीख बदलने का विरोध किया था. इन दलों का कहना था कि बीजेपी अपनी संभावित हार से डर रही है, इसलिए तारीख बदलने की मांग कर रही है.
हरियाणा में एक ही चरण में होना है मतदान
बता दें कि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा. चुनाव आयोग ने पहले हरियाणा के लिए 1 अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की थी. वहीं नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. यहां भी नतीजे 4 अक्टूबर को ही आने थे. लेकिन अब आयोग ने तारीखों में बदलाव किया है.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है. पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने. हालांकि बाद में समीकरण बदले तो पार्टी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया.
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