महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 25 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के आरोप में सोमवार को पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों पर पुलिस को गलत सूचना देने का भी आरोप है. उनकी पहचान राजेश यादव, प्रमोद यादव, गंगाराम यादव और प्रकाश मोहिते के रूप में हुई है.
पुलिस उपायुक्त (जोन वी) अमरसिंह जाधव ने बताया कि 1 सितंबर को एमएमआरडीए के एक किराए की इमारत की 23वीं मंजिल के कमरे में प्रथमेश चव्हाण पर जानलेवा हमला किया गया था. इसके बाद इन चार आरोपियों में से एक ने पुलिस को फोन करके गलत सूचना दी थी.
डीसीपी ने बताया कि आरोपी और पीड़ित के बीच पुरानी दुश्मनी थी. पुलिस ने शुरू में चितलसर पुलिस स्टेशन में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर इस मामले की जांच की गई, जिसके बाद चारों आरोपियों को पुलिस धर दबोचा.
पुलिस ने बताया कि इस मामले में राजेश रामनरेश यादव और प्रमोद रामनरेश यादव सहित दो चौकीदारों गंगाराम यादव और प्रकाश मोहिते के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के तहत केस दर्ज किया गया है. चारों आरोपियों से पुलिस पूछताछ करते हुए मामले की जांच कर रही है.
बताते चलें कि जुलाई में ठाणे में चोर होने के शक में पीट-पीटकर शख्स की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उसकी लाश झाड़ियों से बरामद की थी. इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मृतक की पहचान कोलकाता के शोविक गौर श्रीमानी के तौर पर हुई.
मुंब्रा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टरअनिल शिंदे ने बताया था कि पीड़ित का शव 24 जुलाई को ठाणे के दीवा इलाके में झाड़ियों में पड़ा मिला था. लाश के पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि उसकी मौत गंभीर पिटाई के कारण हुई. इसके बाद मामले की जांच शुरू की गई.
पुलिस ने तफ्तीश के दौरान पाया कि वारदात से पहले पीड़ित मुंब्रा में एक कार वॉशिंग सर्विस सेंटर पर आया था. लेकिन वहां पहले से मौजूद चार लोगों को उस पर चोर होने का शक हुआ. उन्होंने उसकी पिटाई शुरू कर दी. वो उनसे रहम की भीख मांगता रहा लेकिन उन्होंने उसकी हत्या कर दी.
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