तेहरान में मई में ही मारा जाता हमास चीफ, ईरानी एजेंटों से ही रखवाया तीन कमरों में बम

Mossad Hired Iranian Agents: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो चीफ इस्माइल हानिया के आवास के तीन कमरों में बम लगाने के लिए ईरानी सिक्योरिटी एजेंटों को ही काम पर रखा था. वहीं, इसी साल कुछ महीने पहले

4 1 18
Read Time5 Minute, 17 Second

Mossad Hired Iranian Agents: इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो चीफ इस्माइल हानिया के आवास के तीन कमरों में बम लगाने के लिए ईरानी सिक्योरिटी एजेंटों को ही काम पर रखा था. वहीं, इसी साल कुछ महीने पहले भी तेहरान में इसी तरह ही हानिया को हलाक करने की कोशिश को आखिरी वक्त में टाल दिया गया था.

हानिया को मई में ही निपटा देने वाला था मोसाद, फिर क्यों हुई देरी?

दरअसल, फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की मई में ही हत्या कर देना मोसाद की मूल योजना थी. तब वह ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के जनाजे में शामिल होने के लिए तेहरान में था. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, दो ईरानी अधिकारियों ने बताया कि इमारत के अंदर भारी भीड़ होने और नाकाम होने की ज्यादा आशंका के चलते तब इस ऑपरेशन को आगे नहीं बढ़ाया जा सका था.

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प गेस्टहाउस के तीन कमरों में बम

इसके बाद, दूसरी कोशिश को तौर पर उत्तरी तेहरान में हमास चीफ के रहने की संभावित इमारत इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प (आईआरजीसी) के गेस्टहाउस के तीन कमरों में दोनों ईरानी एजेंटों ने विस्फोटक समेत बाकी उपकरण रखे थे. जिन अधिकारियों के पास इमारत के सीसीटीवी फुटेज हैं, उनके अनुसार एजेंटों को कुछ ही मिनटों में कई कमरों के अंदर जाते और बाहर निकलते हुए चोरी-छिपे चलते देखा गया. वहीं, कुछ महीने पहले आसपास ड्रोन भी देखे गए थे.

राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान की शपथ देखने तेहरान में रुका था हानिया

कहा जाता है कि इस योजना के मास्टर माइंड तो ईरान से बाहर भाग गए थे, लेकिन उनका एक सोर्स ऑपरेशन कामयाब होने तक तेहरान में ही था. बुधवार को तड़के 2 बजे उन्होंने विदेश से आए विस्फोटकों में रिमोट के जरिए हानिया के कमरे में धमाका कर दिया. विस्फोट में हानिया की मौके पर ही मौत हो गई. इस बार वह ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए तेहरान में रुका हुआ था.

आईआरजीसी के एक अधिकारी ने तेहरान में काफी ऊंचे पदाधिकारियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार आईआरजीसी यूनिट का जिक्र करते हुए बताया, "अब वे निश्चित हैं कि मोसाद ने अंसार अल-महदी सुरक्षा इकाई से एजेंटों को काम पर रखा है." उन्होंने कहा, "आगे की जांच करने पर उन्हें इमारत के दो और कमरों में अतिरिक्त विस्फोटक उपकरण मिले."

ईरान के लिए अपमानजनक और बड़ी सुरक्षा चूक, IRGC ने कबूला

आईआरजीसी के विशिष्ट सैन्य बलों के एक दूसरे अधिकारी ने कहा, "यह ईरान के लिए अपमानजनक और एक बड़ी सुरक्षा चूक है." अधिकारी ने कहा कि हत्या को सुरक्षा उल्लंघन के रूप में चिन्हितत करने के लिए और कई विचारों को एक साथ लाने के लिए एक कार्य समूह की स्थापना की गई थी. उन्होंने कहा, “यह अभी भी हर किसी के लिए एक सवाल है कि यह कैसे हुआ? मैं इसका कोई मतलब नहीं समझ पा रहा हूं. हायरार्की में ऊपर कुछ ऐसा होना चाहिए जिसके बारे में कोई नहीं जानता हो.''

ईरान में अब आईआरजीसी पर अंदरूनी आरोप-प्रत्यारोप का खेल तेज

अधिकारी ने खुलासा किया कि अब आईआरजीसी पर अंदरूनी आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है. इसमें विभिन्न क्षेत्र के अधिकारी एक-दूसरे पर नाकामी का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा, आईआरजीसी कुद्स गार्ड्स के कमांडर इस्माइल कानी लोगों को नौकरी से निकालने, गिरफ़्तार करने और शायद फांसी देने के लिए बुला रहे हैं. सुरक्षा नियमों के उल्लंघन ने सभी को अपमानित किया है. सबसे बड़े नेता ने पिछले दो दिनों में कई बार सभी कमांडरों को तलब किया है, वह जवाब चाहते हैं. उनके लिए, बदला लेने के मुकाबले सुरक्षा उल्लंघन को संबोधित करना अब ज्यादा अहम है."

हानिया की हत्या से ईरान के भीतर इजरायल की पहुंच और प्रभाव पर चर्चा

रिपोर्ट के मुताबिक, आईआरजीसी मौजूदा वक्त में बदला लेने के लिए अपने विकल्पों की जांच-परख कर रहा है. इसमें तेल अवीव पर सीधा हमला प्राथमिक विचार है, जिसमें लेबनान के हिजबुल्लाह और अन्य ईरानी प्रॉक्सी शामिल होंगे. दूसरी ओर, ईरान की राजधानी तेहरान में हानिया की हत्या से ईरान के भीतर इजरायल की पहुंच और प्रभाव को लेकर आशंकाएं तेज हो गई हैं.

ईरान के पूर्व खुफिया मंत्री अली यूनिसी ने 4 साल पहले दिखाया था आईना

ईरान के पूर्व खुफिया मंत्री अली यूनिसी ने 2020 के एक साक्षात्कार में चिंता व्यक्त करते हुए कहा था, "इस्लामिक रिपब्लिक के सभी अधिकारियों को अपनी जिंदगी के बारे में चिंतित होना चाहिए. अगर ज़ायोनी शासन ने अभी तक इस्लामिक गणराज्य के राजनीतिक अधिकारियों को निशाना नहीं बनाया है, तो इसका कारण यह है कि उसने ऐसा करने का विकल्प नहीं चुना है. ईरान की इस लापरवाही ने मोसाद को बार-बार हमला करने और इस्लामिक रिपब्लिक के अधिकारियों को खुलेआम धमकी देने की इजाजत दी है."

नए राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए IRGC की सुरक्षा चूक

इस्माइल हानिया की हत्या भी पेज़ेशकियान के कार्यालय के पहले दिन के साथ ही हुई. अपने चुनाव अभियान के दौरान, उन्होंने इस्लामिक गणराज्य की पिछली उत्तेजक नीतियों से खुद को दूर कर लिया था और बातचीत के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मंच पर ईरान की स्थिति को बहाल करने का वादा किया था. पेज़ेशकियान के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि सुरक्षा चूक आईआरजीसी द्वारा नए राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर की गई साजिश हो सकती है.

यह दुर्घटनावश नहीं, सब IRGC के कारण- पेज़ेशकियान के सहयोगी का दावा

पेज़ेशकियान के चुनाव अभियान में काम करने वाले सहयोगी ने दावा किया कि आईआरजीसी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और उनकी सुधारवादी राजनीति के अन्य पहलुओं पर उनके विचारों को स्वीकार नहीं करता है. उन्होंने कहा, "कोई भी सही और शांत दिमाग यह स्वीकार नहीं कर सकता कि यह दुर्घटनावश हुआ, खासकर पेज़ेशकियान के कार्यभार संभालने के पहले दिन. उन्हें कार्यालय में अपने पहले कुछ दिनों में इजरायल के साथ युद्ध करना पड़ सकता है. यह सब आईआरजीसी के कारण हुआ है."

ये भी पढ़ें- Mossad: हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद सुर्खियों में मोसाद, क्या है इजरायल की खुफिया एजेंसी की अटैकिंग स्टाइल, क्यों कहते हैं दुश्मनों का काल

इजरायल के साथ युद्ध नहीं है ईरान की प्राथमिकता, पेज़ेशकियान के बेटे का ऐलान

हालांकि, पेज़ेशकियान के बेटे ने शुक्रवार रात को ही घोषणा की थी कि ईरान की प्राथमिकता "इजरायल के साथ युद्ध नहीं है." डॉ. युसेफ पेज़ेशकियान ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, "गरीबी, भ्रष्टाचार, भेदभाव, असमानता और बेकार राजनीतिक गुट और बहसें असली मोर्चे हैं जिनके खिलाफ ईरानी लोग हमारे देश में लड़ रहे हैं. ईरान में सामाजिक सुधार और प्रगति सबसे अच्छे जवाबी हमले हैं जिन्हें हम इजरायल पर कर सकते हैं."

ये भी पढ़ें- Khaled Meshaal: हानिया तो हो गया हलाक, जानिए कौन है खालिद मशाल जो बन सकता है हमास चीफ? भारत में भी उगल चुका है जहर

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थ‍ियों को राहत: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now