ED का नाम लेकर राहुल गांधी ने किस मकसद से पीएम मोदी पर नया हमला किया है?

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राहुल गांधी ने अपने खिलाफ ईडी के नये एक्शन की आशंका जताई है. लेकिन ये आशंका राहुल गांधी ने चुनौती देने वाले अंदाज में जताई है. सोशल साइट X पर राहुल गांधी ने एक पोस्ट में ईडी के डायरेक्टर को टैग भी किया है - और लगे हाथ घर पहुंचने पर चाय और बिस्कुट भी ऑफर कर दिया है.

कांग्रेस नेता ने अपने खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी की जो आशंका जताई है, उसके पीछे संसद में चक्रव्यूह पर दिया अपना भाषण माना है. बजट पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने संसद में चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए महाभारत के किरदारों की तरह सत्ता पक्ष से 6 नाम गिनाये, जिनमें दो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह हैं.

जाहिर है राहुल गांधी के निशाने पर मोदी और शाह ही हैं, भले ही वो प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से अपने ठिकानों पर रेड का जिक्र कर रहे हों. ईडी को लेकर राहुल गांधी का ये बयान भी बिलकुल वैसा ही है जैसा गिरफ्तारी से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मुंह से सुनने को मिलता था. अपनी ही नहीं, बल्कि सुरेंद्र जैन से लेकर संजय सिंह की गिरफ्तारी से पहले तक अरविंद केजरीवाल ऐसे ही बयान दिया करते थे. ईडी केस में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई वाले मामले में जमानत अर्जी पर कोर्ट के रुख का इंतजार है.

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राहुल गांधी ने ये पोस्ट रात 1 अगस्त, 2024 को रात 1.52 बजे किया है - और ये भी बताया है कि ऐसी जानकारी उनको प्रवर्तन निदेशालय के ही सूत्रों से मिली है. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने 2022 में नेशनल हेरल्ड केस में राहुल गांधी के साथ साथ सोनिया गांधी से भी कई दिनों तक पूछताछ की थी.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा है?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लिखा है, 'साफ है, टू-इन-1 को मेरा चक्रव्यूह भाषण पसंद नहीं आया... ED के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि मेरे खिलाफ रेड की योजना बनाई जा रही है... मैं ED के अफसरों का बांहें फैलाकर इंतजार कर रहा हूं... साथ में चाय और बिस्किट भी... मेरी ओर से.'

राहुल गांधी ने चक्रव्यूह पर जिस भाषण का जिक्र किया है, वो 29 जुलाई को बजट पर चर्चा के दौरान उन्होंने लोकसभा में दिया था. आम लोगों की अभिमन्यु से तुलना करते हुए राहुल गांधी ने बजट को चक्रव्यूह जैसा बताया था. राहुल गांधी का कहना था कि जैसे महाभारत के दौरान चक्रव्यूह में अभिमन्यु 6 लोगों से घिरे थे, फिलहाल देश की जनता भी ऐसे ही छह लोगों से घिरी हुई है.

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कांग्रेस नेता ने कहा था, हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर 6 लोगों ने मारा था. चक्रव्यूह का दूसरा नाम है - पद्मव्यूह, जो कमल के फूल के शेप में होता है... जिसके अंदर डर और हिंसा होती है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मुताबिक, ये 6 लोग हैं - नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजित डोभाल, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी.

21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह रचा गया है, राहुल गांधी कहते हैं, वो भी कमल के फूल के रूप में तैयार हुआ है... जिसे प्रधानमंत्री अपने सीने पर लगाकर चलते हैं... अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वो भारत के साथ किया जा रहा है... देश के किसान, मजदूर और नौजवान डरे हुए हैं.

राहुल गांधी के दावे पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं, ये देश का दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं... वो संसद के अंदर झूठ बोलने के साथ-साथ बाहर भी दुष्प्रचार कर रहे हैं... वो दुनिया से जाति पूछ रहे हैं, और अपनी जाति बताने से भाग रहे हैं.

इस बीच उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि राहुल गांधी पर हमला भी हो सकता है, जिसकी साजिश विदेशी धरती पर रची गई है. संजय राउत का कहना है, राहुल गांधी ने लोकसभा में सरकार को आईना दिखाने का काम किया है... राहुल गांधी पर सरकार फिर कार्रवाई कर सकती है... हम इसके लिए तैयार हैं.

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संजय राउत का दावा है कि सिर्फ राहुल गांधी ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने के लिए जो लोग सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन सभी के खिलाफ साजिश रची जा रही है... ये साजिश विदेशी धरती पर रची जा रही है… कुछ भी हो सकता है, हम सब पर हमला हो सकता है.

बीजेपी सांसद कंगना रनौत का कहना है कि राहुल गांधी की बातें उनको समझ में नहीं आती. संसद में राहुल गांधी के भाषण के बाद कंगना ने कहा था, 'जिस हालत में वो संसद पहुंचकर बदहवासी में बातें करते हैं... मैं देखकर आश्चर्यचकित हो गई... संसद में कहा... ये जो कॉम्पटीशन है... ये शिवजी की बारात और चक्रव्यूह में है... क्या इस बात से नहीं लगता कि इस आदमी का ड्रग टेस्ट होना चाहिये? मुझे तो लगता है कि जांच होनी चाहिये, या तो वो शराब के नशे में हैं या ड्रग्स के नशे में... क्या कोई इंसान होशो-हवास में ऐसी बातें करता है?'

राहुल गांधी को गिरफ्तार किये जाने की संभावना है क्या?

राहुल गांधी ने अपनी तरफ से सिर्फ छापेमारी की आशंका जताई है. गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई की बात नहीं की है. ईडी के अंदर राहुल गांधी के सूत्रों ने हो सकता है, इतना ही बताया हो. ये भी हो सकता है कि राहुल गांधी के पास और भी जानकारी हो, लेकिन फिलहाल सिर्फ छापेमारी की बात ही शेयर किया हो. हो सकता है ये सब राहुल गांधी और उनके सलाहकारों की रणनीति का हिस्सा हो.

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दो साल पहले जब पूछताछ के लिए राहुल गांधी को ईडी दफ्तर बुलाया गया था, तब भी उनके गिरफ्तारी की आशंका जताई जा रही थी. तब राहुल गांधी के अलावा सोनिया गांधी से भी पूछताछ हुई थी, और उससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता पवन बंसल से भी.

देखा जाये तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार किया जाना हैरान करने वाला था. हेमंत सोरेन ने तो गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल तो अब भी मुख्यमंत्री बने हुए हैं. मुख्यमंत्री तो फिर से हेमंत सोरेन भी बन गये हैं - लेकिन, राहुल गांधी और हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल में काफी फर्क है.

राहुल गांधी दोनो नेताओं से काफी बड़े नेता हैं, और अब तो वो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बन गये हैं. निश्चित रूप से 2014 और 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी की वो हैसियत नहीं थी, जो अब हो चुकी है.

राहुल गांधी को हेमंत सोरेन और अरविंद केजरीवाल का सपोर्ट तो हासिल है ही, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी जैसे बड़े जनाधार वाले नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है. जिस तरह से अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल की कमान से हटाया गया है, ममता बनर्जी कांग्रेस के और भी करीब आ सकती हैं.

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जहां तक राहुल गांधी की गिरफ्तारी की हाल फिलहाल संभावना है, तो उसे 2019 में शरद पवार को मिले ईडी के नोटिस वाले प्रसंग में खोजा जा सकता है. तब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले थे, और महराष्ट्र के दिग्गज एनसीपी नेता शरद पवार को ईडी ने एक नोटिस भेजा दिया था - नोटिस मिलते ही शरद पवार ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और घोषणा कर डाली कि वो पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर खुद चलकर जाएंगे.

शरद पवार के ऐसा कहते ही पूरे मुंबई में हड़कंप मच गया. पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे. आनन फानन में पूरा अमला शरद पवार से मिलकर गुजारिश करने लगा कि वो अपना कार्यक्रम स्थगित कर दें. बाद में जब ये आश्वस्त किया गया कि उनको दफ्तर आने की कोई जरूरत नहीं है, तब जाकर शरद पवार ने अपना बयान जारी किया, और सब ने राहत की सांस ली.

अब ये राहुल गांधी की राजनीतिक ताकत और हैसियत पर निर्भर करता है कि ईडी के अफसर उनको गिरफ्तार करने की हिम्मत जुटा पाते हैं या नहीं? तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग अलग तरीके से पंगा लेकर राहुल गांधी मौजूदा भारतीय राजनीति में खुद को तौल रहे हैं?

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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