चीन में ज्यादा दिन रुकने पर लगता है टैक्स! भारत से कितना अलग है वहां का टैक्स सिस्टम?

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मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट आने के बाद भारत के टैक्स सिस्टम की चर्चा हो रही है और इसकी तुलना अन्य देशों से हो रही है. दरअसल, कई देशों में ऐसे अजीबोगरीब टैक्स लिए जाते हैं, जो भारतीय के लिए हैरान कर देने वाले है. कहा जाता है कि ऐसे ही कुछ टैक्स चीन में भी है. ऐसे में आज जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर चीन में भारत से कितना अलग टैक्स सिस्टम है और वहां कौन-कौन से अजीबोगरीब टैक्स लगाए जाते है.

कितने तरह के टैक्स होते हैं?

चीन में भी मुख्य तौर पर तीन स्तर पर से टैक्स लिए जाते हैं. कुछ टैक्स सेंट्रल गवर्मेंट की ओर से वसूले जाते हैं तो कुछ टैक्स प्रोविंशियल गवर्मेंट और लोकल अथॉरिटी की ओर से लिए जाते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में मुख्य तौर पर 14 तरह के टैक्स से ज्यादा वसूली होती है, जिसमें वैट, बिजनेस टैक्स, इनकम टैक्स आदि शामिल है. ये सिस्टम भारत से मिलता जुलता है, क्योंकि भारत में लोकल, राज्य और केंद्र सरकार की ओर से टैक्स लिए जाते हैं.

सेंट्रल गवर्मेंट की ओर से कौनसे टैक्स लिए जाते हैं?

1. वैल्यू एडेड टैक्स (वैट)
2. कंजम्शन टैक्स (सीटी)
3. बिजनेस टैक्स (बीटी)
4. कॉर्पोरेट इनकम टैक्स (सीआईटी)
5. इंडिविजुअल इनकम टैक्स (आईआईटी)
6. रिसोर्स टैक्स (आरटी)
7. अर्बन कंस्ट्रक्शन टैक्स (यूएमसीटी)
8. लैंड वैल्यू टैक्स (एलवीएटी)
9. डीड टैक्स (डीटी)
10. स्टाम्प टैक्स (ST)

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प्रोविंशियल सरकार के टैक्स

जिस तरह भारत में अलग अलग राज्य है, वैसे चीन में अलग अलग प्रांत होते हैं. इन प्रांत की सरकार को प्रोविंशियल सरकार कहा जाता है और इसका हेड यहां का गवर्नर होता है. चीन में प्रांतीय सरकारों की ओर से प्रोविंशियल एजुकेशन सरचार्ज, प्रोविंशियल वॉटर रिसोर्स टैक्स, प्रोविंशियल लैंड एप्रिसिएशन टैक्स लिए जाते हैं.

लोकल गवर्मेंट टैक्स

वहीं, वहां के शहरों के हिसाब से लोकल प्रशासन भी लोगों से टैक्स वसूलता है. इन टैक्सों में लोकल एजुकेशन सरचार्ज, लोकल वॉटर रिसोर्स टैक्स, लोकल लैंड एप्रिसिएशन टैक्स, प्रोपर्टी टैक्स, अर्बन कंस्ट्रक्शन टैक्स आदि शामिल हैं.

अन्य टैक्स भी हैं

इसके अलावा कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी, लैंड यूज टैक्स, हाउस प्रोपर्टी टैक्स, फार्मलैंड ऑक्यूपेशन टैक्स, व्हीकल टैक्स भी लिए जाते हैं.

विदेशियों पर भी लगता है टैक्स

बता दें कि चीन की आबादी में से सिर्फ 2-3 फीसदी ही लोग ही टैक्स देते हैं. ऐसे में सरकार अपनी आय बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह से टैक्स वसूलती हैं. जैसे अगर कोई विदेशी नागरिक अपने कारोबार या फिर नौकरी के सिलसिले में चीन में 183 दिन से ज्यादा ठहरता है तो वो उसकी पूरी कमाई टैक्स के दायरे में होगी. साथ ही जो चीनी लोग विदेश में रहते हैं, उन्हें भी टैक्स देना होता है.

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कई हैं अजीबोगरीब टैक्स?

चीन में सरकार ने पर्यावरण संरक्षण आदि के नाम पर भी कई टैक्स वसूलती है, जैसे लकड़ी के वेस्ट को कम करने के लिए यहां फर्नीचर टैक्स लिया जाता है. इसके साथ ही कुत्ते पालने के लिए भी मालिकों को सरकार को टैक्स देना होता है. साथ ही सरकार की ओर से साइकिल टैक्स, टीवी टैक्स, डिस्को टैक्स, नमक टैक्स भी लिए जाते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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