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पटना: लोकसभा चुनाव 2024 की हर बाजी लगभग दलों ने खेल ली है, पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद भी सत्ता की लड़ाई की खातिर एक और बाजी खेलना चाहते हैं। वह भी कोई अपरोक्ष रूप से नहीं, बल्कि खूंटा ठोक के चुनावी कुर्सी पाने की खातिर या यों कह लें कि नरेंद्र मोदी की सरकार को गिरने के लिए राजनीतिक विसात भी बिछा दी है। आइए जानते हैं कि क्या कहकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की स्थापना दिवस पर अगस्त में केंद्र की एनडीए सरकार गिरने की बात कहकर राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। लालू यादव अपने इस कथन के निहितार्थ कहते भी हैं कि यह सरकार चुकी बैसाखियों के सहारे चल रही है, इसलिए यह सरकार ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। यहां तक कि लालू यादव ने यह भी कह डाला कि कुछ महीने बाद बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे। तब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की स्थिर सरकार बनेगी।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी सीनियर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद के बयान के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि लालू यादव यह मान कर चल रहे हैं कि केंद्र की एनडीए सरकार कोई अपार बहुमत वाली सरकार नहीं। दूसरी ओर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ हैं। प्रारंभ में तो पीएम नरेंद्र मोदी के लटके झटके को गठबंधन के नाम पर झेल गए। पर अब वह असंतुष्टिकरण के रथ पर सवार हैं। खासकर विशेष राज्य का दर्जा और बढ़े आरक्षण के प्रतिशत को 9वीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर। जदयू ने तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह सब प्रस्ताव पारित भी कराया है।
चर्चा यह है कि लालू प्रसाद यादव मानते हैं कि देर सवेर नीतीश कुमार का बिहार के प्रति प्रेम जागेगा और तब लाइक माइंडेड के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे। यह वही प्लेटफार्म होगा जहां ऑफर ऑफर का खेल शुरू किया जाएगा।
संभावनाओं का खेल कह लें या कार्यकर्ताओं में जोश भरने, मगर लालू यादव ने स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं से अपील तक कर डाला कि आगामी चुनाव के लिए खुद को तैयार रखें। चुनाव कभी भी हो सकता हैं। केंद्र सरकार की नींव बहुत कमजोर है।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं यह लालू यादव का राजनीतिक बयान है। यह उनकी आदत रही है कि वह ऐसा सिर्फ राजनीतिक जगत को चौंकाने के लिए करते हैं। कहां तो वे बोले थे कि इस बार देश में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं बनेंगी, इस बार इंडिया गठबंधन की सरकार बनेंगी। पर ऐसा हुआ क्या? लालू यादव ने कहा था कि 20 साल शासन करेंगे पर 7 साल में ही जेल चले गए। लालू प्रसाद यादव का यह बयान इंडिया गठबंधन में जोश भरने अपने कार्यकर्तों को निराशा से उबरने के लिए दिया गया है। इसका दूसरा निहितार्थ एनडीए गठबंधन में भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाने भर से है।
अगस्त में सरकार गिर जाएगी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पार्टी की स्थापना दिवस पर अगस्त में केंद्र की एनडीए सरकार गिरने की बात कहकर राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। लालू यादव अपने इस कथन के निहितार्थ कहते भी हैं कि यह सरकार चुकी बैसाखियों के सहारे चल रही है, इसलिए यह सरकार ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। यहां तक कि लालू यादव ने यह भी कह डाला कि कुछ महीने बाद बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे। तब तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की स्थिर सरकार बनेगी।
लालू प्रसाद और लालू की राजनीति
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी सीनियर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद के बयान के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि लालू यादव यह मान कर चल रहे हैं कि केंद्र की एनडीए सरकार कोई अपार बहुमत वाली सरकार नहीं। दूसरी ओर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ हैं। प्रारंभ में तो पीएम नरेंद्र मोदी के लटके झटके को गठबंधन के नाम पर झेल गए। पर अब वह असंतुष्टिकरण के रथ पर सवार हैं। खासकर विशेष राज्य का दर्जा और बढ़े आरक्षण के प्रतिशत को 9वीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर। जदयू ने तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह सब प्रस्ताव पारित भी कराया है।
चर्चा यह है कि लालू प्रसाद यादव मानते हैं कि देर सवेर नीतीश कुमार का बिहार के प्रति प्रेम जागेगा और तब लाइक माइंडेड के लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराएंगे। यह वही प्लेटफार्म होगा जहां ऑफर ऑफर का खेल शुरू किया जाएगा।
लालू प्रसाद तो एक कदम आगे
संभावनाओं का खेल कह लें या कार्यकर्ताओं में जोश भरने, मगर लालू यादव ने स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं से अपील तक कर डाला कि आगामी चुनाव के लिए खुद को तैयार रखें। चुनाव कभी भी हो सकता हैं। केंद्र सरकार की नींव बहुत कमजोर है।
एनडीए में भ्रम पैदा करना चाहते हैं लालू: प्रवीण बागी
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी कहते हैं यह लालू यादव का राजनीतिक बयान है। यह उनकी आदत रही है कि वह ऐसा सिर्फ राजनीतिक जगत को चौंकाने के लिए करते हैं। कहां तो वे बोले थे कि इस बार देश में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं बनेंगी, इस बार इंडिया गठबंधन की सरकार बनेंगी। पर ऐसा हुआ क्या? लालू यादव ने कहा था कि 20 साल शासन करेंगे पर 7 साल में ही जेल चले गए। लालू प्रसाद यादव का यह बयान इंडिया गठबंधन में जोश भरने अपने कार्यकर्तों को निराशा से उबरने के लिए दिया गया है। इसका दूसरा निहितार्थ एनडीए गठबंधन में भ्रम की स्थिति पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाने भर से है।
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