संवाद सूत्र, बड़बिल। चलित वर्ष श्रीजगन्नाथ महाप्रभु के अनुष्ठान जैसे नव यौवन दर्शन, नेत्र उत्सव और रथ यात्रा एक ही दिन होने के कारण पूरे प्रदेश में रथयात्रा का कार्यक्रम दो दिन रविवार और सोमवार को मनाये जाने के क्रम में रविवार को क्योंझर की सबसे ऊंची रथ गुंडीचा मन्दिर तक नहीं पहुंच सकी।
चलित वर्ष रथयात्रा का दो दिन का उत्सव , दुर्लभ योग लगभग 53 वर्षों के बाद से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में क्योंझर स्थित बलदेव जी की मन्दिर की निति नियम और पूजा अर्चना के बाद संध्या होने के कारण एवं रथ का एक ओर झुकाव से रथ अपने स्थान से कुछ मीटर खींचने के बाद रोक दिया गया।
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