तब इंदिरा अब मोदी... 41 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया यात्रा, जानें क्यों है खास

नई दिल्ली : पीएम मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में 9 जुलाई को मॉस्को से ऑस्ट्रिया पहुंचने वाले हैं। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी। वियना प्रवास के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अ

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नई दिल्ली : पीएम मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में 9 जुलाई को मॉस्को से ऑस्ट्रिया पहुंचने वाले हैं। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी। वियना प्रवास के दौरान पीएम मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन से मुलाकात करेंगे और चांसलर नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। दोनों नेता भारत और ऑस्ट्रिया के बिजनेस लीडर्स को भी संबोधित करेंगे।

75 साल पुराना है रिश्ता

भारत और ऑस्ट्रिया के बीच राजनयिक संबंध के 75 साल पूरे हो रहे हैं। मोदी के दौरे से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में दूसरी बार 1983 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। उनसे पहले देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी 1955 में ऑस्ट्रिया का दौरा किया था। ऐसे में ऑस्ट्रिया का दौरा करने वाले नरेंद्र मोदी तीसरे प्रधानमंत्री होंगे। हालांकि, ऐसा नहीं है कि चार दशक में ऑस्ट्रिया का भारतीय नेता की तरफ से कोई दौरान नहीं हुआ। इस बीच 1999 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायण और 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया था।
‘यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह 40 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
नरेंद्र मोदी, पीएम

पीएम मोदी का दौरा क्यों है खास

ऑस्ट्रिया मध्य यूरोप का एक महत्वपूर्ण देश है। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच बुनियादी ढांचे, रिन्यूएबल एनर्जी, हाई टेक्नोलॉजी एरिया, स्टार्ट-अप क्षेत्रों, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के उत्कृष्ट अवसर है। भारत-ऑस्ट्रिया व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी अच्छे सहयोगी हैं। 30 से 40 बड़ी ऑस्ट्रियाई कंपनियां पहले से ही भारत में बुनियादी ढांचे, सुरंग बनाने, ट्रैक बिछाने से लेकर कई क्षेत्रों में मौजूद हैं। फरवरी 2024 में भारत-ऑस्ट्रिया स्टार्ट-अप ब्रिज लॉन्च किया गया है। ऑस्ट्रिया में पहले से ही भारत से काफी मात्रा में निवेश हो रहा है। भारत और ऑस्ट्रिया ने पिछले साल मई में कई समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे। दोनों देश द्विपक्षीय साझेदारी के नए क्षेत्रों का विस्तार और पता लगाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखे हुए हैं।

मैं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले सप्ताह वियना में स्वागत करने के लिए बहुत बेताब हूं। यह यात्रा एक विशेष सम्मान है क्योंकि यह चालीस से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मेरे देश की पहली यात्रा है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत के साथ राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
कार्ल नेहमर, चांसलर, ऑस्ट्रिया

1949 में स्थापित हुए थे संबंध

ऑस्ट्रिया ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। भारत और ऑस्ट्रिया के बीच 1949 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। दोनों देशों का एक दूसरे के यहां दूतावास भी है। भारत और ऑस्ट्रिया के राजनयिक संबंध एक दूसरे के साथ बेहतर हैं। पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्ते बेहतर हुए हैं। ऑस्ट्रिया भारत को मशीनरी, ऑटोमोटिव पार्ट्स और केमिकल एक्सपोर्ट करता है। वहीं, भारत को इलेक्ट्रोनिक्स सामान, फुटवेयर, रबड़ का सामान, वीकल और रेलवे पार्ट्स, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात करता है। दोनों ही देश क्लाइमेट चेंज के साथ ही सतत विकास पर एक दूसरे के साथ खड़े नजर आते हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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