राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में मनरेगा (महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना) को लेकर सरकार दावे तो तमाम कर रही है, लेकिन सच्चाई की कसौटी पर व्यवस्था फिसड्डी है। बीते तीन वर्षों में एक प्रतिशत परिवारों को भी सौ दिनों तक काम नहीं मिला। सरकार के आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।
वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 0.69 प्रतिशत परिवारों ने ही सौ दिनों तक काम किया। इनमें कुल 47 लाख 46 हजार 59 में 32578 ने ही सौ दिनों तक काम किया। वहीं, 2022-23 में 50 लाख 14 हजार 363 में 39 हजार 678 को ही सौ दिनों तक काम मिला। यह कुल संख्या का 0.79 प्रतिशत है।
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