Frank Duckworth Passes Away: टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बीच खेल जगत से एक बुरी खबर सामने आ रही है. क्रिकेट जगत में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम को लाने वाले फ्रेंक डकवर्थ का निधन हो गया है. उन्होंने 84 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. फ्रेंक डकवर्थ इंग्लैंड के सांख्यिकीविद् भी थे.
ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेंक डकवर्थ का निधन 21 जून को हो गया. डकवर्थ-लुईस पद्धति को डकवर्थ और उनके साथी सांख्यिकीविद् टोनी लुईस ने तैयार किया और इसका इस्तेमाल बारिश से प्रभावित मैचों के नतीजे के लिए किया जाता है.
बाद में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नाम दिया गया
इस पद्धति को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे पहले 1997 में लागू किया गया और 2001 में आईसीसी उन मुकाबलों में संशोधित लक्ष्य देने की मानक प्रणाली के रूप इसे स्वीकार किया, जहां ओवरों की संख्या में कटौती होती है.
डकवर्थ और लुईस की सेवानिवृत्ति और ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकीविद् स्टीवन स्टर्न द्वारा इसमें कुछ संशोधन के बाद इस पद्धति को डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नाम दिया गया. डकवर्थ और लुईस दोनों को जून 2010 में ‘मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अंपायर’ (एमबीई) से सम्मानित किया गया.
इस नियम के बदौलत मैच पूरा कराया जाता है
डीएलएस पद्धति एक जटिल सांख्यिकीय विश्लेषण पर आधारित है जो बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए संशोधित लक्ष्य निर्धारित करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करता है जिसमें शेष विकेट और कम हुए ओवर भी शामिल हैं.
दरअसल, किसी भी क्रिकेट मैच में जब भी बारिश आती है या किसी भी अन्य कारणों से मुकाबले में काफी देर हो जाती है, तब डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम को लागू किया जाता है. फील्ड अंपायर अपनी मर्जी से बर्बाद हुए समय के हिसाब से यह नियम लागू करते हैं.
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