EVM पर सियासी घमासान, सरकार और विपक्ष आमने-सामने, थोड़ी देर में EC की प्रेस कॉन्फेंस

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इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है. मुंबई पुलिस के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है. इस पर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और सरकार पर निशाना साधना है. साथ ही ईवीएम के मुद्दे पर टेस्ला के मालिक एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर आमने-सामने आ गए हैं. इस मुद्दे को बढ़ता देख भारतीय चुनाव आयोग मुंबई मामले को लेकर शाम साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का भी ऐलान किया है.

दरअसल, मुंबई पुलिस ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस ने ये एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनवा सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने का आरोप में दर्ज की है. इसके साथ ही पुलिस ने मंगेश पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है.

इस मामले को लेकर नॉर्थ पश्चिम सीट से लड़ने वाले कई उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग की तरफ से शिकायतें मिली थीं, जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया है. नॉर्थ पश्चिम सीट से रविंद्र वायकर रीकाउंसलिंग के बाद मात्र 48 वोटों से चुनाव जीते थे, जिसको लेकर मतगणना के वक्त भी काफी विवाद हुआ था.

क्या है मामला

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है. ये फोन पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है. इसी दौरान दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. ईसीआई के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं जो अब मुंबई पुलिस को सौंप दिए गए हैं.

जांच के लिए बनी 3 टीमें

मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस ने बनाई तीन टीमें. आज से पुलिस चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सीसीटीवी फुटेज की जांच करेगी जो जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस हमारे फोन की सीडीआर ले रही है और मोबाइल नंबर की सारी जानकारी प्राप्त कर रही है. फोन जब्त कर लिया गया है.पुलिस यह जानना चाहती है कि कॉल किसे किए गए और कितने ओटीपी प्राप्त हुए. पुलिस यह भी जानना चाहती है कि उस फोन पर कॉल आई थी या नहीं. नियमों के अनुसार. ओटीपी जनरेट होने के बाद फोन को आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) पुलिस को देना होगा जो यह जांच करेगा कि फोन वापस क्यों नहीं लिया गया.

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राहुल-अखिलेश का निशाना

इस घटना पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में ईवीएम एक "ब्लैक बॉक्स" हैं और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं. जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी हो जाती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी का शिकार हो जाता है.

मुंबई के इस मामले के सामने आने के बाद विपक्षी नेता चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं. राहुल गांधी के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर पोस्ट करते हुए कहा, 'टेक्नॉलजी समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के खतरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें.आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी मांग को हम फिर दोहराते हैं.

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अमेरिकी चुनावों में उठा EVM पर सवाल

जानकारी के अनुसार, अमेरिकी चुनावों में इंडिपेंडेंट उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने प्यूर्टो रिको के हालिया चुनावों में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर चिंता व्यक्त की है. प्राथमिक चुनाव में ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई हैं. हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में मदद की. ईवीएम पर विवादों के वजह से इसकी सुरक्षा पर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है.

इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है.

एलन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री का पलटवार

एलन मस्क के पोस्ट पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, मस्क की मानें तो कोई भी व्यक्ति एक सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है, लेकिन ये बयान गलत है. एलन मस्क का विचार अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं. लेकिन भारतीय ईवीएम कस्टम डिज़ाइन, सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं. कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ, वाईफाई, इंटरनेट नहीं. यानी इसमें कोई रास्ता नहीं है. फ़ैक्टरी प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक वैसे ही तैयार और निर्मित किया जा सकता है जैसा कि भारत ने किया है. हमें एलन ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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