हिंदू के हाथ में ही रहेगा तिरुपति मंदिर, जानिए चंद्रबाबू नायडू के बड़े ऐलान की इनसाइड स्टोरी

अमरावती: चौथी बार पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद एन. चंद्रबाबू नायडू ने परिवार समेत तिरुपति में वेंकेटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने देश के सबसे धनी मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के प्रबंधन में बड़े

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अमरावती: चौथी बार पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद एन. चंद्रबाबू नायडू ने परिवार समेत तिरुपति में वेंकेटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने देश के सबसे धनी मंदिर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के प्रबंधन में बड़े बदलाव के संकेत दिए। चंद्राबाबू ने मंदिर में गैर हिंदू को चेयरमैन बनाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि तिरुमला में सिर्फ गोविंदा के नाम के अलावा कुछ और सुनाई नहीं देगा। यहां ओम नमो वेंकेटेश्वराय के अलावा किसी अन्य जयघोष नहीं होगा। इस तरह इशारों में सीएम नायडू ने साफ कर दिया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट के चेयरमैन अब हिंदू ही बनेगा। जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में टीटीडी के चेयरमैन भुमना करुणाकर रेड्डी को तिरुमति देवस्थानम प्रबंधन का चेयरमैन बनाया गया था। करुणाकर रेड्डी का परिवार क्रिश्चियन धर्म का पालन करता है, इस कारण उनकी नियुक्ति पर काफी विवाद हुआ था। हिंदू समुदाय के धर्मगुरुओं के साथ टीडीपी और बीजेपी ने इस नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। आंध्र प्रदेश की आबादी 8. 24 करोड़ है, जिनमें से 82 फीसदी हिंदू हैं। चंद्रबाबू यह फैसला राज्य की सबसे बड़ी आबादी को लुभा रहा है।

N chandra babu.


देश के सबसे अमीर मंदिर का बजट भी जान लीजिए

तिरुपति का श्री वेकेंटश्वरा मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिर है। यहां रोजाना औसतन 60 हजार श्रद्धालु आते हैं। हर साल देश के सभी हिस्सों से 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु तिरुपति बालाजी के मंदिर पहुंचते हैं। तिरुमला ब्रह्मोत्सव के 10 दिनों के दौरान यहां रोजाना तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचते हैं। माना जाता है कि मंदिर के पास 37 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है और साल में 1500 करोड़ रुपये अधिक का चढ़ावा आता है। इसके अलावा मंदिर के पास 10.5 टन सोने का भंडार भी है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट भक्तों के भोजन, सुविधा के साथ इससे जुड़े संस्थानों की देखरेख पर हर साल 4000 करोड़ रुपये अधिक खर्च करता है। पिछले साल टीटीडी बोर्ड ने 4,411 करोड़ रुपए का बजट पास किया था।

क्रिश्चियन विधायक बने थे टीटीडी ट्रस्ट के चेयरमैन

आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थान और बंदोबस्ती अधिनियम, 1987 के तहत बनाए गए टीटीडी के पास ही नियम बनाने का हक है। तिरुपति मंदिर को लेकर विवाद 2022 में शुरु हुआ, जब जगन मोहन रेड्डी ने टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड में अपने खास सिपाहसलार भुमना करुणाकर रेड्डी को दूसरी बार चेयरमैन नियुक्त किया। जगन मोहन रेड्डी और करुणाकर रेड्डी ईसाई धर्म का पालन करते हैं। उनकी नियुक्ति की तेलगूदेशम और बीजेपी ने विरोध किया था। हालांकि करुणाकर रेड्डी ने सफाई देते हुए कहा था कि उनका परिवार क्रिश्चियन धर्म का पालन करता है मगर वह हिंदू धर्म को मानते हैं। बाद में उन पर मंदिर संचालन में हिंदू परंपरा और ट्रस्ट के नियमों को दरकिनार करने के आरोप भी लगे।

जगन सरकार पर नियमों की अनदेखी का आरोप

तिरुमला तिरुपति मंदिर में दूसरी बार विवाद सितंबर 2023 तब शुरू हुआ, जब वार्षिक ब्रह्मोत्सव में भगवान वेंकटेश्वरा को रेशमी वस्त्र भेंट करने तत्कालीन सीएम जगन मोहन रेड्डी वहां पहुंचे। ईसाई धर्म का पालन करने वाले जगन मोहन पर तिरुमला के नियमों को अनदेखी करने के आरोप लगे थे। उन्होंने मंदिर में एंट्री के लिए फेथ फॉर्म नहीं भरा था। टीटीडी ट्रस्ट के नियम संख्या 136 और 137 के अनुसार, अगर कोई गैर हिंदू मंदिर में दर्शन चाहता है, उसे फेथ फॉर्म भरता होता है। इस फॉर्म में उसे अपने धर्म के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर में एंट्री के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है। 2003 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने फेथ फॉर्म भरने के बाद ही मंदिर में दर्शन किए थे। नियम के कुछ अपवाद भी हैं। 1999 में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और तत्कालीन सीएम जगन मोहन रेड्डी के पिता वाई एस राजशेखर रेड्डी ने इस नियम की अनदेखी की थी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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