नेपाल बेचे जाते थे चोरी के फोन, दिल्ली पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़, 201 से ज्यादा मोबाइल बरामद

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दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम ने नेपाल से जुड़े एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. यह गिरोह चोरी/झपटमारी के मोबाइल फोन की बिक्री और खरीद करता था. दिल्ली पुलिस के स्पेशल स्टाफ सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की टीम ने इस गिरोह से जुड़े चार कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

बिहार के मधुबनी के रास्ते नेपाल में चोरी/झपटमारी के मोबाइल फोन की तस्करी की जाती थी. पुलिस ने इस गिरोह में शामिल पति-पत्नी को एक पिस्तौल और सात जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया. पुलिस ने मैनुअल, तकनीकी निगरानी और स्थानीय जानकारी के आधार पर आरोपियों को धर दबोचा. इस दौरान कुल 200 से अधिक महंगे छीने/चोरी किए गए मोबाइल फोन, 140 एडाप्टर और 90 यूएसबी केबल और एक स्विफ्ट कार बरामद की गई है. कार का इस्तेमाल क्राइम के लिए ही किया जाता था.

कई मामलों में वांछित रहा है मुख्य आरोपी

मुख्य आरोपी अर्जुन उर्फ ​​प्रेम उर्फ ​​विकास पहले भी हत्या, डकैती, छीना-झपटी, चोरी और शस्त्र अधिनियम आदि के 14 से अधिक मामलों में वांछित रहा है और वह सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के पुलिस थाने नबी करीम का एक कुख्यात अपराधी रहा है. इनकी गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने नई दिल्ली, दक्षिण पश्चिम, उत्तर और मध्य जिले में चोरी के कुल 53 मामले सुलझा लिए हैं.

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पुलिस ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा, '19 मई को स्पेशल स्टाफ, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की टीम को अर्जुन की गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. अर्जुन हत्या के प्रयास, स्नैचिंग, डकैती, चोरी और आर्म्स एक्ट जैसी घटनाओं में शामिल रहा है. खबर मिली थी कि वह ग्रे रंग की स्विफ्ट कार में सवार होकर कमला मार्केट में आएगा और झपटमारी/चोरी किए गए मोबाइल फोन को बस या ट्रेन से नेपाल के किसी पसंदीदा बाजार में ले जाएगा और उसके पास अवैध हथियार भी हो सकता है.

गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा

गुप्त सूचना के आधार पर, टीम ने मुखबिर के साथ मिलकर अजमेरी गेट रेड लाइट, कमला मार्केट, दिल्ली के पास जाल बिछाया. टीम ने कड़ी निगरानी रखी और वहां जाल बिछाया, जहां कुछ देर बाद टीम को ग्रे रंग की स्विफ्ट कार दिखाई दी. टीम ने तुरंत कार को रोका और अर्जुन और उसकी पत्नी रूखसार गिरफ्तार कर लिया. आगे की तलाशी में आरोपी अर्जुन के पास से एक लोडेड पिस्तौल और 07 जिंदा राउंड बरामद किए गए और कार की तलाशी लेने पर टीम को कार की डिक्की में डिब्बों के अंदर छिपाए गए चोरी के मोबाइल फोन का जखीरा मिला.

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इसमें विभिन्न ब्रांडों के लगभग 150 मोबाइल, मोबाइल चार्जर के 140 एडेप्टर, 90 यूएसबी केबल थे. आरोपी 26 वर्षीय अर्जुन और उसकी 24 वर्षीय पत्नी रूखसार दोनों पहाड़गंज के रहने वाले हैं. पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि दोनों मधुबनी, बिहार से नेपाल में चोरी के मोबाइल फोन की तस्करी करते थे.

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चोरी के फोन से कमाते थे मुनाफा

इस काम में अच्छा मुनाफा पाने के लिए उसने अपनी पत्नी रुखसार और अपने दोस्त हिमांशु उर्फ ​​मोटा को भी लालच दिया और उन्हें इस काम में शामिल कर लिया. उसने चोरी, डकैती और स्नैचिंग में शामिल अपराधियों से भी संपर्क किया और महंगे चोरी के मोबाइल फोन को 4000-5000/- रुपये में खरीदना शुरू कर दिया. इन मोबाइल फोन को उसने अन्य सहयोगियों के माध्यम से नेपाल में 10000-15000/- रुपये में बेचना शुरू कर दिया.

वह या उसकी पत्नी रूखसार और कभी-कभी हिमांशु मोबाइल फोन बेचने के लिए नेपाल जाया करते थे.इसके अलावा अर्जुन की निशानदेही पर 51 और मोबाइल फोन बरामद किए गए और इस तरह कुल मिलाकर201 मोबाइल फोन बरामद कर लिए गए हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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