Bihar Land Registry - बिहार में फिर बढ़ेगी जमीनों की रजिस्ट्री, सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया फैसला; अब इस बात का इंतजार

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, सासाराम (रोहतास)।Bihar Land Registry जमाबंदी कानून लागू होने के बाद से जमीनों के निबंधन में आई कमी के बाद अब सुप्रीम आदेश से इस कार्य में अब तेजी आएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाए जा

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स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, सासाराम (रोहतास)।Bihar Land Registry जमाबंदी कानून लागू होने के बाद से जमीनों के निबंधन में आई कमी के बाद अब सुप्रीम आदेश से इस कार्य में अब तेजी आएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाए जाने के बाद एक-दो दिन में मकान, जमीन आदि की खरीद बिक्री बढ़ने की संभावना प्रबल हो गई है।

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मंगलवार को कोर्ट का आदेश आने के बाद से ही लोग बिना जमाबंदी के जमीन बेचने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। 22 फरवरी 2024 से लागू जमाबंदी कानून के बाद सासाराम में 1980 दस्तावेजों का निबंधन यहां हुआ है। जबकि पूर्व में एक माह में इससे अधिक दस्तावेज का निबंधन हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करने के लिए विभागीय पत्र की प्रतीक्षा

Bihar Land News जमीन निबंधन के लिए लागू किए गए नए नियम से यहां अधिवक्ताओं व डीड राइटरों में भी मायूसी छाई हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करने के लिए विभागीय पत्र की प्रतीक्षा अधिकारी से लेकर कर्मी तक कर रहे हैं।

विभागीय कर्मियों की माने तो प्रतिदिन 80 से 100 निबंधन यहां पूर्व में हुआ करता था। जबकि वर्तमान समय में महज 10-15 रजिस्ट्री ही हो रही है। जब से रजिस्ट्री को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं तब से लोगों के बीच रजिस्ट्री को लेकर काफी परेशानी देखने को मिल रही है।

Bihar News : आंकड़े बताते हैं कि 2023 में एक जनवरी से 14 मई तक कुल 7617 निबंधन हुए थे, वहीं राजस्व की प्राप्ति सैंतीस करोड़ 29 लाख की हुई थी। वहीं इस साल जमाबंदी कानून प्रभावी होने से पूर्व एक जनवरी 2024 से 21 फरवरी तक 2692 दस्तावेज का निबंधन हुआ था। जिससे लगभग 19 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई थी।

22 फरवरी 2024 से जमाबंदी कानून लागू होने से लेकर अब तक कुल 1980 दस्तावेज का निबंधन हुआ जिससे 15 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुए।

वास्तविक जमाबंदी में नाम चढ़वाना कितना कठिन

अधिवक्ता अयोध्या सिंह, राजेश कुमार, गुरु प्रसाद, शमशाद आलम, दस्तावेज नवीस कपिल मुनि, पारस पासवान, रंजीत कुमार, आलोक कुमार यादव समेत अन्य का कहना है कि भूमि विवाद तो अंचल व राजस्व अधिकारी लटका कर रखे हैं। वास्तविक जमाबंदी में नाम चढ़वाना कितना कठिन का है।

जमीन रजिस्ट्री के बाद भी दाखिल खारिज बिना सीओ की मर्जी का नहीं होता है। कई पीढ़ियों का बंटवारा नहीं हुआ है। ऐसे में जमाबंदी कानून के आधार पर जमीन खरीद बिक्री से परेशानी बढ़ गई थी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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