दिल्ली पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक मामले में बुधवार को एक स्टेट लेवल के गोल्ड मेडलिस्ट रेसलर को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान सुमित के रूप में हुई है, जो दो बार गोल्ड मेडल जीत चुका है. 21 अप्रैल को हुई वारदात के बाद आरोपी अपने साथियों के साथ फरार चल रहा था. दिल्ली से हरियाणा भागने की फिराक में है. इसी बीच पुलिस ने उसे धर दबोचा.
पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) सतीश कौशिक ने बताया कि रेसलर सुमित के दोस्त सागर की एक लड़की के चक्कर में दूसरे लड़के विष्णु से दुश्मनी थी. दोनों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. उसे रास्ते से हटाने के लिए सागर ने अपने दोस्तों सुमित, निखिल, देव और अंकित के साथ मिलकर विष्णु को मारने की साजिश रची. इसके तहत पांचों ने उस पर गोलियां चलाई.
इस गोलीबारी के दौरान विष्णु किसी तरह से बच गया. लोगों के एकत्रित हो जाने की वजह से पांचों आरोपी वहां से भाग गए. इसके बाद विष्णु की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 24 अप्रैल को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. सभी आरोपियों की तलाश की जा रही थी.
इसी क्रम में तिमारपुर थाना पुलिस को सूचना मिली कि सुमित दिल्ली के मुकरबा चौक बस स्टैंड से बस के जरिए हरियाणा भागने की फिराक में है. इसके बाद पुलिस की एक टीम ने आरोपी रेसलर को चारों तरफ से घेर लिया. उसे गिरफ्तार करके अपने हिरासत में ले लिया. पुलिस टीम में एसीपी विवेक त्यागी, इंस्पेक्टर सतीश मलिक, हवलदार विकास डबास आदि शामिल थे.
तिहाड़ में बंद हैं ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार
बताते चलें कि ये पहली बार नहीं है कि जब कोई रेसलर इस तरह आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. इसका एक लंबा इतिहास रहा है. इससे पहले मशहूर रेसलर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार को भी एक जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वो साल 2021 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
पहलवान सुशील कुमार पर संपत्ति विवाद को लेकर 4 मई, 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ और उसके दोस्तों जय भगवान और भगत के साथ मारपीट करने का आरोप है. इस वारदात को अंजाम देने के बाद सुशील फरार हो गए थे. लेकिन 17 दिन बाद 23 मई 201 को उनको दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
28 साल पहले शुरू हुआ था गैंगस्टरों और पहलवानों का नेक्सस
वैसे गैंगस्टर और पहलवानों का नेक्सस 28 साल पहले शुरू हुआ था. साल 1989 में नजफगढ़ के ढिचाऊं और मितराऊं गांव में गैंगवार की शुरुआत कृष्ण पहलवान ने की थी. कृष्ण ने साल 1992 में अपने ही रिश्तेदार रोहतास की हत्या कर दी थी. इस गैंगवार में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसके पीछे की वजह वर्चस्व की लड़ाई रही है.
कृष्ण पहलवान ढिचाऊं कला का जबकि अनूप बलराज मितराऊं गांव का रहने वाला था. एक प्लाट को लेकर ये गैंगवार शुरू हुई थी, जो आज भी सुलग रही है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, पिछले एक साल में 2 दर्जन से ज्यादा पहलवानों पर हत्या, हत्या के प्रयास, धमकी देना और मारपीट के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इनमें ज्यादातर किसी अखाड़े के विवाद से जुड़े हैं.
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