अपहरण केस में गिरफ्तार एचडी रेवन्ना के वकील ने कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका

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सैकड़ों महिलाओं के यौन शौषण के मामले में फंसे पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के बेटे जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. उनकी तरफ से उनके वकील पवन सागर ने ये याचिका कोर्ट में दाखिल की है. बीते शनिवार को उन्हें अपहरण एक केस में गिरफ्तार किया गया था. पिछले हफ्ते गुरुवार को मैसूरु में एक महिला के अपहरण का केस दर्ज कराया गया था. वो महिला भी यौन शोषण की शिकार है.

इस मामले में 2 मई को राजू एचडी नामक एक शख्स ने कर्नाटक केआर नगर पुलिस स्टेशन में अपहरण का केस दर्ज कराया था. उसने अपनी शिकायत में कहा था कि वो और उसकी मां छह साल से एचडी रेवन्ना के घर और फार्महाउस में काम कर रहे थे. लेकिन तीन साल पहले वो लोग काम छोड़कर अपने गांव में मजदूरी करने लगे. कुछ दिन पहले उनका एक परिचित सतीश घर आया. उसकी मां को अपने साथ लेकर चला गया.

कुछ दिनों बाद उसकी मां वापस आ गई. 29 अप्रैल की रात करीब 9 बजे सतीश फिर उसके घर आया. उसकी मां को यह कहते हुए जबरदस्ती ले गया कि रेवन्ना ने उसे लाने को कहा है. क्योंकि पुलिस उनको खोज रही है. 1 मई को उसका एक दोस्त उसके पास आया. उसने बताया कि उसकी मां का एक वीडियो वायरल हो रहा है. उसमें उनका यौन उत्पीड़न किया जा रहा है. इसके बाद उसने सतीश को कॉल करके मां को भेजने के लिए कहा था.

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अपहरण केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने रेवन्ना के खास सहयोगी संतोष बवन्ना को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद नोटिस भेजकर एचडी रेवन्ना को पूछताछ के लिए बुलाया था. अपने उपर गिरफ्तारी की लटकती तलवार को देखते हुए रेवन्ना ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी. लेकिन कोर्ट ने उसने खारिज कर दिया था. जन प्रतिनिधि अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट की पीठ ने अगली सुनवाई के लिए 6 मई की तारीख दी थी.

इससे पहले एसआईटी ने एचडी और प्रज्वल के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था. सीबीआई से अनुरोध किया था कि प्रज्वल के खिलाफ इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कराया जाए. इस स्कैंडल के खुलासे के बाद 27 अप्रैल को प्रज्वल विदेश भाग गए थे. उनकी गिरफ्तारी के सवाल पर कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा था कि पुलिस जरूरी कार्रवाई कर रही है. बहुत जल्द विदेश से वापस लाया जाएगा. उन्हें हर हाल में वापस आना होगा.

इस मामले में 700 से ज्यादा महिलाओं ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर प्रज्वल और एचडी रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. यह अभियान गूगल फॉर्म के जरिए चलाया गया. पत्र लिखने वाली महिलाओं ने इस मामले में एनसीडब्ल्यू की कमजोर प्रतिक्रिया पर सवाल उठाया है. अखिल भारतीय नारीवादी गठबंधन, वीमेन फॉर डेमोक्रेसी और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठनों के सदस्यों ने कार्रवाई की मांग की है.

इस पत्र पर 701 महिलाओं के हस्ताक्षर हैं. उन्होंने एचडी और प्रज्वल रेवन्ना की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है. इसके साथ ही गुजारिश की है कि साल 2023 से प्रज्वल रेवन्ना की आपराधिक गतिविधियों के बारे में सत्तारूढ़ दल को उपलब्ध जानकारी के बारे में पूछताछ करने के लिए कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष को समन जारी किए जाए. एनसीडब्ल्यू एक विधायक के रूप में एचडी रेवन्ना को अयोग्य ठहराने की सिफारिश करे. प्रज्वल रेवन्ना को सांसद के रूप में कार्यभार संभालने की छूट न दी जाए, भले ही वह लोकसभा चुनाव जीत जाए. एनसीडब्ल्यू की कमजोर प्रतिक्रिया पर भी सवाल उठाया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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