राजस्थान में प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं किस स्तर तक धांधली हो सकती है, इसकी बानगी एक बार फिर सामने आई है. जहां एक सरकारी शिक्षक ने अपनी बहन को सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर एक कॉलेज के प्रिंसिपल को 10 लाख रुपये तक दे दिए. हालांकि, प्रिंसिपल तय सौदे के तहत उसकी बहन को जब थर्ड ग्रेड टीचर की नौकरी नहीं लगवा पाया तो शिक्षक ने राशि वापस मांगी. लेकिन प्रिंसिपल ने 10 लाख रुपए नहीं लौटाए तो शिक्षक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकरप्रिंसिपल काअपहरण कर लिया, तब जाकर पूरे प्रकरण का पटाक्षेप हुआ.
जयपुर दक्षिण पुलिस उपायुक्त दिगंत आनंद ने बताया, 5 मई को सुबह करीब 9 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना प्राप्त हुई कि एक कार स्विफ्ट डिजायर रंग सफेद नंबर (RJ 05 CC 9316) में सवार बदमाश प्रमोद शर्मा (50 साल) का गोनेर मोड राधा विहार कॉलोनी से अपहरण करके ले गए हैं. अपहरण की जानकारी मिलते ही पुलिस ने पूरे जयपुर शहर में नाकाबंदी करवा दी. जिसके बाद देर रात सांगानेर पुलिस ने नई मंडी मउ चौकी के पास से अपहरणकर्ताओं को दस्तयाब कर अपहृत व्यक्ति को उनके चंगुल से मुक्त करवा लिया. पुलिस ने मौके से आरोपी रोहिताश गुर्जर, ब्रजेश गुर्जर और बंटी गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया.
अपहृत व्यक्ति प्रमोद कुमार शर्मा करौली जिले के हिंडौन सिटी का रहने वाला हैं और एक प्राइवेट बीएड कॉलेज में प्रिंसिपल हैं. जिसने आरोपी रोहिताश गुर्जर से पूर्व में उसकी बहन को तृतीय श्रेणी शिक्षक की नौकरी लगाने के नाम पर 10 लाख रुपए लिए थे, लेकिन नौकरी नहीं लगी तो प्रिंसिपल ने राशि हड़प ली. जिसके बाद मनमाफिक ब्याज के रूप में राशि वसूल करने के लिए काफी दिनों से अपहृत व्यक्ति और उसके परिवार को धमकियां दी जा रही थीं.
लेकिन पीड़ित ने जब पैसे नहीं दिए गए तो अपना मकसद पूरा करने के लिए आरोपी ने प्रमोद का उसके घर से अपहरण कर लिया गया. बता दें कि जिस प्रिंसिपल प्रमोद शर्मा का अपहरण हुआ है, उसके खिलाफ पूर्व में हलेना और हिण्डोन पुलिस थाने में नौकरी के नाम पर ठगी करने के दो एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें प्रमोद करीब एक साल जेल की सलाखों में सजा भी काट चुका है.
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