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मनीला: कहते हैं कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। भारत और फिलिपींस के संबंधों में यह कहावत एकदम सटीक बैठती है। भारत और फिलीपींस दोनों की चीन के साथ घनघोर दुश्मनी है। दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार फिलीपींस को चुनौती दे रहा है। इस कारण भारत और फिलीपींस के रक्षा संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं। हाल में ही भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी की है। इसके अलावा भारत ने एएलएच मार्क तीन हेलीकॉप्टर का भी ऑफर दिया हुआ है। इस बीच भारत ने फिलीपींस के एक बंदरगाह को लीज पर लेने की तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) के प्रबंध निदेशक करन अडानी ने 2 मई को फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर से मुलाकात की।
फिलिपींस के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, APSEZ लिमिटेड अपनी बंदरगाह विकास योजना के लिए बाटन पर विचार कर रहा है। कंपनी की योजना 25 मीटर गहरा बंदरगाह विकसित करने की है जिसमें पैनामैक्स जहाज़ों को रखा जा सके। विज्ञप्ति में कहा गया है, "राष्ट्रपति मार्कोस ने फिलीपींस में APSEZ विस्तार योजनाओं का स्वागत किया, सुझाव दिया कि यह कृषि उत्पादों को संभालने वाले बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है ताकि फिलीपींस को अंततः विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सके।"
APSEZ पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित सात बंदरगाहों और टर्मिनलों (गुजरात में मुंद्रा, ट्यूना, दहेज और हजीरा, गोवा में मोरमुगाओ, महाराष्ट्र में दिघी और केरल में विझिनजाम) के साथ भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है। भारत के पूर्वी तट पर पश्चिम बंगाल में हल्दिया, ओडिशा में धामरा और गोपालपुर, आंध्र प्रदेश में गंगावरम और कृष्णापट्टनम, तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर और पुडुचेरी में कराईकल कई बंदरगाहों का काम यह कंपनी पहले से ही देखती है। ऐसे में APSEZ के पास बहुत ज्यादा अनुभव है।
बाटन बंदरगाह पर भारत के नियंत्रण से चीन की टेंशन कई गुना बढ़ जाएगी। यह बंदरगाह दक्षिण चीन सागर के किनारे स्थित है। चीन इस सागर के अधिकतर हिस्सों पर अपना दावा करता है। बाटन बंदरगाह चीन के हैनियन प्रांत के ठीक सामने स्थित है। हैनियन प्रांत चीनी नौसेना का एक प्रमुख ठिकाना है। ऐसे में अगर भारत फिलीपींस के बाटन बंदरगाह का नियंत्रण अपने हाथों में लेता है तो इससे दक्षिण चीन सागर में एक बड़ी रणनीतिक बढ़त मिलने की संभावना है।
फिलीपींस के राष्ट्रपति कार्यालय ने क्या बताया
फिलिपींस के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, APSEZ लिमिटेड अपनी बंदरगाह विकास योजना के लिए बाटन पर विचार कर रहा है। कंपनी की योजना 25 मीटर गहरा बंदरगाह विकसित करने की है जिसमें पैनामैक्स जहाज़ों को रखा जा सके। विज्ञप्ति में कहा गया है, "राष्ट्रपति मार्कोस ने फिलीपींस में APSEZ विस्तार योजनाओं का स्वागत किया, सुझाव दिया कि यह कृषि उत्पादों को संभालने वाले बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है ताकि फिलीपींस को अंततः विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सके।"
अडानी पोर्ट्स के पास लंबा अनुभव
APSEZ पश्चिमी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित सात बंदरगाहों और टर्मिनलों (गुजरात में मुंद्रा, ट्यूना, दहेज और हजीरा, गोवा में मोरमुगाओ, महाराष्ट्र में दिघी और केरल में विझिनजाम) के साथ भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है। भारत के पूर्वी तट पर पश्चिम बंगाल में हल्दिया, ओडिशा में धामरा और गोपालपुर, आंध्र प्रदेश में गंगावरम और कृष्णापट्टनम, तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर और पुडुचेरी में कराईकल कई बंदरगाहों का काम यह कंपनी पहले से ही देखती है। ऐसे में APSEZ के पास बहुत ज्यादा अनुभव है।
चीन की बढ़ेगी टेंशन
बाटन बंदरगाह पर भारत के नियंत्रण से चीन की टेंशन कई गुना बढ़ जाएगी। यह बंदरगाह दक्षिण चीन सागर के किनारे स्थित है। चीन इस सागर के अधिकतर हिस्सों पर अपना दावा करता है। बाटन बंदरगाह चीन के हैनियन प्रांत के ठीक सामने स्थित है। हैनियन प्रांत चीनी नौसेना का एक प्रमुख ठिकाना है। ऐसे में अगर भारत फिलीपींस के बाटन बंदरगाह का नियंत्रण अपने हाथों में लेता है तो इससे दक्षिण चीन सागर में एक बड़ी रणनीतिक बढ़त मिलने की संभावना है।
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