Chaitra Navratri 2023 Maha Ashtami- चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी है आज, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

4 1 51
Read Time5 Minute, 17 Second

Chaitra Navratri 2023 Maha Ashtami: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई थी.इस बार की चैत्र नवरात्रि बेहद खास है क्योंकि चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत हुई है. पूरे देश में नवरात्रि का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. नवरात्रि के दो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं, अष्टमी और नवमी तिथि. अष्टमी तिथि को माता महागौरी की उपासना की जाती है, इस दिन बहुत सारे लोग विशेष उपवास भी रखते हैं. अष्टमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है.

महाअष्टमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्त (Mahashtami 2023 Kanya Pujan Shubh Muhurat)

इस साल अष्टमी आज यानी 29 मार्च, बुधवार को है. हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च, बुधवार कल शाम 07 बजकर 02 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 29 मार्च आज रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. आज भद्रा काल सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा, इसके बाद पूरे दिन कन्या पूजन किया जा सकता है.

महाअष्टमी कन्या पूजन की विधि (Mahashtami 2023 Kanya Pujan Vidhi)

अष्टमी कन्‍या भोज या पूजन के लिए कन्‍याओं को एक दिन पहले आमंत्रित किया जाता है. गृह प्रवेश पर कन्याओं का पुष्प वर्षा से स्वागत करें. नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं. इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाकर सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से धोएं.

इसके बाद पैर छूकर आशीष लें. माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाएं. फिर मां भगवती का ध्यान करके देवी रूपी कन्याओं को इच्छानुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीष लें. आप नौ कन्याओं के बीच किसी बालक को कालभैरव के रूप में भी बिठा सकते हैं.

महाअष्टमी कन्या पूजन के नियम (Mahashtami Kanya Pujan niyam)

नवरात्रि में सभी तिथियों को एक-एक और अष्टमी या नवमी को नौ कन्याओं की पूजा होती है. दो वर्ष की कन्या (कुमारी) के पूजन से दुख और दरिद्रता मां दूर करती हैं. तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति रूप में मानी जाती है. त्रिमूर्ति कन्या के पूजन से धन-धान्‍य आता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. चार वर्ष की कन्या को कल्याणी माना जाता है. इसकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है. जबकि पांच वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है. रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है. छह वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है.

कालिका रूप से विद्या, विजय, राजयोग की प्राप्ति होती है. सात वर्ष की कन्या का रूप चंडिका का है. चंडिका रूप का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. आठ वर्ष की कन्या शाम्‍भवी कहलाती है. इनका पूजन करने से वाद-विवाद में विजय प्राप्त होती है. नौ वर्ष की कन्या दुर्गा कहलाती है. इसका पूजन करने से शत्रुओं का नाश होता है तथा असाध्य कार्यपूर्ण होते हैं. दस वर्ष की कन्या सुभद्रा कहलाती है. सुभद्रा अपने भक्तों के सारे मनोरथ पूर्ण करती है.

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

जब सिनेमाघरों में लगी थी देवानंद की फिल्म, खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते थे धर्मेंद्र

Dharmendra Big Fan Of Dev Anand: बॉलीवुड इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों में कई नाम शामिल हैं, उन्हीं में देवानंद और धर्मेंद्र का नाम भी शामिल है, जिन्होंने अपने-अपने दौर में कई हिट फिल्मों में काम किया और बॉलीवुड से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज कि

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now