झारखंड में सिपाही भर्ती परीक्षा मेंफिजिकल टेस्ट के दौरान करीब 11अभ्यर्थियों की मौत हो गई है. अभ्यर्थियों को 1 घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ना था. दौड़ के लिए सुबह 5 बजे का समय था. सभी अभ्यर्थी 5 बजे से लाइन में लग गए थे लेकिन दौड़ सुबह 11 बजे शुरू हुई थी. ऐसे में कई लोग बेहोश हो गए थे और करीब 11 लोगों की मौत हो गई.
दौड़ने को काफी अच्छी कार्डियोवैस्कुल एक्सरसाइज माना जाता है. इससे हार्ट-लंग्स मजबूत होते हैं और काफी मात्रा में कैलोरी बर्न भी होती है. रनिंग देखने में तोकाफी आसान लगती है लेकिन रनिंग करने का सही तरीका सभी को पता होना जरूरी है, नहीं तो साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं. अगर आपको कहीं हार्ट डिसीज है तो छोटी सी गलती आपके लिए जानलेवा भी हो सकती है.
दौड़ने के लिए एंड्यूरेंस और स्टैमिना होना काफी जरूरी है. जिन लोगों का स्टैमिना और एंड्यूरेंस अच्छा होता है, वे लोग बिना थके लंबी दूरी तक दौड़ सकते हैं लेकिनअगर किसी में स्टैमिना और एंड्यूरेंस की कमी होती है तो वहजल्दी थक जाएगा.
पुलिस, आर्मी फिजिकल टेस्ट के अलावा फिटनेस फ्रीक, स्पोर्ट पसंद करने वाले लोगों की लाइफ में भी रनिंग अहम हिस्सा होती है. हर कोई रनिंग करते समय एंड्यूरेंस और स्टैमिना को सही रखना चाहता है ताकि वह कम समय में लंबी दूरी तय कर सके. इसके लिए वो किस तरह से प्रैक्टिस करें ताकि स्टैमिना और एंड्यूरेंस बढ़ सके, रनिंग शुरू करने से पहले किन सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए, अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमता को पहचान कर कैसे रनिंग को अपने रुटीन में शामिल करें, चलिएइस बारे में डॉक्टर्स और फिटनेस एक्सपर्ट से विस्तार से जानते हैं-
एंड्यूरेंस और स्टैमिना को ऐसे समझें
स्टैमिना और एंड्यूरेंस दोनों ही ऐसे शब्द हैं जो यह दिखाते हैं कि आप कितनी देर तक फिजिकल एक्टिविटी कर सकते हैं. अक्सर लोग इनका इस्तेमाल गलत रूप में कर देते हैं लेकिन इनके बीच मामूली सा अंतर है.
किसी फिजिकल एक्टिविटी को पूरी क्षमता के साथ कितने समय तक किया जा रहाहै, वह स्टैमिना कहलाताहै.हाई इंटेंसिटी वाली हर एक्टिविटी में स्टैमिना की जरूरत होती है. फुटबॉल, ट्रायथलॉन, रोइंग, मार्शल आर्ट, टेनिस और बास्केटबॉल में भी स्टैमिना की जरूरत होती है.स्टैमिना अच्छा होने से आप फिजिकल और मेंटली रूप से हेल्दी रह सकते हैं.
कोई एक्टिविटी कितने समय तक की जा सकती है, वह एंड्यूरेंस कहलाती है. आसान शब्दों में समझें तो एंड्यूरेंस बताता है कि एक्टिविटी को सही तरह से करने के लिए आपके शरीर में चारों ओर ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए आपका हार्ट, फेफड़े और मसल्स कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं.
किसी भी एक्टिविटी को लंबे समय तक करने के लिए एंड्यूरेंस की जरूरत होती है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण है मैराथन दौड़ना. इसमें आपका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम आपके शरीर में हर जगह तेजी से ऑक्सीजन और खून पहुंचाता है ताकि आप देर तक एक्टिविटी कर पाएं. एंड्यूरेंस वाली एक्टिविटी में क्षमता बढ़ानेपर नहींबल्कि अधिक देर तक उस एक्टिविटी को करने पर ध्यान दिया जाता है.
धीरे-धीरे बढ़ाएं कैपेसिटी: डॉ.गुरमीत सिंह छाबड़ा
फरीदाबाद के यथार्थ हॉस्पिटल में पल्मोनोलॉजी के डायरेक्टरडॉ.गुरमीत सिंह छाबड़ा (Dr Gurmeet Singh Chabbra) ने बताया, 'लंग्स इंसानी शरीर का सबसे अहम अंग हैं. किसी भी इंसान की लंग्स हेल्थ अच्छी होना काफी जरूरी है. रनिंग करने वालों के लंग्स यानी फेफड़ों का मजबूत होना भी काफी जरूरी है.'
'लंग्स हेल्थ के लिए आपके आसपास का प्रदूषण काफी जिम्मेदार होता है. हालांकि लोगों को लगता होगा कि उनके आसपास कोई फैक्ट्रीनहीं है, न ही कोई एयर पॉल्युशन है तो उनके यहां की हवा अच्छी होगी,लेकिन ऐसा नहीं है. हवा में छोटे-छोटे प्रदूषण के पार्टिकल्स होते हैं जो सांस के द्वारा लंग्स तक पहुंच जाते हैं. कई बार ये पार्टिकल्स, लंग्स को डैमेज करने, स्ट्रोक आने और हार्ट अटैक के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इसलिए अपने आसपास केपॉल्युशन का ध्यान रखें, घर में पेड़-पौधे लगाएं, वेंटिलेशन की सुविधा रखें.'
'अगर किसी को लंग्स की कैपेसिटी बढ़ानी है तो उसे अचानक अपने शरीर पर लोड नहीं डालना है. पहले वह किसी एक्सपर्ट के अंडर में रहकर लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज जैसेयोग, वॉक सेशुरुआत कर सकता है. फिर उसके बाद तेज वॉक करे. ऐसा नहीं कि पहले दिन ही 2-3 किलोमीटर की रनिंग करने निकल जाए. पहले अपने लंग्स और हार्ट को इतनी देर की एक्टिविटी के लिए मजबूत बनाना होगा, फिर धीरे-धीरे लोड बढ़ाएं.'
डॉ.गुरमीत ने आगे कहा, 'आपको यह भी देखने की जरूरत होगी कि आपको पहले से कोई लंग्स या हार्ट की कोई बीमारी तो नहीं है. अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) की शिकायत तो नहीं है या आपको कोरोना तो नहीं हुआ था. क्योंकि ये देखा गया है जिन लोगों को कोविड हुआ था, उनमें से कई लोग डांस करते करते या कोई एक्टिविटीकरते हुए भी गिर गए और उनकी अचानक मौत हो गई.
'मैं सजेस्ट करूंगा कि बिना किसी एक्सपर्ट के कोई भी एक्टिविटी न करें. पहले एक्सपर्ट बॉडी का बेसिक चेकअप करे, पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट करें. अगर कोई बीमारी है भी तो किस स्थिति में है. यह सारी जानकारी के बाद ही एडवाइज करे कि वह कितनी एक्टिविटी कर सकता है. अगर किसी की सांस अधिक फूल रही है या छाती में पेन शुरू हो गया है तो वह वहीं रुक जाए, इससे अधिक एक्सरसाइज उसे नहीं करनी है.'
'लंग्स में कोई भी इंफेक्शन हो तो उसके बाद वैक्सीनेशन जरूर कराएं क्योंकि हर फंक्शन लंग्स को कमजोर कर देता है. आपका खाना, आपकी डाइट आपकी नींद भी काफी जरूरी है. लंग्स और हार्ट आपस में मिलकर काम करते हैं. इसलिए दोनों की हेल्थ के लिए ये सारी चीजें जरूरी हैं. प्रोटीन, कार्ब, फैट, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की सही मात्रा लंग्स और हार्ट की हेल्थ को सही रखने में मदद करती हैं.'
प्रैक्टिस और डाइट है जरूरी: IGP, आईपीएस विवेक राज सिंह कुकरेले
असम के बोडोलैंड टैरीटोरियल रीजन और मार्डनाइजेशन प्लानिंग और कॉर्डिनेशन के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस विवेक राज सिंह कुकरेले (IPS Vivek raj Singh) फिटनेस फ्रीक हैं और रोजाना कम से कम 10 किलोमीटर रनिंग करते हैं. उनसे जब लंबी रनिंग करने कातरीका पूछातो उन्होंने कहा,'अधिकतर लोग रनिंग के समय अपनी पल्स रेट नहीं देखते. कई बार अधिक पल्स रेट होने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए हमेशा पल्स रेट पर अपनी नजर रखनी चाहिए. पहले आप हार्ट हेल्थ को मजबूत बनाएं और फिर लंबी रनिंग करने जाएं.इसकेलिए आपको प्रैक्टिस की जरूरत होगी.'
'मैंने पहले तेज वॉक की प्रैक्टिस की थी. मैं 15-20 किलोमीटर की वॉक रोजाना करता थाइसलिए लंबी रनिंग के लिए तैयार होने के लिए आप पहले तेज वॉक करें और छोटे-छोटे गोल डिसाइड करें. पहले दिन ही 10 किलोमीटर की रनिंग का टारगेट न बनाएं.'
आईपीएस विवेक राज सिंह आगे कहते हैं. 'अगर आपकी प्रैक्टिस अच्छी हो गई है तो आपको फिर अपनी डाइट पर ध्यान देना होगा. रनिंग में काफी एनर्जी की जरूरत होती हैइसलिए आपको रनिंग से पहले कार्ब खाना चाहिए. केला, ब्रेड की स्लाइस, चावल रनिंग के दौरान अच्छी एनर्जीदेसकतेहैं.'
हेल्थ लाइन के मुताबिक, पल्स रेट, हृदय की धड़कन की दर को कहते हैं. आपका हार्ट एक मिनट यानी 60 सेकंड में कितनी बार धड़कता है, उसे पल्स रेट कहते हैं. आम तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति की पल्स रेट 60 से 100 बीट प्रति मिनट होती है लेकिन यह हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है. उम्र, जेंडर, एक्टिविटी और हेल्थ जैसे कारक पल्स रेट को प्रभावित कर सकते हैं. अधिकतम पल्स रेट जानने के लिए220 में से किसी व्यक्ति की उम्र को माइनस कर दें. उदाहरण के लिए किसी की उम्र यदि 30 साल है तो 220-30=190 उसकी अधिकतम पल्स रेट होगी.
ऐसे करें रनिंग की शुरुआत
आदित्य रॉय कपूर, वरुण धवन, तापसी पन्नू, कियारा आडवाणी जैसे सेलेब्स को ट्रेनिंग दे चुके सेलेब्रिटी कोच, माउंटेनियर, ब्राजीलियन जिउ जित्सु ब्लू बेल्ट रोबिन बहल (Robin Behl) ने बताया, '10 किलोमीटर रनिंग करना कुछ लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है और कुछ लोगों के लिए आसान हो सकता है. जो काउच पोटैटो (आलसी) हैं, जो कोई भी फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं, उन लोगों के लिए अचानक से रनिंग करना काफी मुश्किल हो सकता है. पहली चीज ये है कि इसके लिए प्रैक्टिस करनी चाहिए. इसके लिए आपको 1-2 महीने की प्रैक्टिस की जरूरत होगी. पहले आप सिर्फ 1 या 1.5 किलोमीटर की हल्की रनिंग करें और समय न देखें.'
'इसके बाद पिरामिड स्टाइल में चार्ट बनाएं यानी पहले 1 किलो मीटर की रनिंग, उसके बाद 3 किलोमीटर की रनिंग, फिर 1 किलोमीटर की रनिंग करें. पहले आप टाइम नहीं देखें क्योंकि ऐसा करने सेआपके मन में डर बैठ जाएगाकि आप इतनी रनिंग नहीं कर सकते.'
'इसके बाद फिर टाइम देखना शुरू करें. पहले आप ये देखें कि 5 किलोमीटर रनिंग कितनी देर में कर रहे हैं. 5 किलोमीटर रनिंग को 30 मिनट के अंदर लाने की कोशिश करें और फिर 7 किलोमीटर की प्रैक्टिस करें. इसके बाद आप फिर से 5 किलोमीटर रनिंग पर करें जो आप काफी कंफर्टेबल तरीके से कर लेंगे.'
'इसके अलावा नींद, न्यूट्रिशन, रिकवरी पर भी ध्यान देना काफी जरूरी है. इन सबके बिना आप हेल्दी तरीके से रनिंग नहीं कर पाएंगे. साथ में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी करें ताकि ज्वाइंट मजबूत हो सकें.'
स्ट्रेचिंग और मोबिलिटी पर भी दें ध्यान: सेलेब्रिटी फिजियोथेरेपिस्ट सागर पुजारी
ऋतिक रोशन, टाइगर श्रॉफ जैसे कईसेलेब्रिटीज के साथ काम कर चुके मुंबई केफिजियोथेरेपिस्ट सागर पुजारी ने कहा, 'जो लोग लंबी रनिंग करते हैं, वे लोग रिकवरी पर कम ध्यान देते हैं. कई लोगों को लगता है रनिंग के बाद न्यूट्रिशन सबसे जरूरी होता है लेकिन रनिंग के बाद स्ट्रेचिंग सबसे अहम होता है. स्ट्रेचिंग करने से मसल्स की रिकवरी बढ़ती है.'
'स्ट्रेचिंग करने से मसल्स लूज होते हैं और रनिंग के समय ज्वाइंट पर अधिक लोड नहीं आता. इसलिए रनिंग से पहले वॉर्मअप करें और बाग में स्ट्रेचिंग और फोम रोलिंग करें. क्वार्ड, हैम्स्ट्रिंग, मिड बैक, टोज, एंकल, कॉफ, हिप्स की मोबिलिटी और एक्सरसाइज करने से आपको लंबी दूरी की रनिंग में मदद मिलेगी.'
ट्रेडमिल रनिंग या आउटडोर रनिंग, क्या है बेहतर?
ट्रेडमिल पर रनिंग करने और आउटडोर रनिंग करने को लेकरसालों से बहस होती आ रही है. लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि दोनों के अलग-अलग फायदे और नुकसान हैं. यह सिर्फ आपकी पर्सनल जरूरत और गोल्स पर डिपेंड करता है कि आप ट्रेडमिल पर रनिंग करें या फिरआउटडोर रनिंग. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रेडमिल रनिंग की तुलना में आउटडोर रनिंग में ज्यादा स्टैमिना की जरूरत होती है.
घर या जिम में ट्रेडमिल पर रनिंग करने वाला, बारिश के दिनों में की जानी वाली आउटडोर रनिंग में अधिक थकावट महसूस करेगा. भले ही ट्रेडमिल पर रनिंग करने वाला कितनी अधिक कैलोरी बर्न करे या फिर उसकी हार्ट रेट कितनी भी हाई रहे. उसी तरह गर्म, धूप वाली जगह, घाटी वाली जगह या पहाड़ी जगह पर दौड़ने पर अधिक थकावट होगी क्योंकि ट्रेडमिल पर आप ज्यादातर समान स्पीड से दौड़ेंगे.
भले ही आप ट्रेडमिल पर एक ही गति से दौड़ते हों, लेकिन आम तौर पर आप आउटडोर में दौड़ने में अधिक एनर्जी खर्च करेंगे. कैलोरी बर्न में यह अंतर न केवल वातावरण, मौसम और हवा की स्थिति में बदलाव के कारण होता है, बल्कि इसलिए भी होता है क्योंकि ट्रेडमिल आपको आगे की ओर धकेलता है जिससे कम कैलोरी बर्न होती है.
बाहर आउटडोर रनिंग करने वालों के लिएखराब मौसम में दौड़ना असुविधाजनक होता है. अधिक गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन या थकावट का खतरा होता है. सर्दी या बारिश के दिनों में भी आप ऐसी ही असुविधाओं और जोखिमों का सामना करते हैं. अगर आप घर या जिम में दौड़ रहे हैं, तोआप कभी भी किसी भी मौसम में रनिंग कर सकते हैं. लेकिन आउटडोर रनिंग के लिए हल्का ठंडा मौसम चाहिए होता है ताकि थकान, डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं न आएं.
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