प्रदूषण से बचने के लिए खरीद रहे हैं मास्क, जानिए कहीं गलत मास्क तो नहीं ले लिया

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हर साल वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर के हालात बेहद कराब हो जाते हैं. कई इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स काफी ज्यादा खराब हो गयाहै. हवा में फैले इस प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय भी अपनाए जा रहे हैं .

वायु प्रदूषण को इसलिए भी खतरनाक माना जाता है क्योंकि सांस के रूप में काफी भारी मात्रा में प्रदूषण हमारे शरीर और फेफड़ों में चला जाता है जिससे कई प्रकार की दिक्कतों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में इस खतरनाक प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को N95 मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है.

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए के बीच इस चीज को लेकर काफी ज्यादा कंफ्यूजन देखा जा रहा है कि एयर-पॉल्यूशन मास्क कितने प्रकार के होते हैं और इनमें से कौन सा मास्क सबसे बेहतर माना जाता है.

आमतौर पर जो फेस मास्क मार्केट में बिकते हैं, उससे व्यक्ति कामुंह और नाक कवर हो जाती है. मुंह और नाक, हमारे शरीर के दो ऐसे एरिया है जहां से बैक्टीरिया, वायरस और पार्टिकल्स का हमारे शरीर में घुसना काफी आसान हो जाता है.

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भयंकर एयर पॉल्यूशन के साथ ही गाड़ियों से निकलने वाले खतरनाक धुएं से बचने के लिए जरूरी है कि आप मास्क का इस्तेमाल करें. मार्केट में ऐसे कई मास्क उपलब्ध है जिससे आप अपनी बॉडी को प्रोटेक्ट कर सकते हैं, जैसे सर्जिकल और क्लॉथ मास्क, N95 मास्क, N99 मास्क, N100 मास्क, P95 और R95 मास्क.

दिल्ली में, पंजाबी बाग स्थित, सीके बिरला हॉस्पिटल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर विकास मित्तल ने कहा कि आपको ऐसे मास्क खरीदने चाहिए जिनकी सील पक्की हो और उनमें कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने के लिए वॉल्व बने हो, खासतौर पर तब, जब आप ज्यादा मेहनत वाला काम कर रहे हों.

सर्जिकल और डिस्पोजेबल मास्क से बेहतर है कि आप रियूजेबल मास्क पहनें. अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी (क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) और सांस लेने से जुड़ी अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क में अतिरिक्त आराम के लिए सिलिकॉन लाइनिंग होनी चाहिए.

N95 मास्क को पॉल्यूशन और कोविड-19 जैसी स्थितियों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. 'N' एक रेस्पिरेटरी रेटिंग लेटर क्लास है, जिसका मतलब है नॉन-ऑयल जिसका मतलब है कि यह हवा में ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स को फिल्टर नहीं करता है.

'95' सुरक्षा के प्रतिशत को दर्शाता है. इसलिए N95 मास्क 0.3 माइक्रोन या उससे बड़े आकार के कम से कम 95% कणों को फ़िल्टर कर सकता है.

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N99 और N100 मास्क: ये हाई लेवल फिल्टरेशन करते हैं, N99 99% हवा में मौजूद कणों को फ़िल्टर करता है और N100 99.97% तक फ़िल्टर करता है. इनका इस्तेमाल बहुत अधिक प्रदूषित जगहों पर किया जाता है. N95 मास्क की तुलना में यह काफी अच्छे माने जाते हैं. लेकिन इनमें सांस लेना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे में आप इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं कर सकते. यह हवा में ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स को फिल्टर नहीं करते हैं.

P95 और R95 मास्क-P95 मास्क ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स से आपको बचाते हैं, इससे ये नॉन-ऑयल और ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स वाले वातावरण के लिए परफेक्ट माने जाते है, लेकिन इन्हें शॉर्ट टर्म के लिए उपयोग किया जा सकता है.

सर्जिकल और क्लॉथ मास्क- ये बेसिक सुरक्षा देते हैं लेकिन आम तौर पर PM2.5 जैसे महीन कणों के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं. ये आपके चेहरे पर अच्छे से फिट नहीं होते जिस कारण प्रदूषण के कण आसानी से आपके नाक और मुंह में जा सकते हैं. अधिक प्रदूषण वाले इलाकों में कपड़े वाले मास्क कोई काम नहीं आते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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