Pakistan Economic Crisis: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान कंगाल हो चुका है. पूरा देश भीषण आर्थिक संकट में फंसा हुआ है. महंगाई आसमान छू रही है और पैसा न होने के चलते पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक (World Bank) और आईएमएफ (IMF) जैसी संस्थाओं के सामने आर्थिक भीख मांग रहा है.
हालात यह है कि पाकिस्तान के नागरिक न सिर्फ देश में बल्कि विदेश जाकर भी भीख मांग रहे हैं. बदनामी से बचने के लिए पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) ने अब भिखारियों पर अंकुश लगाने का फैसला किया है. सरकार विदेश में भीख मांगने वालों के पासपोर्ट रद्द कर रही है.
2,000 से अधिक पेशेवर भिखारियों के पासपोर्ट निलंबित पाकिस्तान के डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने 2,000 से अधिक पेशेवर भिखारियों के पासपोर्ट निलंबित करने का फैसला किया है. जो विदेशों में जाकर भीख मांगते थे, जिससे देश की छवि का नुकसान होता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के ऐसे लोग जो बाहर देशों में भीख मांग रहे हैं, उनकी एक लिस्ट दुनिया भर में पाकिस्तानी दूतावासों से एकत्र करने के लिए कहा गया है.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान के बाहर भीख मांगते पकड़े गए व्यक्तियों के पासपोर्ट सात साल के लिए निलंबित किए जा सकते हैं. पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि विदेश में भीख मांगने से न केवल पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि इसके नागरिकों का सम्मान भी कम होता है. यही वजह है पाकिस्तान सरकार इस तरह अपने देश के भिखारियों के पीछे पड़ गई है.
एजेंटों पर भी सख्ती इसके अलावा सरकार विदेश में भीख मांगने में लगे व्यक्तियों की सहायता करने वाले एजेंटों के पासपोर्ट को भी रद्द कर देगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पता चला है कि कई भिखारी तीर्थयात्रा या उमराह के लिए सऊदी अरब, ईरान और इराक जैसे देशों में जाते हैं, लेकिन वहां जाकर वे सारे लोग भीख मांगने लगते हैं.
भीख मांगने के संदेह में कई गिरफ्तार पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान से 24 लोग आए थें. वो सभी तीर्थयात्री बनकर सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट में चढ़ रहे थें. हालाकिं बाद में उन सभी को हिरासत में लिया गया था, क्योंकि उन पर भीख मांगने का संदेह था. इस घटना से ठीक दो दिन पहले, मुल्तान हवाई अड्डे पर भी अधिकारियों ने भीख मांगने के संदेह में सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट से 16 लोगों को उतार दिया था. उनके पास उमराह वीजा था, जो मक्का में इस्लामी तीर्थयात्रा के लिए होता है. इससे साल के किसी भी समय पर यात्रा करने की परमिशन मिल जाती है.
रमजान में दुबई ने चलाया था भिखारियों के खिलाफ अभियान हाल ही में खत्म हुए रमजान महीने में दुबई ने भिखारियों के खिलाफ अभियान चलाया था. इस दौरान अधिकारियों ने दुबई के अंदर से 200 से ज्यादा भिखारियों को हिरासत में लिया था.
पाकिस्तान से 90 प्रतिशत पेशेवर भिखारी पाकिस्तानी सांसदों के साथ साझा की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य-पूर्व देशों में गिरफ्तार किए गए 90 प्रतिशत पेशेवर भिखारी पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सऊदी अरब की प्रतिष्ठित ग्रैंड मस्जिद के आसपास पॉकेटमारी सरीखे अपराधों में भी ज्यादातर पाकिस्तानी ही शामिल होते हैं. पाकिस्तानी प्रवासी मंत्रालय के सचिव जुल्फिकार हैदर ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए पिछले साल बताया था कि. उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के भिखारी काफी संख्या में देश छोड़ रहे हैं, विदेश जाने के लिए वे लोग समुद्री रास्ते का इस्तेमाल करते हैं."
पाकिस्तानी भिखारियों से दुनिया परेशान जुल्फिकार हैदर ने बताया कि भिखारी विदेशों में तीर्थ वीजा लेकर जाते हैं और वहां जाकर तीर्थयात्रियों से भीख मांगते हैं. इस वजह से पाकिस्तानियों की छवि खराब हो रही है. हैदर ने कहा कि भिखारियों के देश छोड़ने की वजह से इराक और सऊदी अरब लगातार शिकायत करते हैं कि हम उनके देश में भिखारी भेज रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, "इराक और सऊदी अरब की जेल पाकिस्तानी भिखारियों से भरी पड़ी है."
पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को लेकर नेता परेशान पाकिस्तानी नेताओं ने बताया कि विदेशों में इंजीनियरों, नर्सों, आईटी विशेषज्ञों और पैरामेडिकल और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों से कुशल पेशेवरों को भेजना चाहिए, इससे देश की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. हैदर ने बताया, "अगर हम पेशेवरों को विदेश भेजते हैं, तो हमारा पारिश्रमिक बढ़ेगा और हमारी विश्वसनीयता (दूसरे देशों के साथ) में सुधार होगा."
पाकिस्तान में कितना कमाते हैं भिखारी? पाकिस्तानी स्टार्टअप के मुताबिक, पाकिस्तान में भीख मांगना अब आम चलन में है, लोग बड़ी संख्या में भीख मांगते हैं. पाकिस्तानी स्टार्टअप ने भिखारियों के एजेंट के हवाले से बताया है कि देश के भिखारी हर महीने औसतन 50 हजार पाकिस्तानी रुपये कमाते हैं, जबकि जो चालाक होते हैं वे 2 लाख तक कमाते हैं.
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