स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, भिवानी। अब से पहले दक्षिण हरियाणा की राजनीति का कुछ अलग ही ट्रेंड रहा है। कभी कांग्रेस तो अब भाजपा की राजनीति (Lok Sabha Election 2024) कर रहे केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत जिसके साथ होते हैं, प्रदेश में उस दल का दबदबा कायम रहता है। अहीरवाल में यादव जाट को पसंद नहीं करते और जाट कहीं न कहीं यादवों से कन्नी काटते रहे हैं।
मुस्लिम बाहुल्य मेवात में भाजपा के साथ मुकाबला करने वाले दल को अक्सर मुस्लिमों का समर्थन मिलता देखा गया है। गगनचुंबी इमारतों वाले मिलिनियम सिटी गुरुग्राम और लगभग उसी की तर्ज पर विकसित होते जा रहे फरीदाबाद में परंपरागत राजनीति का ट्रैक रिकॉर्ड है।
ब्राह्मण, वैश्य, क्षत्रिय और कुछ दलितों को भाजपा का बंधा हुआ वोटर माना जाता है। इस बार स्थितियां पूरी तरह से बदली हुई हैं। जातीय समीकरण गड़बड़ाए हुए हैं तो मतदाताओं के नये कंबीनेशन (गठजोड़) बन रहे हैं।
राजपूत भाजपा से थोड़ा नाराज हैं, लेकिन जिस तरह से वंचित वर्ग केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में देखने के लिए आतुर है, वह भाजपा की राजनीतिक सेहत के लिए काफी अच्छा टानिक साबित हो सकता है।
राव इंद्रजीत के लिए कंफर्ट जोन गुड़गांव सीट
दक्षिण हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी-महेंद्रगढ़ और रोहतक लोककभा सीट का कुछ एरिया यानी कोसली विधानसभा सीट आती है। सबसे पहले हम गुरुग्राम की बात करते हैं, जहां भाजपा ने केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (अहीर) को तीसरी बार चुनावी रण में उतारा है। कांग्रेस ने उनसे मुकाबले फिल्म अभिनेता राज बब्बर (सुनार-पंजाबी) को वोट दिया है।
इस लोकसभा सीट पर सिर्फ दो ही उम्मीदवारों में जीत की जंग है। राव इंद्रजीत काफी कंफर्ट जोन में हैं। वे भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा के चौधरी धर्मबीर सिंह के लिए यादवों से वोट देने की अपील कर रहे हैं। इस अपील का असर भी है। धर्मबीर सिंह गुरुग्राम में जाटों से राव इंद्रजीत की मदद करने को कह रहे हैं।
कोसाली के यादव बिगाड़ सकते हैं खेल
भिवानी-महेंद्रगढ़ में कांग्रेस ने पूर्व सांसद श्रुति चौधरी यानी स्व. बंसीलाल की पोती और किरण चौधरी की बेटी का टिकट काटकर महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह को टिकट दिया है। राव दान सिंह अपने प्रभाव वाली यादव वोट बैंक के सहारे तो हैं ही, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रभाव वाले जाट मतों के बिना उनकी जीत संभव नहीं है।
रोहतक लोकसभा सीट की कोसली विधानसभा से दीपेंद्र सिंह हुड्डा सबसे अधिक 75 हजार मतों से पराजित हुए थे, लेकिन राव दान सिंह के प्रभाव और पूर्व मंत्री जगदीश यादव के असर के चलते कोसली में यादव मतदाता रोहतक से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा को वोट देने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है, जो कि रोहतक में भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा की राजनीतिक सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अविनाश यादव और राहुल यादव भी कोसली यानी रोहतक लोकसभा सीट पर दीपेंद्र सिंह हुड्डा की राजनीतिक ताकत में बढ़ोतरी के लिए पूरा प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं।
कृष्णपाल गुर्जर, राव इंद्रजीत, धर्मबीर सिंह और अरविंद शर्मा की ताकत बन रहे जाट
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत पूरी तरह से भाजपा के चौधरी धर्मबीर के लिए मेहनत कर रहे हैं। देश प्रदेश में ऐसा जाट मतदाता भी है, जो सनातनी की परिभाषा में यकीन रखता है। उसे भले ही भाजपा से खास मतलब न हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों, योजनाओं और समृद्ध राष्ट्र के नारे से बहुत मतलब है।
ऐसा जाट मतदाता दक्षिण हरियाणा में भाजपा की बड़ी ताकत है, जिसका लाभ न केवल राव इंद्रजीत और धर्मबीर सिंह को मिलेगा, बल्कि फरीदाबाद में भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और रोहतक में भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा की ताकत बन रहा है।
मिलेनियम सिटी ने दिए ये संकेत
मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय वोटर ने भाजपा के साथ रहने का संकेत दिया है। वह बोल नहीं रहा है, सुन रहा है और देख रहा है, लेकिन वोट वहीं करेगा, जहां उसने पहले से तय कर रखा है। उसे कोई भी बदली हुई परिस्थिति डिगा नहीं पाएगी, क्योंकि ऐसा मतदाता अपनी मानसिकता में भाजपा को पूरी तरह से रचा-बसाकर अपने काम धंधे में जुटा हुआ है।
फरीदाबाद लोकसभा सीट पर हैट ट्रिक लगाने की कोशिश में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर के लिए आरंभ में उनकी ही बिरादरी के कुछ मतदाताओं ने राजनीतिक मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की। लेकिन बेहद शालीन और नरम स्वभाव के गुर्जर ने अपनी बिरादरी के साधने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
कांग्रेस के पूर्व राज्सव मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने करीब 20 साल पहले मेवला महारजपुर विधानसभा सीट से कृष्णपाल गुर्जर को हराया था। इस बार महेंद्र प्रताप सिंह और कृष्णपाल गुर्जर में ही यहां जबरदस्त टक्कर है। दक्षिण हरियाणा की यह सीट पूरी तरह से कांटे के मुकाबले में फंसी हुई है।
कृष्णपाल की तरह महेंद्र प्रताप का भी गुर्जरों में अच्छा प्रभाव है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके साथ हैं, लेकिन सैलजा गुट साथ नहीं है, जिसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इस सीट पर कभी भी कुछ भी हो सकता है, लेकिन एक आवाज यह जरूर आ रही है कि मतदाता मतदान करते समय यह सोचेगा कि उसे किस दल के साथ रहने में ज्यााद फायदा है और केंद्र में किसकी सरकार आ रही है।
भिवानी-महेंद्रगढ़ की अगर बात करें तो यहां भाजपा के चौधरी धर्मबीर सिंह और कांग्रेस के राव दान सिंह के बीच कांटे की टक्कर है। जाट और यादवों में इस बार किसी तरह का गतिरोध अथवा टकराव नहीं होने की वजह से यहां कुछ भी हो सकता है। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की राह यहां काफी आसान है।
उनका परंपरागत वोट बैंक तथा भाजपा का राजनीतिक असर राव इंद्रजीत के लिए काफी राहत देने वाला हो सकता है। हालांकि कांग्रेस के राज बब्बर को मेवात के कुछ मुस्लिमों का साथ मिल सकता है, थोड़े बहुत पंजाबी भी उने साथ खड़े नजर आ सकते हैं, लेकिन राज ब्बबर के ऊपर बाहरी प्रत्याशी होने का लेबल उन्हें गुरुग्राम के रण में राव इंद्रजीत के सामने कहीं खड़ा नहीं होने दे पा रहा है।
भिवानी में जजपा के राव बहादुर हालांकि अहीर हैं, लेकिन भाजपा के धर्मबीर सिंह को राव इंद्रजीत के समर्थन और कांग्रेस के राव दान सिंह के स्वयं के प्रभाव वाले वोट राव बहादुर को मुकाबले से पूरी तरह बाहर खड़ा कर रहे हैं। यहां तक कि वे वोट काटने की स्थिति में भी नहीं हैं।
रोहतक लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा काफी राहत भरी स्थिति में हैं, जबकि भाजपा के डॉ. अरविंद शर्मा अपना चुनाव पूरी तरह से खड़ा नहीं कर पाए हैं।
हालांकि, उनके पास अभी स्वयं को खड़ा करने का अवसर भी है, मगर कोसली में जिस तरह से अहीर मतदाताओं ने दीपेंद्र सिंह के प्रति भरोसा जताया है, वह प्रेम रोहतक संसदीय क्षेत्र पर कोई भी गुल खिला सकता है।
मोदी की योजनाओं के लाभ से प्रभावित दक्षिण हरियाणा का मतदाता
दक्षिण हरियाणा में ऐसे लोगों की बहुत अधिक संख्या है, जहां पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले हैं। सबसे अधिक असर वन रैंक वन पेंशन योजना का है, जिसे सैनिक परिवार अपने लिए काफी बड़ा वरदान मान रहे हैं।
इसका फायदा पूरी तरह से भाजपा को मिलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। आयुष्मान योजना और गरीब लोगों के लिए घर के साथ सरकार की ओर से मिलने वाले राशन व जन सुविधाओं से मेवात का मुस्लिम वर्ग काफी लाभान्वित हुआ है।
मुस्लिमों का पिछला ऐसा ट्रेंड रहा है कि वह भाजपा के विरुद्ध वोट करते हैं, लेकिन इस बार लाभान्वित वर्ग की सोच में बदलाव आया है, जो कि भाजपा की राजनीतिक सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
हरियाणा सरकार की बड़ी यूएसपी यह भी है कि राजनीतिक शुचिता के साथ सरकारी नौकरियों में पर्ची व खर्ची की बंदी, भ्रष्टाचार पर काफी हद तक अंकुश और दक्षिण हरियाणा के धरातल पर विकास को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता भी भाजपा की यहां ताकत बन रही है।
मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में तीन तलाक के विरुद्ध केंद्र सरकार के कानून का फायदा महसूस किया जा रहा है, जिसका लाभ सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवारों को मिलने की संभावना है।
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