दिल्ली के द्वारका में हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां एक रिटायर्ड अधिकारी की मौत के बाद जालसाजों ने उसके फ्लैट के फर्जी कागजात बनवाए और उसे एक करोड़ 85 लाख रुपये में बेच दिया. इस मामले में पुलिस ने 70 वर्षीय एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक, द्वारका के सेक्टर-6 की एक हाईराइज सोसायटी में 80 साल के एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी रहते थे, जिनकी पिछले साल मौत हो गई थी. उनकी पत्नी की मौत भी 2019 में हो चुकी है, चूंकि दंपति की कोई संतान नहीं थी. इसलिए फ्लैट खाली पड़ा हुआ था. जमीन हड़पने वालों ने इसका फायदा उठाया और फ्लैट के फर्जी कागजात तैयार करके कब्जा कर लिया. उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल करके संपत्ति को सनी यादव नाम के एक खरीदार को एक करोड़ 85 लाख में बेच दिया.
ये मामला तब सामने आया जब इस साल अक्टूबर महीने में एक व्यक्ति ने द्वारका साउथ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि कुछ अज्ञात लोगों ने संपत्ति हड़पने के लिए जाली दस्तावेज बनवाकर उसके बहनोई के सेक्टर-6 स्थित अपार्टमेंट की पहली मंजिल पर मौजूद फ्लैट पर कब्जा कर लिया है.
राजौरी गार्डन का रहने वाला है मास्टमाइंड
पुलिस ने बताया कि सरबजीत नाम के आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसका साथी पवनदीप सिंह उर्फ प्रिंस (43) राजौरी गार्डन का रहने वाला है. वो पेशे से प्रॉपर्टी डीलर और इस मामले का मास्टरमाइंड भी है.पवनदीप ने खुलासा किया कि उसे पहले भी हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है, जहां वो कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आया जो उसके साथी थे और उनसे उसे खाली प्लॉट और फ्लैट के जाली दस्तावेज बनाने और उन्हें आसानी से पैसा कमाने के लिए बेचने का आइडिया मिला.
मास्टरमाइंड भाग गया था हिमाचल प्रदेश
पवनदीप ने फ्लैट के फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करके सरबजीत की 70 वर्षीय मां राजेंद्र कौर को फ्लैट का मालिक दिखाया और प्रॉपर्टी को बेच दिया. पुलिस ने बताया कि पवनदीप को सरबजीत की गिरफ्तारी का पता चला गया, इसलिए वो हिमाचल प्रदेश भाग गया, जहां से उसे अक्टूबर में गिरफ्तार कर लिया गया. बेटे की गिरफ्तारी के बाद उसकी मां राजेंद्र कौर भी अंडरग्राउंड हो गई थी. उसे दिल्ली के संतनगर एक्सेंशन से पकड़ा गया.
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