दिल्ली- सराय काले खां चौक का नाम अब बिरसा मुंडा चौक, अमित शाह ने किया मूर्ति का अनावरण

4 1 3
Read Time5 Minute, 17 Second

दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदल दिया गया है. इसका नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया गया है. ये ऐलान शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया है.बता दें कि सराय काले खां (अब बिरसा मुंडा चौक) दिल्ली के आईएसबीटी के पास है. दिल्ली के बांसेरा उद्यान में हुए इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.

गृहमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा,'जब सरकार मन में जन कल्याण का उद्देश्य लेकर निकलती है तो जैसे सराय काले खां का विकास किया गया है. ये पार्क इसका उदाहरण है.झारखंड में सिद्धों कानो का या बिरसा मुंडा हो, राजस्थान का आंदोलन, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना. इन सब जगह आदिवासियों के नेत्रित्व में आंदोलन चला. पूर्वोत्तर में नागा, खासी में आदिवासी आंदोलन चला,लेकिन दुर्भाग्य से इनका नाम भुला दिया गया. लेकिन मोदी सरकार 2014 से ये काम कर रही है और आदिवासियों से जुड़े तीन संग्रहालयों का निर्माण किया गया है.2026 से पहले ये तीन संग्रहालय जनता के लिए खुलेंगे. 75 साल में पहली बार किसी आदिवासी को राष्ट्रपति बनने का मौका मोदी सरकार ने किया है.'

बता दें कि नाम बदलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. यूपी में 2022 में हुई निकाय चुनाव से पहले नाम बदलने की कवायद काफी तेज हो गई थी. राजधानी लखनऊ के लालबाग तिराहे का नाम बदलकर सुहेलदेव राजभर तिराहा कर दिया गया था. वहीं, मोहन भोग चौराहे से कोठारी बंधु तक सड़क का नाम बदलकर कल्याणेश्वर हनुमान मंदिर मार्ग कर दिया गया था.

Advertisement

केरल में भी सर्वसम्मति से पास किया गया प्रस्ताव

इसके साथ ही विराम खण्ड राम भवन चौराहे का नाम बदलकर शहीद मेजर कमल कालिया चौराहा कर दिया गया था. वहीं, बर्लिंगटन चौराहे को अशोक सिंघल चौराहा कर दिया गया था.नाम बदलने का चलन सिर्फ बीजेपी शासित इलाकों में ही नहीं देखने मिला. बल्कि, कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार वाले केरल ने भी कुछ महीनों पहले अपने राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था. जून महीने में केरल विधानसभा में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर 'केरलम' करने का आग्रह किया गया था.

केरल ने की थी नाम 'केरलम' करने की मांग

केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने तब कहा था कि हमारे राज्य का मलयालम में नाम केरलम है. 1 नवंबर, 1956 को भाषा के आधार पर राज्यों का गठन किया गया था. केरल का जन्मदिन भी 1 नवंबर को है. मलयालम भाषी समुदायों के लिए एक संयुक्त केरल बनाने की जरूरत राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही दृढ़ता से उभरी थी. लेकिन हमारे राज्य का नाम संविधान की पहली अनुसूची में केरल के रूप में लिखा गया है'. उन्होंने कहा था कि विधानसभा सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इसे 'केरलम' के रूप में संशोधित किया जाए.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

हर रात नई कुंआरी लड़की से शादी और सुबह उसका कत्ल ...कहानियां सुनाकर कैसे टाली मौत, धर्मयुद्धों से निकले किस्से

नई दिल्ली: इजरायल, ईरान, फिलिस्तीन समेत समूचा मध्य पूर्व कभी शांत नहीं रहा। हजार साल पहले जब 1095 में रोमन ईसाइयों और मुसलमानों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर पहला धर्मयुद्ध हुआ तब भी ये इलाका वैसे ही यह अशांत रहा। 8 धर्मयुद्धों के बाद भी कोई नतीज

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now