दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोनों ने बर्खास्त बस मार्शलों को एक नवंबर से चार महीने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण संबंधी ड्यूटी पर तैनात करने के फैसले को लेकर अपनी-अपनी जीत का दावा किया. दिल्ली में बस मार्शल के पद से अक्टूबर 2023 में बर्खास्त किए गए सिविल डिफेंस वालंटियर्स को उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के आदेश के बाद चार महीने के लिए प्रदूषण कम करने से संबंधित उपायों से जुड़ी ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा.
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए इस कदम को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ बस मार्शल और आम आदमी पार्टी के संघर्ष की जीत बताया. भारद्वाज ने कहा, 'बस मार्शलों के संघर्ष और अरविंद केजरीवाल की कड़ी मेहनत के नतीजे सामने आए हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को झुकना पड़ा क्योंकि इन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को अब राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कम करने में मदद करने के लिए चार महीने की ड्यूटी दी जाएगी.'
भारद्वाज ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया
उन्होंने कहा कि बस मार्शल अब दिल्ली में प्रदूषण विरोधी उपायों को लागू करने में सरकार की सहायता करेंगे. भारद्वाज ने भाजपा पर 'घटिया' राजनीति करने का आरोप लगाया, जिसके कारण नागरिक स्वयंसेवकों की नौकरियां चली गईं. उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि चार महीने की अवधि के अंत में मार्शलों को स्थायी रोजगार मिले.
आप नेता ने बस मार्शलों की प्रशंसा की जिनमें से कई ने अपनी नौकरी खोने के बाद विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने सरकार के पिछले पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. भाजपा ने भी इस कदम का स्वागत किया और आप सरकार पर सिविल डिफेंस वालंटियर्स को 'गुमराह' करने का आरोप लगाया.
अपने-अपने जीत के दावे
भाजपा विधायक एवं दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा, 'यह न केवल भाजपा की जीत है, बल्कि आप सरकार की पोल भी खोलता है, जो जानबूझकर उन्हें (बस मार्शलों को) गुमराह कर रही थी.'
गुप्ता ने कहा कि आप सरकार ने इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को लगातार गुमराह किया, क्योंकि उन्हें केवल बस मार्शल के रूप में बहाल नहीं किया जा सकता था, क्योंकि उन्हें आपदा प्रबंधन उद्देश्यों के लिए अस्थायी रूप से सिविल डिफेंस वालंटियर्स के रूप में भर्ती किया गया था. राज निवास के एक अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वे चार महीने की रोजगार अवधि के बाद उनके भविष्य के नियोजन के लिए उचित प्रक्रिया के आधार पर एक ठोस योजना लेकर आएं. उपराज्यपाल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं.
उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के नियमित रोजगार के लिए दिल्ली सरकार द्वारा तैयार की जाने वाली इस योजना में उनकी तैनाती, बजटीय प्रावधान, वित्तीय मंजूरी, पद सृजन और आरक्षण मानदंडों का विवरण शामिल होगा.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.