दिल्ली सरकार ने मौजूदा ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का फैसला लिया है. इसका उद्देश्य प्रदूषण को कम करना बताया जा रहा है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब ग्रामीण सेवा वाहन अपनी 15 साल की आयु के अंत के निकट हैं. इस फैसले की जानकारी देते हुए दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, 'पुराने ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदलकर हम न केवल प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा के अनुभव को भी बेहतर बना रहे हैं. ये नए इलेक्ट्रिक वाहन अधिक आरामदायक और प्रभावी होंगे, जिससे दिल्ली के निवासियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा.'
ग्रामीण सेवा वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए दिशा-निर्देश:
1.ऑनलाइन आवेदन:
ग्रामीण सेवा वाहन के मालिक को नए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा. यह प्रक्रिया आधार द्वारा सत्यापन के साथ की जाएगी. यदि आधार उपलब्ध नहीं है, तो Enrolment ID का उपयोग किया जा सकता है.
2. नो ड्यूज सर्टिफिकेट:
आवेदन जमा करने के बाद, रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण सात दिनों के भीतर एक नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) जारी करेगा. प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि वाहन पर कोई बकाया कर, जुर्माना या कानूनी समस्या नहीं है और यह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) डेटाबेस पर साफ है. यदि कोई समस्या मिलती है, तो मालिक को सूचित किया जाएगा और उन्हें इसे सात दिनों के भीतर हल करना होगा.
3.पुराने वाहन का स्क्रैपिंग:
NDC प्राप्त करने के बाद, वाहन को 15 दिनों के भीतर एक अधिकृत स्क्रैपिंग सुविधा पर ले जाना होगा. वाहन स्क्रैप करने के बाद मालिक को एक सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (COD) प्राप्त होगा.
4. नए इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद:
NDC और COD के साथ, मालिक किसी भी अधिकृत डीलर से एक नया इलेक्ट्रिक ग्रामीण सेवा वाहन खरीद सकता है, जिसमें छह यात्रियों की क्षमता होगी.
5. नए वाहन का रजिस्ट्रेशन:
नए वाहन को खरीदने के बाद, मालिक को इसके रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा. इसमें NDC, COD, Aadhar, कर चालान और अन्य दस्तावेज शामिल होंगे.
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6. परमिट नवीनीकरण:
रजिस्ट्रेशन प्राधिकरण सभी विवरणों की जांच करेगा और वाहन का रजिस्ट्रेशन ग्रामीण सेवा योजना के तहत अपडेट करेगा. नए वाहन को पुराने वाहन के समान रूट के लिए परमिट प्राप्त होगा.
ग्रामीण सेवा के बारे में जानें
2011 में शुरू की गई ग्रामीण सेवा वाहन CNG से चलती है. इनमें छह यात्रियों की क्षमता होती है. ये वाहन मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, अनधिकृत और पुनर्वास कॉलोनियों और JJ क्लस्टर्स में संचालित होते हैं. वर्तमान में, दिल्ली में 2,000 से अधिक ग्रामीण सेवा वाहन सेवा में हैं. परिवहन विभाग का कहना है कि यह निर्णय दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है और प्रदूषण से मुकाबला करने में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद है, जिससे शहर की हरित परिवहन की दिशा में प्रगति होगी.
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