हरियाणा में मायावती की भूमिका यूपी से कितनी अलग होगी, दिल्ली की भी है तैयारी | Opinion

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

आकाश आनंत के हरियाणा में भी तेवर यूपी जैसे ही हैं, लेकिन निशाना थोड़ा अलग है. कहने को तो वो बीजेपी पर भी हमलावर हैं, लेकिन कांग्रेस की तुलना में थोड़ा कम. वैसी बातें तो बिलकुल नहीं जिसके लिए मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व करार दिया था.

वैसे आकाश आनंद कुछ ही दिन बेकार बैठे थे, डेढ़ महीने बाद ही उनको सारे सियासी खिलौने ससम्मान वापस भी मिल गये. उत्तराधिकार भी और बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर का पद भी. भला हो भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर आजाद का जिनकी नगीना लोकसभा सीट से जीत ने जिनके के राजनीतिक उभार के डर से मायावती ने ये कदम उठाया. आकाश आनंद की तरफ से चंद्रशेखर आजाद को एक मौन थैंक यू तो बनता ही है.

हाल ही में आकाश आनंद को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया है, जिसमें मायावती और उनके पिता आनंद कुमार के ठीक बाद तीसरी पायदान पर उनका नाम दर्ज है.

आकाश आनंद का भाषण क्या कहता है

हरियाणा में आकाश आनंद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं.

Advertisement

कांग्रेस के साथ साथ बीजेपी को भी निशाने पर लेते हुए आकाश आनंद कह रहे हैं कि दोनो मिलकर संविधान बदलने और लोगों को बेरोजगार रखने की मुहिम चला रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को खलनायक की तरह पेश कर रहे हैं. मल्लिकार्जुन खरगे भी कर्नाटक के दलित समाज से आते हैं.

बीएसपी के युवा नेता राहुल गांधी को दलितों के प्रति गद्दार और मल्लिकार्जुन खरगे को चापलूस बता रहे हैं. मायावती वाले अंदाज में भी बीएसपी संस्थापक कांशीराम का हवाला देते हुए आकाश आनंद समझाने की कोशिश करते हैं कि अनुसूचित जाति से होने के बावजूद मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेता अपने ही लोगों को गुमराह करते हैं, जिनसे बचने की जरूरत है. चंद्रशेखर आजाद का नाम लेकर मायावती भी अपने समर्थकों को ऐसे ही समझाती हैं.

कहते हैं, अगर कांग्रेस अध्यक्ष खुद अनुसूचित जाति से होने के बावजूद बाबा साहेब के कामों को नजरअंदाज करते हैं, तो कांग्रेस के लिए उनका क्या मतलब है? आकाश आदंद की बात पर भीड़ की प्रतिक्रिया होती है - ‘चमचा!’

राहुल गांधी को अमेरिका यात्रा के दौरान आरक्षण पर उनके बयान का तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने तो सपोर्ट किया था, लेकिन मायावती ने नाराजगी जताई थी. राहुल गांधी के सफाई देने के बाद भी.

Advertisement

आकाश आनंद हरियाणा के लोगों को समझाते हैं, राहुल गांधी संविधान की कॉपी लेकर कैंपेन कर रहे थे, लेकिन सब-कोटा का मुद्दा उठा तो वो गायब हो गये. और, आनंद दावा करते हैं, ‘वो विदेश गए और कहा कि जब स्थिति उनके हिसाब से होगी तो वो आरक्षण खत्म कर देंगे.’

फिर अपने अंदाज में पूछना शुरू करते हैं, वो आपके अधिकारों और आरक्षण के लिए लड़ेंगे? वही व्यक्ति विदेश में आपके खिलाफ बोल रहा है, क्या आप ऐसे धोखेबाज़ को सत्ता में आने देंगे? क्या आप उसे राज्य में घुसने देंगे?
और फिर ये अपील भी करते हैं कि अगली बार जब वो आपके जिले में घुसने की कोशिश करे, तो उसे बाहर निकाल दें.

आकाश आनंद का स्टैंड साफ है, बिलकुल यूपी जैसा ही है. कांग्रेस, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रति मायावती भी तो ऐसी ही बातें करती हैं - और प्रियंका गांधी भी मायावती को बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता बता देती हैं.

मायावती की रणनीति क्या है

बीएसपी नेताओं की मानें तो हरियाणा के बाद आकाश आनंद को यूपी में विधानसभा की 10 सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी - और हरियाणा में अब वो गांव-गांव जाकर चौपाल करेंगे, ताकि खुद को लोगों से कनेक्ट कर सकें.

Advertisement

जल्दी ही मायावती भी हरियाणा में कैंपेन शुरू करने वाली हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी मायावती ने चुनाव प्रचार के लिए पहले आकाश आनंद को भी भेजा था. तब आकाश आनंद ने नगीना में पहली रैली की थी.

हरियाणा में भी मायावती का एक मकसद तो चंद्रशेखर आजाद से होने वाले डैमेज कंट्रोल को रोकना है, ताकि यूपी के उपचुनावों में ज्यादा नुकसान होने से बचा जा सके.

आकाश आनंद के तेवर से तो यही लगता है कि यूपी की ही तरह हरियाणा में भी मायावती के निशाने पर कांग्रेस ही होगी. कांग्रेस का नुकसान बीजेपी का सीधा फायदा होता है, जिसका नजारा यूपी में देखा जा चुका है.

जरा बीएसपी का मिशन दिल्ली भी समझ लीजिये

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन की तरह तो नहीं, लेकिन अरविंद केजरीवाल पर भी आकाश आनंद का गुस्सा फूटा है. सोशल साइट X पर आकाश आनंद की पोस्ट से साफ है कि बीएसपी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रही है.

लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने आम आदमी पार्टी के विधायक राजकुमार आनंद को टिकट दिया था. चुनाव तो वो हारे ही, उनकी विधानसभा की सदस्यता भी खत्म कर दी गई है.

बीएसपी नेता ने आतिशी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाये जाने पर भी कड़ा ऐतराज जताया है. आतिशी को क्षत्रिय समाज का बताते हुए, वो कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल का सवर्ण प्रेम जाग गया है. कहते हैं, ये दिल्ली के दलित समाज के साथ धोखा है.

Advertisement

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के क्रम में आतिशी का नाम जोड़ते हुए आकाश आनंद कहते हैं, दलित समाज को उम्मीद थी कि दिल्ली का मुुख्यमंत्री उनके समाज से होगा, लेकिन अरविंद केजरीवाल को दलित विधायकों पर भरोसा नहीं है.

ये भी दिलचस्प है कि आकाश आनंद या मायावती को कभी इस बात से दिक्कत नहीं हुई कि बीजेपी यूपी में दलित सीएम क्यों नहीं बनाती, लेकिन बीएसपी नेता को मल्लिकार्जुन खरगे को चमचा बोल कर अपमानित करने से भी परहेज नहीं है.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

19 सितंबर 2024, आज का राशिफल (Aaj ka Rashifal): मेष राशि वाले आज खर्चों पर रखें काबू, जानें अन्य राशियों का हाल

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now