विधि संवाददाता, स्वर्णिम भारत न्यूज़, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मैनपुरी में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) और डिस्ट्रिक्ट जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के फैसलों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सुझाव दिया है कि दोनों जजों को आगे प्रशिक्षण की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी शैलेंद्र उर्फ शंकर वर्मा द्वारा विवादित संपत्ति मामले के संबंध में दायर दूसरी अपील पर सुनवाई के दौरान की।
न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र ने मैनपुरी सिविल कोर्ट के फैसलों की समीक्षा की। सिविल जज (जूनियर डिवीजन) द्वारा केस में दाखिल प्रतिवादों को ठीक ढंग से समझने के तरीके के बारे में स्पष्ट रूप से समझ की कमी देखी।
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