संसद में क्या-क्या ले जा सकते हैं सांसद? कैश को लेकर भी हैं नियम.. आप भी जान लीजिए

Parliamentary Cas Decorum: राज्यसभा में हुए नोटकांड के बाद इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब है. आरोप लगे कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे नोटों की गड्डियां मिली हैं. हालांकि सिंघवी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन

4 1 15
Read Time5 Minute, 17 Second

Parliamentary Cas Decorum: राज्यसभा में हुए नोटकांड के बाद इसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब है. आरोप लगे कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के नीचे नोटों की गड्डियां मिली हैं. हालांकि सिंघवी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह शायद ही कभी 500 रुपये का एक नोट भी साथ रखते हों, गड्डियों की बात तो दूर है. कांग्रेस ने भी इसको लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. इन सबके बीच आइए जानते हैं कि संसद में कितने पैसे लेकर कोई अंदर जा सकता है साथ ही संसद में क्या-क्या ले जाया जा सकता है.

संसद में सामान ले जाने के नियम असल में सांसदों को अपने पर्स या वॉलेट में पैसे ले जाने की अनुमति है, लेकिन संसद के अंदर अधिक कैश का प्रदर्शन या उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. हालांकि यह तय नहीं है कि कितने पैसे ले जाया जा सकता है लेकिन बहुत ज्यादा कैश ले जाने पर मनाही है. यह नियम 2008 के 'कैश फॉर नोट' के बाद सख्ती से लागू किया गया. उस समय लोकसभा में नोटों की गड्डियां लहराई गई थीं, जिससे संसद की गरिमा को ठेस पहुंची थी.

व्यक्तिगत सामान ले जाने के नियम सांसद अपने व्यक्तिगत सामान जैसे छोटा पर्स, बैग, या जरूरी चीजें ले जा सकते हैं. महिला सांसदों को हैंडबैग ले जाने की अनुमति है. ये सामान सिर्फ व्यक्तिगत उपयोग के लिए होना चाहिए और कार्यवाही में बाधा नहीं डालनी चाहिए.

इसके अलावा सांसदों को सिर्फ ऐसे सामान ले जाने की अनुमति है जो उनके विधायी कार्यों के लिए जरूरी हो: दस्तावेज: नोट्स, रिपोर्ट्स, या बिल जैसे महत्वपूर्ण कागजात. भाषण सामग्री: बहस और चर्चाओं के लिए तैयार सामग्री. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस: मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप वह भी पूर्व अनुमति के साथ. व्यक्तिगत सामान: पर्स, स्टेशनरी आदि. हल्का नाश्ता: पानी और हल्का नाश्ता.

क्या-क्या ले जाना मना है? बड़ी नकदी की गड्डियां. हथियार: कोई भी हथियार या सुरक्षा उपकरण. शोर मचाने वाले उपकरण: जैसे सीटी या अन्य ध्वनि उत्पादक चीजें. रिकॉर्डिंग डिवाइस: बिना अनुमति के कैमरा या रिकॉर्डिंग उपकरण. प्रदर्शन सामग्री: प्लेकार्ड, पोस्टर, बैनर.

नियम तोड़ने पर कार्रवाई संसद के नियम तोड़ने वाले सांसदों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. संसद की अनुशासन समिति मामले की जांच कर सकती है और दोषी पाए जाने पर सांसद को निलंबन या अन्य सजा हो सकती है.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

संभल में जामा मस्जिद के सामने बनाई जाएगी पुलिस चौकी, हिंसा के बाद प्रशासन का बड़ा फैसला

<

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now