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रांचीः झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए वोटों की गिनती के पहले सभी राजनीतिक दलों और चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ गई है। राज्य की अधिकांश विधानसभा सीटों मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 17-18 सीटों पर कड़ा मुकाबला है। इनमें से चार-पांच सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की भी स्थिति है। इन सीटों पर हार और जीत ही तय करेगी कि झारखंड में अगली सरकार किसकी बनेगी।
20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद सियासी गलियारे में बेचैनी बढ़ी हुई है। एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मिली ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार 17 सीटें ऐसी हैं, जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। इन सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन की ही सरकार बनेगी। इनमें से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की भी तस्वीर उभर कर सामने आ रही है।
नालाः नाला विधानसभा सीट करीब पांच दशक तक लाल झंडे का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले दो चुनाव से यहां जेएमएम प्रत्याशी और स्पीकर रवींद्र नाथ महतो चुनाव जीत रहे थे। इस बार उन्हें बीजेपी के माधव महतो से कड़ी टक्कर मिली है। नाला में पूर्व विधायक सत्यानंद झा बाटुल का बीजेपी को कितना साथ मिला, इस पर भी परिणाम निर्भर है।
महगामाः महागामा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडेय और बीजेपी के अशोक भगत के बीच कड़ा मुकाबला है। मंत्री बनने के बाद लोगों की दीपिका पांडे सिंह से उम्मीदें बढ़ गई थी।
जामताड़ाः जामताड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस का लंबे समय तक दबदबा रहा है, लेकिन इस बार बीजेपी की सीता सोरेन के मैदान में उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया।
बोकारोः बोकारो विधानसभा सीट पर बीजेपी के बिरंची नारायण को दो बार से जीत मिल रही है, लेकिन पिछली बार भी कांग्रेस की श्वेता सिंह ने कड़ी टक्कर दी और इस बार भी दोनों के बीच कांटे का टक्कर है।
हटियाः रांची जिले के शहरी सीट हटिया विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस के अजयनाथ शाहदेव और बीजेपी के नवीन जायसवाल के बीच कड़ा मुकाबला है। निर्दलीय भरत कांशी का प्रदर्शन और अन्य उम्मीदवारों की सेंधमारी पर भी चुनाव परिणाम निर्भर करता है।
रांचीः रांची शहरी सीट पर भी इस बार कांटे का मुकाबला है। बीजेपी के सीपी सिंह वर्ष 1997 से इस सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव में जेएमएम की महुआ माजी ने कड़ी टक्कर दी थी। इस बार भी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है।
तमाड़ः रांची के तमाड़ विधानसभा सीट पर जेडीयू के गोपाल कृष्ण पातर और जेएमएम के विकास सिंह मुंडा के बीच लड़ाई है। जेएमएम का दावा है कि इस सीट पर उसने अपना गढ़ बचा लिया हैं।
गढ़वाः गढ़वा में जेएमएम प्रत्याशी मिथिलेश ठाकुर और सत्येंद्र नाथ तिवारी के बीच लड़ाई है, जबकि सपा के गिरिनाथ सिंह की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
भवनाथपुरः भवनाथपुर में बीजेपी के भानु प्रताप शाही और जेएमएम के अनंत प्रताप देव के बीच सीधी लड़ाई है। दोनों दलों के नेता अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है।
बिश्रामपुरः बिश्रामपुर विधानसभा पर भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी को इस बार आरजेडी से कड़ी चुनौती मिल रही है। जबकि कांग्रेस और बसपा उम्मीदवार भी समीकरण को बनाने-बिगाड़ने में जुटे हैं।
पांकीः पांकी में बीजेपी विधायक शशिभूषण राय के सामने कांग्रेस के सूरज लाल मैदान में हैं। लेकिन पूर्व विधायक बिट्टू सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान डटे हैं।
बड़कागांवः बड़कागांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस की अंबा प्रसाद और बीजेपी के रोशन लाल चौधरी के मुकाबला है। पिछले तीन बार से यहां कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन इस बार आजसू पार्टी के नेता रोशन लाल चौधरी को बीजेपी में शामिल कर एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया है।
बेरमोः बेरमो में कांग्रेस के कुमार जयमंगल सिंह, बीजेपी के रवींद्र पांडेय और जेएलकेएम के जयराम महतो के बीच टक्कर है। इस सीट से कुमार जयमंगल सिंह के पिता राजेंद्र प्रसाद सिंह भी कई बार चुनाव जीत चुके हैं।
चंदनकियारीः बीजेपी विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी सीट पर इस बार कड़ी लड़ाई में फंस गए हैं। उन्हें जेएमएम उमाकांत रजक से कड़ी टक्कर मिल रही है।
जमशेदपुर पूर्वीः जमशेदपुर पूर्वी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। पूर्व आईपीएस अधिकारी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार जमशेदपुर के सांसद भी रह चुके हैं।
जमशेदपुर पश्चिमीः जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट पर मंत्री बन्ना गुप्ता की लड़ाई बार जेडीयू के सरयू राय से हैं। सरयू राय भी इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं।
पोटकाः पोटका विधानसभा सीट पर इस बार पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा और जेएमएम के संजीव सरदार के बीच मुकाबला है। इस सीट पर दोनों प्रत्याशियों के लिए एक-एक वोट महंगा पड़ रहा है।
जानिए किन 17 सीटों पर है कांटे का मुकाबला
20 नवंबर को दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद सियासी गलियारे में बेचैनी बढ़ी हुई है। एनडीए और इंडिया गठबंधन में शामिल दलों की ओर से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मिली ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार 17 सीटें ऐसी हैं, जहां एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। इन सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन की ही सरकार बनेगी। इनमें से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले की भी तस्वीर उभर कर सामने आ रही है।
नालाः नाला विधानसभा सीट करीब पांच दशक तक लाल झंडे का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले दो चुनाव से यहां जेएमएम प्रत्याशी और स्पीकर रवींद्र नाथ महतो चुनाव जीत रहे थे। इस बार उन्हें बीजेपी के माधव महतो से कड़ी टक्कर मिली है। नाला में पूर्व विधायक सत्यानंद झा बाटुल का बीजेपी को कितना साथ मिला, इस पर भी परिणाम निर्भर है।
महगामाः महागामा विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी दीपिका पांडेय और बीजेपी के अशोक भगत के बीच कड़ा मुकाबला है। मंत्री बनने के बाद लोगों की दीपिका पांडे सिंह से उम्मीदें बढ़ गई थी।
जामताड़ाः जामताड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस का लंबे समय तक दबदबा रहा है, लेकिन इस बार बीजेपी की सीता सोरेन के मैदान में उतरने से मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया।
बोकारोः बोकारो विधानसभा सीट पर बीजेपी के बिरंची नारायण को दो बार से जीत मिल रही है, लेकिन पिछली बार भी कांग्रेस की श्वेता सिंह ने कड़ी टक्कर दी और इस बार भी दोनों के बीच कांटे का टक्कर है।
हटियाः रांची जिले के शहरी सीट हटिया विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस के अजयनाथ शाहदेव और बीजेपी के नवीन जायसवाल के बीच कड़ा मुकाबला है। निर्दलीय भरत कांशी का प्रदर्शन और अन्य उम्मीदवारों की सेंधमारी पर भी चुनाव परिणाम निर्भर करता है।
रांचीः रांची शहरी सीट पर भी इस बार कांटे का मुकाबला है। बीजेपी के सीपी सिंह वर्ष 1997 से इस सीट पर जीत हासिल कर रहे हैं, लेकिन पिछले चुनाव में जेएमएम की महुआ माजी ने कड़ी टक्कर दी थी। इस बार भी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला है।
तमाड़ः रांची के तमाड़ विधानसभा सीट पर जेडीयू के गोपाल कृष्ण पातर और जेएमएम के विकास सिंह मुंडा के बीच लड़ाई है। जेएमएम का दावा है कि इस सीट पर उसने अपना गढ़ बचा लिया हैं।
गढ़वाः गढ़वा में जेएमएम प्रत्याशी मिथिलेश ठाकुर और सत्येंद्र नाथ तिवारी के बीच लड़ाई है, जबकि सपा के गिरिनाथ सिंह की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
भवनाथपुरः भवनाथपुर में बीजेपी के भानु प्रताप शाही और जेएमएम के अनंत प्रताप देव के बीच सीधी लड़ाई है। दोनों दलों के नेता अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है।
बिश्रामपुरः बिश्रामपुर विधानसभा पर भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी को इस बार आरजेडी से कड़ी चुनौती मिल रही है। जबकि कांग्रेस और बसपा उम्मीदवार भी समीकरण को बनाने-बिगाड़ने में जुटे हैं।
पांकीः पांकी में बीजेपी विधायक शशिभूषण राय के सामने कांग्रेस के सूरज लाल मैदान में हैं। लेकिन पूर्व विधायक बिट्टू सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान डटे हैं।
बड़कागांवः बड़कागांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस की अंबा प्रसाद और बीजेपी के रोशन लाल चौधरी के मुकाबला है। पिछले तीन बार से यहां कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन इस बार आजसू पार्टी के नेता रोशन लाल चौधरी को बीजेपी में शामिल कर एनडीए का उम्मीदवार बनाया गया है।
बेरमोः बेरमो में कांग्रेस के कुमार जयमंगल सिंह, बीजेपी के रवींद्र पांडेय और जेएलकेएम के जयराम महतो के बीच टक्कर है। इस सीट से कुमार जयमंगल सिंह के पिता राजेंद्र प्रसाद सिंह भी कई बार चुनाव जीत चुके हैं।
चंदनकियारीः बीजेपी विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी सीट पर इस बार कड़ी लड़ाई में फंस गए हैं। उन्हें जेएमएम उमाकांत रजक से कड़ी टक्कर मिल रही है।
जमशेदपुर पूर्वीः जमशेदपुर पूर्वी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा साहू को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। पूर्व आईपीएस अधिकारी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अजय कुमार जमशेदपुर के सांसद भी रह चुके हैं।
जमशेदपुर पश्चिमीः जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट पर मंत्री बन्ना गुप्ता की लड़ाई बार जेडीयू के सरयू राय से हैं। सरयू राय भी इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं।
पोटकाः पोटका विधानसभा सीट पर इस बार पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा और जेएमएम के संजीव सरदार के बीच मुकाबला है। इस सीट पर दोनों प्रत्याशियों के लिए एक-एक वोट महंगा पड़ रहा है।
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