आखिर जम्मू में कश्मीरी पंडितों की दुकानों पर क्यों चला बुलडोजर? घेरे में सरकार

Jammu bulldozer action: जम्मू डेवलेपमेंट अथॉरिटी द्वारा मुठी टाउनशिप के पास स्थित कश्मीरी पंडित प्रवासियों की 12 अस्थायी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. इस कार्रवाई ने कश्मीरी पंडित समुदाय में गहरी नाराजगी और हताशा पैदा कर दी है. दुकानदारों का कहना

4 1 7
Read Time5 Minute, 17 Second

Jammu bulldozer action: जम्मू डेवलेपमेंट अथॉरिटी द्वारा मुठी टाउनशिप के पास स्थित कश्मीरी पंडित प्रवासियों की 12 अस्थायी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया. इस कार्रवाई ने कश्मीरी पंडित समुदाय में गहरी नाराजगी और हताशा पैदा कर दी है. दुकानदारों का कहना है कि तोड़फोड़ की इस कार्रवाई से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया, जिससे उनकी आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है. घटना के बाद बवाल भी मच गया है और जम्मू कश्मीर सरकार पर विपक्ष ने निशाना भी साधा है.

तीन दशक पुराना सहारा छिना असल में 1990 के दशक में आतंकवाद के चलते कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों ने इन अस्थायी दुकानों के माध्यम से अपनी रोजी-रोटी चलाई थी. प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि यह उनके परिवारों के भरण-पोषण का एकमात्र जरिया था. 1991 में शुरू की गई इन दुकानों पर अब बुलडोजर चलने से उनकी आर्थिक स्थिति और अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.

दुकानदारों का दर्द और बिना सूचना के विध्वंस स्थानीय दुकानदारों ने आरोप लगाया कि JDA ने बिना किसी पूर्व सूचना के दुकानों को तोड़ दिया. प्रभावित दुकानदारों ने कहा, "जब हमने पूछा क्यों तो हमें कोई जवाब नहीं मिला. हमारी रोजी-रोटी छीन ली गई. हम 30 साल से यहां रह रहे हैं, लेकिन अब हमें फिर से संघर्ष करना पड़ेगा.

JDA का पक्ष और पुनर्वास का आश्वासन JDA अधिकारियों ने बताया कि ये दुकानें JDA की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थीं. राहत एवं पुनर्वास विभाग के आयुक्त अरविंद करवानी ने घटनास्थल का दौरा कर दुकानदारों को आश्वासन दिया कि मुठी टाउनशिप के फेज-2 में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा और प्रभावित दुकानदारों को नई दुकानें आवंटित की जाएंगी.

राजनीतिक प्रतिक्रिया और विरोध प्रदर्शन इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है. PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रभावित दुकानदारों का वीडियो साझा करते हुए JDA की कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने कहा कि बिना नोटिस यह कार्रवाई कश्मीरी पंडितों की मुश्किलों को और बढ़ा रही है. अन्य राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर प्रशासन की आलोचना की और प्रवासियों को पुनर्वास प्रदान करने की मांग की.

न्याय की मांग और आगे की राह कश्मीरी पंडित प्रवासी समुदाय ने उपराज्यपाल और सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है. उनका कहना है कि बिना पुनर्वास और वित्तीय सहायता उनकी रोजी-रोटी का संकट हल नहीं हो सकता. यह घटना कश्मीरी पंडितों की दशकों पुरानी व्यथा को उजागर करती है, जो अब भी अपने अस्तित्व और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

पुनर्वास की मांग और पंडित समुदाय का दर्द

इस घटना ने कश्मीरी पंडितों के संघर्ष को एक बार फिर उजागर कर दिया है. तीन दशकों से अधिक समय बाद भी वे अपने मूल स्थान से विस्थापित हैं. मुट्ठी टाउनशिप में ये दुकानें न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता का प्रतीक थीं, बल्कि उनके अस्थिर जीवन में एक सामान्य जीवन जीने की झलक भी देती थीं.

प्रभावित समुदाय ने प्रशासन से अपील की है कि उनकी दुकानों को बहाल किया जाए और उन्हें जीविका चलाने के लिए उचित पुनर्वास प्रदान किया जाए. ज़ी मीडिया ने रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन विभाग के कमिश्नर अरविंद करवानी से इसको लेकर सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि हम इनकी मदद जरूर करेंगे. जल्द ही टेंडर निकाले जाएंगे और टाउनशिप के अंदर इनको दुकानें दी जाएंगी.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Bypoll Result: बंगाल में ममता का जलवा कायम, उपचुनाव में बड़ी जीत की ओर टीएमसी; RG Kar केस का भी असर नहीं

जेएनएन, कोलकाता।Bypoll Results बंगाल की छह विधानसभा (विस) सीटों सिताई, मदारीहाट, नैहाटी, हारोआ, मेदिनीपुर व तालडांगरा के उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है। ममता बनर्जी की पार्टी ने सिताई सीट 1,30,000 वोटों के भारी अंतर से जीत ली

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now