फडणवीस Vs शिंदे के बीच CM को लेकर अजित के लगे पोस्‍टर, टाइट है फाइट?

Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में यदि महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए (शरद पवार-उद्धव ठाकरे-कांग्रेस ) सत्‍ता में आई तो कौन मुख्‍यमंत्री बनेगा? कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष नाना पटोले ने कह दिया कि कांग्रेस के नेतृत्‍व में सरकार बनेगी तो उद्धव गुट

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Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में यदि महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए (शरद पवार-उद्धव ठाकरे-कांग्रेस ) सत्‍ता में आई तो कौन मुख्‍यमंत्री बनेगा? कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष नाना पटोले ने कह दिया कि कांग्रेस के नेतृत्‍व में सरकार बनेगी तो उद्धव गुट के संजय राउत इस बात से बिगड़ गए और कहने लगे कि हम तो नहीं मानेंगे... अब बात सत्‍तारूढ़ महायुति (देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार) की. इस गठबंधन में सीएम पद को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे हैं जिसमें लिखा है प्रदेश के अगले सीएम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार होंगे.

पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और अजित पवार की मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है. इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि अजित पवार को पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है. अलग-अलग जगह लगे इन पोस्टर में लिखा गया है कि अजित पवार का लगातार आठवीं बार विधायक चुनकर आने के लिए अभिनंदन.

बारामती एनसीपी का गढ़ रहा है. यहीं से अजित पवार जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. इसे नतीजों से पहले गठबंधन पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. पार्वती विधानसभा क्षेत्र और बारामती क्षेत्र में ये बैनर लगाए गए हैं. अजित पवार महाराष्ट्र में चार बार के उपमुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री बनने की इच्छा वो कई बार मंच से कर चुके हैं. चाचा शरद पवार से अलग होने के बाद बीजेपी पवार और उनके कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि प्रदेश की कमान उन्हें सौंपी जाए.

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देवेंद्र फडणवीस के पोस्‍टर इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए बैनर लगाए थे. विधानसभा चुनावी नतीजों को लेकर कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है. ऐसे में राज्य में भावी मुख्यमंत्री के बैनर दिखने से राजनीतिक माहौल गरमाने की आशंका जताई जा रही है.

फंसेगा पेंच अजित पवार कैंप की दावेदारी के बीच ये बात भी अहम है कि महायुति की तरफ से सबसे ज्‍यादा सीटों पर चुनाव बीजेपी ने लड़ा है. 288 विधानसभा सीटों में से करीब 150 सीटों पर बीजेपी ने चुनाव लड़ा है. जाहिर है कि सत्‍ता में यदि दोबारा वापसी हुई तो सबसे ज्‍यादा सीटें बीजेपी ही जीतेगी. यानी यदि महायुति की सरकार बनती है तो सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के कारण बीजेपी की सीएम कुर्सी पर स्‍वाभाविक दावेदारी बनती है और देवेंद्र फडणवीस बीजेपी आलाकमान की पहली पसंद हो भी सकते हैं. अमित शाह ने चुनावी रैली में ये बात कही भी थी कि बीजेपी को जिताना है और देवेंद्र फडणवीस को जिताना है. उसके बाद से ही ये सवाल पुख्‍तातौर पर उठ रहा है कि यदि जनादेश में बीजेपी को सबसे ज्‍यादा सीटें मिलती है तो बीजेपी उस जनादेश के आदर की बात कहकर सीएम की कुर्सी पर अपनी दावेदारी कर सकती है.

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उस स्थिति में क्‍या एकनाथ शिंदे अपनी सीएम कुर्सी छोड़ने पर सहमत होंगे? उनकी शिवसेना की तरफ से क्‍या ये संदेश नहीं दिया जाएगा कि भले ही उनकी पार्टी ने कम सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक तरह से देखा जाए तो मुख्‍यमंत्री होने के नाते महायुति की तरफ से चेहरा तो चुनाव में वही थे. इसलिए उनकी मुख्‍यमंत्री की कुर्सी बरकरार रखी जानी चाहिए. ऐसी मांग और दबाव शिवसेना की तरफ से स्‍वाभाविक है.

कहने का आशय ये कि महायुति में शामिल तीनों प्रमुख दल अपने नेता को सीएम बनाने की कोशिश करेंगे. बस कल नतीजों का इंतजार है. ये सवाल इसलिए भी अहम है क्‍योंकि कुछ एग्जिट पोल में संभावना व्‍यक्‍त की गई है कि किसी भी गठबंधन को स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिलेगा? यानी त्रिशंकु विधानसभा की तस्‍वीर उभर सकती है. उस परिस्थिति के सवाल ये होंगे कि क्‍या अजित पवार, महायुति में बने रहेंगे? उद्धव की शिवसेना और एकनाथ शिंदे की शिवसेना क्‍या तब भी दूरी बनाए रखेंगे? शरद पवार का रुख क्‍या होगा?

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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