जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की बौखलाहट, निशाने पर कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात को आतंकवादियों ने जिस तरह से एक कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाया, वह कई लिहाज से गंभीर घटना है। इस हमले से न केवल आतंकवादियों की बौखलाहट का पता चलता है बल्कि उनकी ब

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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में रविवार रात को आतंकवादियों ने जिस तरह से एक कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट में काम कर रहे लोगों को निशाना बनाया, वह कई लिहाज से गंभीर घटना है। इस हमले से न केवल आतंकवादियों की बौखलाहट का पता चलता है बल्कि उनकी बदली प्राथमिकताओं का भी अंदाजा मिलता है।

नाकामी से उपजी बेचैनी

पिछले कई वर्षों से सुरक्षा बलों की चौकसी के चलते जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में आई कमी और आम जनजीवन पर उनके घटते असर से चिंतित आतंकी आकाओं ने आम चुनावों के दरम्यान अपनी सक्रियता बढ़ा दी। ऐसे इलाकों को चुना गया जहां सुरक्षा बलों की तैनाती कम और मुश्किल थी। टारगेटेड अटैक के जरिए बाहरी लोगों को निशाना बनाया गया ताकि उनमें घबराहट फैले और टूरिस्टों का आना कम हो। मगर ये तमाम चालें निष्फल साबित हुईं।

चुनाव में भागीदारी

चुनाव में बाधा डालने का उनका प्रयास भी नाकाम रहा। न केवल लोकसभा चुनाव बल्कि विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्वक संपन्न हुए। इतना ही नहीं, इनमें लोगों की भागीदारी के भी रेकॉर्ड बने। ऐसे में अब आतंकी तत्वों ने जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के गठित होते ही इस बड़े हमले को अंजाम देकर यह जताने का प्रयास किया है कि वे जनादेश के तहत बनी इस सरकार की राह में अड़ंगा डालने का हरसंभव प्रयास करते रहेंगे।

अहम प्रॉजेक्ट पर निशाना

गौर करने लायक बात है कि इस बार हमले के लिए श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच बनाई जा रही जेड-मोड टनल का काम कर रहे लोगों को चुना गया। यह टनल न केवल जम्मू-कश्मीर के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि रणनीतिक तौर पर भी खासी अहमियत रखता है। इसके निर्माण से श्रीनगर और करगिल के बीच निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा और श्रीनगर व लेह के बीच की यात्रा में लगने वाला समय कम हो जाएगा। यही नहीं, इस टनल के जरिए टूरिस्टों के पसंदीदा शहर सोनमर्ग की हर मौसम में कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

लक्ष्य दूर नहीं

जाहिर है, विदेशी जमीन पर बैठे आतंकवादी तत्वों ने इस एक हमले के जरिए कई उद्देश्य पूरे करने की कोशिश की है। लेकिन जैसा कि हमले के बाद आई प्रतिक्रियाओं से साफ है इस मसले पर पक्ष-विपक्ष पूरी तरह एकजुट है। सबसे बड़ी बात यह कि अब आतंक के खिलाफ उठे इन स्वरों में जम्मू-कश्मीर के लोगों की नुमाइंदगी कर रही आवाजें भी शामिल हैं। सम्मिलित सुनियोजित प्रयासों से जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के बचे-खुचे निशानों से भी मुक्त करने का लक्ष्य अब पहुंच से दूर नहीं कहा जा सकता।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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