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नई दिल्ली: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर ममता बनर्जी मोदी सरकार के साथ खड़ी दिख रही हैं। बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनकी गिरफ्तारी और हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। कई नेताओं ने मोदी सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से तुरंत दखल की मांग की है। यह घटना सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हुई। इसके बाद अल्पसंख्यकों पर जारी हिंसा से तनाव बढ़ गया है।ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर केंद्र के साथ हैं। गुरुवार को उन्होंने विधानसभा में बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता जताई। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहतीं, क्योंकि यह दूसरे देश से संबंधित मामला है। बनर्जी ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि इस मुद्दे को केंद्र सरकार को सुलझाना है और राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का पालन करेगी।
'इस मुद्द पर केंद्र के साथ हैं'
ममता बनर्जी ने कहा, ‘बांग्लादेश एक अलग देश है। भारत सरकार इस पर गौर करेगी। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। हमें इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए और न ही इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। हालांकि हमें (बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को लेकर) अंदर से दुख है, लेकिन हम केंद्र द्वारा निर्धारित नीतियों का पालन करते हैं।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले पर ‘इस्कॉन’ के प्रतिनिधियों से बात की है। हालांकि उन्होंने इस्कॉन अधिकारियों से हुई बातचीत के संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी।
टीएमसी सांसदों ने भी हिंदुओं पर हमले की निंदा की
इससे पहले टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और सीनियर नेता सौगत रॉय ने हमलों की निंदा की और कड़ी कार्रवाई की मांग की। अभिषेक बनर्जी ने कहा, "बांग्लादेश में जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए।' सांसद सौगत रॉय ने भी घटना की निंदा की और कहा कि यह चिंता का विषय है कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं इसकी निंदा करता हूं। सरकार को इस मामले में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए।’’
केंद्र के साथ क्यों सुर मिला रहीं ममता?
केंद्र की बीजेपी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच अक्सर अक्सर विवाद की स्थिति देखने को मिलती है। बीजेपी लगातार ममता सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देने जैसे गंभीर आरोप लगाती रही है। जब से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट शुरू हुआ, उसके बाद से ही ममता बनर्जी के सुर बदले हुए हैं। पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश की करीब 2200 किलोमीटर की लंबी सीमा लगती है। ऐसे में वहां के बदलते हालातों का असर यहां भी देखने को मिला। राज्य में किसी तरह से हालात न बिगड़ें इसके लिए शुरू से ही ममता बनर्जी केंद्र के साथ खड़ी हुई दिख रही हैं।
ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर केंद्र के साथ हैं। गुरुवार को उन्होंने विधानसभा में बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को लेकर चिंता जताई। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इस मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहतीं, क्योंकि यह दूसरे देश से संबंधित मामला है। बनर्जी ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि इस मुद्दे को केंद्र सरकार को सुलझाना है और राज्य सरकार केंद्र के निर्णय का पालन करेगी।'इस मुद्द पर केंद्र के साथ हैं'
ममता बनर्जी ने कहा, ‘बांग्लादेश एक अलग देश है। भारत सरकार इस पर गौर करेगी। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। हमें इस बारे में बात नहीं करनी चाहिए और न ही इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। हालांकि हमें (बांग्लादेश में वर्तमान स्थिति को लेकर) अंदर से दुख है, लेकिन हम केंद्र द्वारा निर्धारित नीतियों का पालन करते हैं।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने इस मामले पर ‘इस्कॉन’ के प्रतिनिधियों से बात की है। हालांकि उन्होंने इस्कॉन अधिकारियों से हुई बातचीत के संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी।टीएमसी सांसदों ने भी हिंदुओं पर हमले की निंदा की
इससे पहले टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और सीनियर नेता सौगत रॉय ने हमलों की निंदा की और कड़ी कार्रवाई की मांग की। अभिषेक बनर्जी ने कहा, "बांग्लादेश में जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्र सरकार को कड़ा कदम उठाना चाहिए।' सांसद सौगत रॉय ने भी घटना की निंदा की और कहा कि यह चिंता का विषय है कि हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं इसकी निंदा करता हूं। सरकार को इस मामले में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए।’’केंद्र के साथ क्यों सुर मिला रहीं ममता?
केंद्र की बीजेपी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच अक्सर अक्सर विवाद की स्थिति देखने को मिलती है। बीजेपी लगातार ममता सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देने जैसे गंभीर आरोप लगाती रही है। जब से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट शुरू हुआ, उसके बाद से ही ममता बनर्जी के सुर बदले हुए हैं। पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश की करीब 2200 किलोमीटर की लंबी सीमा लगती है। ऐसे में वहां के बदलते हालातों का असर यहां भी देखने को मिला। राज्य में किसी तरह से हालात न बिगड़ें इसके लिए शुरू से ही ममता बनर्जी केंद्र के साथ खड़ी हुई दिख रही हैं।बांग्लादेश मुद्दे पर पहले भी केंद्र के साथ खड़ी दिखीं
ऐसा पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार का साथ दिया है। इसी साल जब बांग्लादेश में हिंसा भड़की और शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दिया, तब भी ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के साथ खड़े होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मैं बंगाल के सभी लोगों से शांत रहने का अनुरोध करती हूं। पड़ोसी देश में गरमाए माहौल के बीच मुख्यमंत्री ने सुदूर बंगाल के निवासियों को शांत रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि किसी को भी भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए। ये दो देशों का मामला है। मैं भारत सरकार की ओर से दिए गए निर्देशों का पालन करूंगी।
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