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नई दिल्ली: बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन (ISKCON) को 'धार्मिक कट्टरपंथी संगठन' बताया है। यह मामला हाई कोर्ट में इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया। हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों की ओर से इस्कॉन और अन्य हिंदू मंदिरों को निशाना बनाए जाने के बाद बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। चिन्मय कृष्ण दास ने चटगांव और रंगपुर में हिंदू अधिकारों के लिए दो बड़ी रैलियां की हैं।बुधवार को एक वकील ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दायर की। वकील ने अदालत में सहायक लोक अभियोजक सैफुल इस्लाम की मौत का जिक्र किया। सैफुल इस्लाम की मौत हिंदू साधु को जमानत देने से इनकार करने के बाद सुरक्षाकर्मियों और उनके अनुयायियों के बीच हुई झड़प में हुई थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने अटॉर्नी जनरल से इस्कॉन और बांग्लादेश में इसकी स्थापना के बारे में जानकारी मांगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
अटॉर्नी जनरल, मोहम्मद असदुज्जमान ने कहा कि इस्कॉन कोई राजनीतिक दल नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है। सरकार इसकी जांच कर रही है।' हाई कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस्कॉन पर सरकार का रुख और देश की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गुरुवार सुबह तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकार से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए कहा। गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले, अटॉर्नी जनरल ने संविधान से 'सेक्युलर' शब्द हटाने का सुझाव दिया था क्योंकि देश की 90% आबादी मुस्लिम है।'स्थिति नियंत्रण से बाहर... हमारे बस में नहीं है'
याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए, इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमण दास ने विश्व नेताओं से इस मुद्दे पर बोलने का आग्रह किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद स्थिति बेहतर होगी। दास ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, 'स्थिति नियंत्रण से बाहर है। अब हमारे बस में नहीं है। हम 20 जनवरी का इंतजार करेंगे जब डोनाल्ड ट्रंप पदभार संभालेंगे। उम्मीद है कि तब चीजें आगे बढ़ेंगी।'कट्टरपंथी संगठन कहने पर भड़के इस्कॉन नेता
इस्कॉन नेता ने अटॉर्नी जनरल की ओर से उन्हें कट्टरपंथी संगठन कहे जाने पर भी आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'बांग्लादेश में बाढ़ के दौरान भी हमने बहुत से लोगों की सेवा की। हमसे सवाल किया गया कि हमने ऐसा क्यों किया, फिर भी हमने किया। दुनिया भर में इस्कॉन की ओर से 8 अरब लोगों को खाना खिलाया गया है। और हमें एक कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन कहा जा रहा है?'हिंदू समुदाय पर 200 से अधिक हमले
चिन्मय दास (पहले इस्कॉन के सदस्य थे) को इस हफ्ते की शुरुआत में हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से हिंदू समुदाय में जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 5 अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से हिंदू समुदाय पर 200 से अधिक हमले हुए हैं।भारत ने क्या प्रतिक्रिया दी?
बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि दास को किसी समुदाय के नेता के रूप में नहीं, बल्कि राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बांग्लादेश सम्मिलित सनातन स्वर्णिम भारत न्यूज़ जोत के प्रवक्ता दास की गिरफ्तारी पर भारत ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसे उसने बेहद चिंताजनक बताया। MEA ने कहा, 'यह घटना बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों की ओर से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमलों के बाद हुई है।'गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं?
यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल खड़े करती है। इस्कॉन एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठन है जिसके दुनिया भर में लाखों अनुयायी हैं। बांग्लादेश सरकार की ओर से इसे 'कट्टरपंथी' बताना चिंताजनक है। यह देखना होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है और सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति को कैसे संभालती है। चिन्मय दास की गिरफ्तारी और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों ने बांग्लादेश में तनाव बढ़ा दिया है। यह जरूरी है कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें और कानून का पालन करें।
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