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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की प्रचंड लहर मे विपक्ष 50 से कम सीटों पर सिमट गया, तो वहीं महायुति ने दोहरा शतक लगाते हुए 235 सीटों का आंकड़ा छुआ। लोकसभा चुनावों में जब एमवीए का प्रदर्शन अच्छा रहा था तब यह कहा गया था कि अल्पसंख्यक समुदाय ने लामबंद होकर वोटिंग की। इससे कांग्रेस के अगुवाई वाली महाविकास आघाड़ी को फायदा मिला। लोकसभा चुनावों में एमवीए को राज्य की 288 सीटों में 150 पर बढ़त हासिल हुई थी, लेकिन लोकसभा के हिसाब से देखें तो एमवीए ने 100 सीटें गंवा दीं। महायुति और एमवीए की आमने-सामने की टक्कर में बीजेपी ने सबसे ज्यादा मुस्लिम बहुल सीटों पर कब्जा जमाया है। महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटर 10 फीसदी हैं।
बीजेपी को फायदा, कांग्रेस को लगता झटका
चुनाव परिणामों में बीजेपी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने प्रदर्शन मे भी सुधार किया है। बीजेपी की सीटों की संख्या जहां बढ़ी है तो वहीं कांग्रेस की संख्या कम हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र की 38 सीटों पर जहां मुस्लिम आबादी 20% से अधिक है। बीजेपी ने 2019 में 11 से बढ़कर इस बार 14 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने पांच साल पहले 11 सीटें जीती थी। इस चुनाव यह संख्या घटकर पांच रह गई। महायुति को कुल 22 एमवीए और 13 सीटें ही मिलीं। महायुति के सदस्य शिवसेना ने छह और एनसीपी को दो सीटें मिलीं। एमवीए की ओर से शिवसेना (यूबीटी) को छह और एनसीपी (एसपी) को दो सीटें मिलीं। शेष तीन सीटों में से सपा को दो और एआईएमआईएम को एक सीट मिली।
किसे कितनी सीटें मिलीं?
सीटों का ब्योरा:
ओवैसी की पार्टी को सिर्फ 1 सीट मिली
महाराष्ट्र चुनाव परिणाम एआईएमआईएम के लिए निराशाजनक रहे। पार्टी 162 वोटों से मालेगांव सेंट्रल सीट को जीत पाई। औरंगाबाद ईस्ट से पार्टी के तेजतर्रार नेता इम्तियाज जलील हार गए। एआईएमआईएम ने पांच साल पहले 44 की तुलना में 16 पर उम्मीदवार उतारे थे। एआईएमआईएम को 2019 में दो सीटें मिली थीं। इस बार एक विधायक निर्वाचित हो पाया, हालांकि समाजवादी पार्टी दो सीटें बचाने में सफल रही।
बीजेपी को फायदा, कांग्रेस को लगता झटका
चुनाव परिणामों में बीजेपी ने मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने प्रदर्शन मे भी सुधार किया है। बीजेपी की सीटों की संख्या जहां बढ़ी है तो वहीं कांग्रेस की संख्या कम हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र की 38 सीटों पर जहां मुस्लिम आबादी 20% से अधिक है। बीजेपी ने 2019 में 11 से बढ़कर इस बार 14 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने पांच साल पहले 11 सीटें जीती थी। इस चुनाव यह संख्या घटकर पांच रह गई। महायुति को कुल 22 एमवीए और 13 सीटें ही मिलीं। महायुति के सदस्य शिवसेना ने छह और एनसीपी को दो सीटें मिलीं। एमवीए की ओर से शिवसेना (यूबीटी) को छह और एनसीपी (एसपी) को दो सीटें मिलीं। शेष तीन सीटों में से सपा को दो और एआईएमआईएम को एक सीट मिली।
किसे कितनी सीटें मिलीं?
- बीजेपी 14
- कांग्रेस 5
- शिंदे शिवसेना 6
- शिवसेना उद्धव 6
- अजित पवार 2
- समाजवादी पार्टी 2
- एनसीपी शरद 1
- एआईएमआईएम 1
सीटों का ब्योरा:
- बीजेपी: भिवंडी पश्चिम, औरंगाबाद पश्चिम, अंधेरी पश्चिम, अकोट, वंद्रे पश्चिम, सोलापुर सेंट्रल, नागपुर सेंट्रल, धुले, सायन वाडा, करंजा, पुणे कैंटोनमेंट, रावेर, वाशिम और मलकापुर।
- कांग्रेस: मलाड पश्चिम, लातूर सिटी, मुंबादेवी, अकोला पश्चिम, धारावी।
- शिंदे शिवसेना: औरंगाबाद सेंट्रल, कुर्ला, चांदिवली, नांदेड़ उत्तर, नांदेड़ दक्षिण, बीड
- शिवसेना उद्धव: बायकुला, वर्सोवा, बांद्रा ईस्ट, परभणी, कलिना, बालापुर
- एनसीपी अजित पवार: अमरावती, अणुशक्ति नगर
- समाजवादी पार्टी: मानखुर्द-शिवाजी नगर, भिवंडी ईस्ट
- एनसीपी शरद पवार: मुंब्रा कलवा, जालना
- एआईएमआईएम: मालेगांव सेंट्रल
ओवैसी की पार्टी को सिर्फ 1 सीट मिली
महाराष्ट्र चुनाव परिणाम एआईएमआईएम के लिए निराशाजनक रहे। पार्टी 162 वोटों से मालेगांव सेंट्रल सीट को जीत पाई। औरंगाबाद ईस्ट से पार्टी के तेजतर्रार नेता इम्तियाज जलील हार गए। एआईएमआईएम ने पांच साल पहले 44 की तुलना में 16 पर उम्मीदवार उतारे थे। एआईएमआईएम को 2019 में दो सीटें मिली थीं। इस बार एक विधायक निर्वाचित हो पाया, हालांकि समाजवादी पार्टी दो सीटें बचाने में सफल रही।
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