आइसक्रीम ने बना दिया करोड़पति, कभी करते थे 1500 रुपये की नौकरी, अब चलाते हैं खुद की कंपनी

नई दिल्ली: सफलता कब कदम चूम ले, कुछ कहा नहीं जा सकता। जरूरत होती है तो सधे लक्ष्य और कड़ी मेहनत की। ऐसा ही कुछ किया झारखंड के 37 वर्षीय गगन आनंद ने। वह 17 साल की उम्र में जेब में मात्र 1,200 रुपये लेकर दिल्ली अपने भाई के पास आ आए थे। रकम बेशक छो

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नई दिल्ली: सफलता कब कदम चूम ले, कुछ कहा नहीं जा सकता। जरूरत होती है तो सधे लक्ष्य और कड़ी मेहनत की। ऐसा ही कुछ किया झारखंड के 37 वर्षीय गगन आनंद ने। वह 17 साल की उम्र में जेब में मात्र 1,200 रुपये लेकर दिल्ली अपने भाई के पास आ आए थे। रकम बेशक छोटी थी, लेकिन आंखों में सपने बड़े थे।

दिल्ली आने के बाद उन्होंने पिज्जा हट में मात्र 1,500 रुपये महीने की नौकरी शुरू की। आज उनका वक्त पूरी तरह बदल चुका है। वह एक कंपनी के मालिक हैं जो स्कूजो आइस-ओ-मैजिक (Scuzo Ice-O-Magic) नाम से आइसक्रीम बेचती है। इसके कैफे में कई तरह की आइसक्रीम मिलती है। आज इनका सालाना कारोबार करीब 8 करोड़ रुपये का है।
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हीरो बनने का सपना लेकर आए थे दिल्ली

गगन झारखंड (तब बिहार) के रहने वाले हैं। मध्यम वर्गीय परिवार में पले-बढ़े गगन चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। वह एक्टर बनना चाहते थे। 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके पिता रिटायर हो गए थे। पेंशन से पूरे परिवार का खर्च बमुश्किल ही चल पा रहा था। परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए वह एक्टर बनने का सपना लेकर दिल्ली आ गए।

करनी पड़ी नौकरी

दिल्ली आने के बाद उन्हें बहुत जल्दी पता चल गया कि इस क्षेत्र में करियर बनाना संभव नहीं है। एक दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस में घूमते हुए उनकी नजर पिज्जा हट के दरवाजे पर पड़ी। उन्होंने यहां अपनी पहली नौकरी शुरू की। मेहनत के दम पर गगन 21 साल की उम्र में रेस्टोरेंट के जनरल मैनेजर बन गए। कुछ साल के दौरान ही इन्होंने दुनिया के कई देशों में कई इंडियन और इंटरनेशनल ब्रांड के साथ काम किया।

ऐसे शुरू किया बिजनेस का सफर

गगन के मुताबिक उन्हें आइसक्रीम का बचपन से शौक था। साथ ही पिज्जा हट और दूसरे कई ब्रांड के साथ काम करने के दौरान उन्हें इस फील्ड के बारे में भी नॉलेज हो गई थी। वह विदेश में नौकरी छोड़ वापस इंडिया आ गए। यहां आकर उन्होंने कुछ कंपनियों में काम किया।

इस दौरान उन्हें ख्याल आया कि क्यों न अपने लिए काम किया जाए। यही सोचकर वह कारोबार की दुनिया में कूद पड़े। साल 2020 में उन्होंने 'स्कूजो आइस-ओ-मैजिक' नाम से डेजर्ट कैफे शुरू कर दिया। चूंकि, उस समय कोरोना के कारण लॉकडाउन भी लगा था, जिससे उन्हें काफी परेशानी भी हुई। लेकिन इन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

इस दौरान गगन को आइडिया आया कि वह ऐसी आइसक्रीम बनाएंगे जो पूरी तरह नेचुरल होगी। साथ ही उस आइसक्रीम में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। आज ये कई तरह की आइसक्रीम बनाते हैं। इसमें ग्लूटेन फ्री आइसक्रीम भी शामिल है।

कितना फैला कारोबार?

आज उनके ब्रांड के देशभर के 15 राज्यों में 30 से ज्यादा स्टोर हैं। गगन की कंपनी फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करती है। इन 30 स्टोर में कंपनी के खुद के 5 स्टोर हैं और बाकी 25 स्टोर फ्रेंचाइजी मॉडल पर दिए हुए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में इसका टर्नओवर 8 करोड़ रुपये का रहा है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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