सिर्फ महाराष्ट्र और झारखंड ही नहीं...कैसे एंटी इनकम्बेंसी की काट बन रही हैं ये योजनाएं, समझें

नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड इन दो राज्यों के नतीजे शनिवार आए। महाराष्ट्र में जहां महायुति तो वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन की शानदार वापसी हो रही है। महाराष्ट्र में जहां महायुति के पास दोबारा से सत्ता की बागडोर होगी तो वहीं हेमंत सोरेन एक बार

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड इन दो राज्यों के नतीजे शनिवार आए। महाराष्ट्र में जहां महायुति तो वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन की शानदार वापसी हो रही है। महाराष्ट्र में जहां महायुति के पास दोबारा से सत्ता की बागडोर होगी तो वहीं हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड की कमान संभालेंगे। दोनों ही राज्यों में एंटी इनकम्बेंसी तो दूर की बात है पिछली बार के मुकाबले सीटों की संख्या भी काफी बढ़ गई। दोनों ही राज्यों में जीत के पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन इन राज्यों में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर चर्चा हो रही है जिसका जीत में काफी अहम रोल माना जा रहा है। सिर्फ इन दो राज्यों में ही नहीं पिछले कुछ चुनावों को देखें तो ऐसा लग रहा है कि महिलाओं को ऐसी स्कीम रास आ रही है। ।
महाराष्ट्र में लाडली बहिन योजना गेम चेंजर साबित
महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को लाडली बहिन योजना का बंपर लाभ मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। इस योजना का प्रचार चुनाव के दौरान भी खूब किया गया। महाराष्ट्र के चुनाव में महिलाओं की इस बार भागीदारी काफी देखने को मिली। महायुति ने सत्ता में वापसी पर 'लाडली बहिन योजना' के तहत मिलने वाली राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया था।

महाराष्ट्र में लाडली बहिन योजना लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद शुरू किया गया था। इस योजना के तहत महिलाओं के खाते में 1500 रुपये मासिक कैश ट्रांसफर किया जाता है। इसकी तीन किस्ते भी जारी हो चुकी हैं। चुनाव के दौरान महायुति सरकार ने वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद इसे बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया जाएगा।

मंईयां योजना का हेमंत को मिला आशीर्वाद
झारखंड में हेमंत सोरेन की दोबारा से वापसी के पीछे भी महिला वोटर्स की अहम भूमिका रही। इस जीत के बाद मंईयां सम्मान निधि योजना की काफी चर्चा हो रही है। हेमंत सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव से पूर्व मंईयां सम्मान निधि की घोषणा की थी। इस योजना के तहत चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में हजार-हजार रुपये आ चुके हैं।

वहीं चुनाव की घोषणा से कुछ समय पूर्व हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि अब हर महीने 2500 रुपये मिलेंगे। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये देने की शुरुआत हुई थी। आज जो नतीजे आए हैं उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं लेकिन यह भी समझ आ रहा है कि हेमंत सोरेन का यह कदम काफी कारगर सिद्ध हुआ है।

सिर्फ ये ही दो राज्य नहीं
बात सिर्फ इन दो राज्यों की ही नहीं पूर्व में ऐसी ही योजना कई और राज्यों में कारगर रही। पंजाब चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि सत्ता में आए तो हर महिलाओं के खाते में एक हजार रुपये आएंगे। वहीं उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वादा किया कि इसे बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी की वापसी की उम्मीद कम की जा रही थी लेकिन लाडली बहन योजना ने कमाल कर दिया।

साल 2023 में बीजेपी सरकार ने इसकी शुरुआत की। शुरू में 1000 रुपये बाद में इसे बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया। साथ ही वादा किया गया था कि इसे बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया जाएगा। कर्नाटक चुनाव के दौरान भी कांग्रेस के लिए ऐसी योजना कारगर रही। गृह लक्ष्मी योजना की शुरुआत की गई। इस स्कीम के तहत राज्य की महिलाओं को 2 हजार रुपये मिलते हैं। इसी प्रकार हरियाणा में भी बीजेपी ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने की बात कही थी। यहां भी योजना कारगर रही।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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