Success Story- सिर्फ 8 लाख से खड़ा किया 23,567 करोड़ का बिजनेस, ऐसे मिली कामयाबी

नई दिल्‍ली: मोबिक्विक के संस्थापक बिपिन प्रीत सिंह की कहानी प्रेरणा से भरपूर है। उन्होंने अपनी बचत के 8 लाख रुपये से एक छोटा सा स्टार्टअप शुरू किया था। देखते ही देखते यह स्टार्टअप एक बड़ी फिनटेक कंपनी (Fintech Company) में बदल गया। आज उनकी कंपनी

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नई दिल्‍ली: मोबिक्विक के संस्थापक बिपिन प्रीत सिंह की कहानी प्रेरणा से भरपूर है। उन्होंने अपनी बचत के 8 लाख रुपये से एक छोटा सा स्टार्टअप शुरू किया था। देखते ही देखते यह स्टार्टअप एक बड़ी फिनटेक कंपनी (Fintech Company) में बदल गया। आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर सैकड़ों करोड़ रुपये में है। आइए, यहां बिपिन प्रीत सिंह की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

IIT-दिल्ली के रहे हैं छात्र

IIT-दिल्ली के रहे हैं छात्र

बिपिन प्रीत सिंह दिल्ली के रहने वाले हैं। वह IIT-दिल्ली के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने फ्रीस्केल सेमीकंडक्टर नाम की एक टेक फर्म में सिस्टम आर्किटेक्ट के रूप में काम किया। साल 2000 के दशक के अंत में बिपिन प्रीत सिंह ने भारत में मोबाइल इंटरनेट के बढ़ते इस्‍तेमाल को देखा। उन्होंने एक ऐसा डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन बनाने का विचार विकसित किया जो ऑनलाइन लेनदेन के दौरान यूजर्स के बैंक और कार्ड के डिटेल की सुरक्षा करता हो। हालांकि, उनके पास स्टार्टअप के लिए मजबूत आइडिया तो था। लेकिन, इसे अमलीजामा पहनाने की खातिर जरूरी पैसा नहीं था।

8 लाख की पूंजी से शुरू किया काम

8 लाख की पूंजी से शुरू किया काम

आखिरकार, 2009 में सिंह ने अपनी जीवनभर की बचत से 8 लाख रुपये का निवेश करने का फैसला किया। उन्होंने दिल्ली के द्वारका में एक छोटा सा ऑफिस किराए पर लिया और मोबिक्विक की नींव रखी। यह एक फिनटेक स्टार्टअप था जो भारत में सभी दूरसंचार प्रदाताओं के लिए प्रीपेड रिचार्ज विकल्प प्रदान करता था। अपने छोटे से द्वारका ऑफिस से काम करते हुए बिपिन और उनकी पत्नी उपासना सिंह ने मोबिक्विक को यूजर्स के लिए आसान और सुविधाजनक बनाने को नए उपायों पर काम किया। जल्द ही, उन्होंने उन यूजर्स के लिए एक SMS-आधारित रिचार्ज समाधान पेश किया जिनके पास इंटरनेट एक्सेस नहीं था।

तेजी से हुई ग्रोथ, लेकिन...

तेजी से हुई ग्रोथ, लेकिन...

हालांकि, उस समय पारंपरिक मोबाइल सेवाओं की कुछ सीमाएं थीं। उनसे बचने के लिए बिपिन ने मोबिक्विक को 'पुल' मॉडल में बदलने का फैसला किया। इससे यूजर्स सीधे रिचार्ज और प्रीमियम ऐप्स एक्सेस कर सकते थे। इस नए फीचर ने बिपिन के स्टार्टअप को पीवीआर और कैफे कॉफी डे जैसे प्रमुख ब्रांडों के साथ आकर्षक साझेदारी करने में मदद की। 2015 तक मोबिक्विक के 1.5 करोड़ वॉलेट यूजर और 25,000 ट्रेडर हो गए थे। लेकिन, कुछ साल बाद टेक दिग्गजों की ओर से समर्थित कई नए फिनटेक स्टार्टअप और डिजिटल पेमेंट ऐप भारत में तेजी से उभरने लगे।

अब सैकड़ों करोड़ का बिजनेस

अब सैकड़ों करोड़ का बिजनेस

यह पहचानते हुए कि ऐसी संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना लगभग असंभव होगा सिंह ने मोबिक्विक में निवेशकों की तलाश की। उन्होंने बजाज फाइनेंस को 10.83% हिस्सेदारी बेच दी। यह कदम एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ क्योंकि मोबिक्विक का यूजर बेस बढ़कर 10 करोड़ हो गया। 2024 में अपनी स्थापना के डेढ़ दशक बाद मोबिक्विक भारत की अग्रणी फिनटेक कंपनियों में से एक है। इसका वार्षिक कारोबार 890.32 करोड़ रुपये है, जो 2023 से 58.67% की ग्रोथ है। आज मोबिक्विक का बाजार पूंजीकरण 23,567 करोड़ रुपये है। वहीं, बिपिन और उनकी पत्नी उपासना की कुल संपत्ति 2,260 करोड़ रुपये आंकी गई है। बिपिन प्रीत सिंह की कहानी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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