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नई दिल्ली: भारतीय सेना को जल्द ही नई लंबी दूरी की गाइडेड मिसाइलें मिलने वाली हैं। ये मिसाइलें चीन की मिसाइलों का मुकाबला करने में सक्षम होंगी। चार साल तक चले परीक्षण के बाद अब इन मिसाइलों को मंजूरी दी गई है। गाइडेड पिनाका रॉकेट 75 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार कर सकते हैं। इनमें एक गाइडेंस किट भी लगी है जो उड़ान के दौरान इसे सही दिशा में ले जाती है। 10 नवंबर को अंतिम परीक्षण सफल रहने के बाद अब सेना की सभी तकनीकी जरूरतें पूरी हो गई हैं।और बढ़ेगी पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता
सूत्रों का कहना है कि अगले फेज में इनकी मारक क्षमता को पहले 120 किलोमीटर और फिर 200 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा। इस पर काम शुरू हो चुका है। DRDO ने चार कंपनियों के साथ मिलकर यह सिस्टम बनाया है। इनमें तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। उत्पादन के लिए फैक्ट्रियां भी बन चुकी हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों की सफलता को देखते हुए, दुनिया भर में इनकी मांग बढ़ रही है। लेकिन इनकी आपूर्ति सीमित है। भारत में हर साल सैकड़ों रॉकेट बनाने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर इसे हजारों तक बढ़ाया जा सकता है।
ऐसे बढ़ेगी रॉकेट का रफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि 37 किलोमीटर की रेंज वाले पुराने पिनाका रॉकेट का उत्पादन पहले से ही हो रहा है। इन्हीं जगहों पर लंबी दूरी वाले रॉकेट भी बनाए जा सकते हैं। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लॉन्चर बनाते हैं। इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड गोला-बारूद बनाते हैं।
और बढ़ेगी पिनाका रॉकेट की मारक क्षमता
सूत्रों का कहना है कि अगले फेज में इनकी मारक क्षमता को पहले 120 किलोमीटर और फिर 200 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा। इस पर काम शुरू हो चुका है। DRDO ने चार कंपनियों के साथ मिलकर यह सिस्टम बनाया है। इनमें तीन निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। उत्पादन के लिए फैक्ट्रियां भी बन चुकी हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध में लंबी दूरी की मिसाइलों की सफलता को देखते हुए, दुनिया भर में इनकी मांग बढ़ रही है। लेकिन इनकी आपूर्ति सीमित है। भारत में हर साल सैकड़ों रॉकेट बनाने की क्षमता है। जरूरत पड़ने पर इसे हजारों तक बढ़ाया जा सकता है।ऐसे बढ़ेगी रॉकेट का रफ्तार
सूत्रों के मुताबिक, ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि 37 किलोमीटर की रेंज वाले पुराने पिनाका रॉकेट का उत्पादन पहले से ही हो रहा है। इन्हीं जगहों पर लंबी दूरी वाले रॉकेट भी बनाए जा सकते हैं। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लॉन्चर बनाते हैं। इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड और म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड गोला-बारूद बनाते हैं।पिनाका को निर्यात की मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है, इसलिए उम्मीद है कि सेना जल्द ही ऑर्डर देगी। गाइडेड पिनाका को निर्यात के लिए भी मंजूरी दे दी गई है और आर्मेनिया ने ऑर्डर दिया है। अन्य मित्र देशों को भी यह सिस्टम बेचने के लिए बातचीत चल रही है। भारतीय रॉकेट को मौजूदा पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर से चलाने के लिए डिजाइन किया जा रहा है। इससे सेना को तैनाती में काफी सुविधा होगी। पाकिस्तान ने हाल ही में अपने फतह- II सिस्टम का परीक्षण किया है। दावा किया जा रहा है कि यह 400 किलोमीटर तक मार कर सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
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