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मास्को: चीन के झुहाई एयर शो में अपने शानदार कलाबाजी से दुनिया का दिल जीतने वाले रूस के सुखोई-57 स्टील्थ फाइटर जेट को पहला ऑर्डर मिल गया है। रूस की सरकारी हथियार निर्माता कंपनी रोसोबोरोनेएक्सपोर्ट ने ऐलान किया है कि उसे पहला ऑर्डर मिला है लेकिन उसने खरीदार देश के नाम का ऐलान नहीं किया। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी इंटरफैक्स ने भी 13 नवंबर को ऐलान किया कि सुखोई-57 का पहला समझौता हो गया है। रूस के इस खरीदार देश का नाम नहीं बताने से अटकलों का बाजार गरम हो गया है। भारत से लेकर अफ्रीकी देशों के नाम बाजार में तैर रहे हैं। आइए समझते हैं कि आखिर कौन सा देश हो सकता है जिसने रूस के इस सबसे आधुनिक फाइटर जेट को खरीदने के लिए ऑर्डर दिया है। वह भी तब जब अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा रहा है।रोसोबोरोनेएक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्जेंडर मिखीव ने कहा, 'सैन्य तकनीक सिस्टम को नए तरीके के हथियार और सैन्य उपकरण को बाजार में लाना चाहिए। सुखोई-57 की जहां तक बात है तो हमने इस एयरक्राफ्ट के लिए पहले ही हस्ताक्षर कर लिया है।' उन्होंने खरीददार देश के नाम का ऐलान नहीं किया जिससे अटकलों का बाजार सोशल मीडिया में गरम हो गया है। कई सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि रोसोबोरोनेएक्सपोर्ट के चीफ का बयान इस बात की पुष्टि है कि यह डील हो चुकी है। वहीं कुछ अन्य विश्लेषकों का कहना है कि यह रूस का प्रोपेगेंडा भी हो सकता है।
रूस का ऐलान ऐसे समय पर हुआ है जब Su-57 ने चीन के झुहाई एयर शो में हिस्सा लिया है जो अभी 17 नवंबर तक चलेगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब यह विमान चीन पहुंचा है। इस शो में सुखोई-57 ने ऐसे करतब दिखाए कि उसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। रूसी कंपनी के इस ऐलान के आधार पर विश्लेषकों का अनुमान है कि यह सौदा झुहाई एयरशो से कई महीने पहले ही तय हो गया था। साल 2021 में अलेक्जेंडर मिखीव ने ऐलान किया था कि वह 5 देशों के साथ संपर्क में हैं। उस दौरान सैन्य विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि भारत, अल्जीरिया, वियतनाम और तुर्की जैसे रूस के मित्र देश सुखोई-57 विमान को खरीद सकते हैं।
ऐसी अपुष्ट रिपोर्टें हैं कि अफ्रीकी देश अल्जीरिया ने रूस के साथ सुखोई-57 विमान के लिए पहला समझौता किया है। अल्जीरिया ने अभी तक इन रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की है। वहीं विश्लेषकों का कहना है कि अगर अल्जीरिया सुखोई-57 जेट डील करता है तो इससे पूरे इलाके में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है और अल्जीरिया का प्रभाव काफी बढ़ जाएगा। खरीददार कोई भी हो लेकिन यह रूस के लिए बड़ी खुशखबरी है। रूस कई दिनों से इस विमान को बेचने का प्रयास कर रहा था लेकिन कोई तैयार नहीं हो रहा था। भारत ने भी अभी तक इस विमान से दूरी बना रखी है। वहीं कई विशेषज्ञों का कहना है कि पांचवीं पीढ़ी के विमान की कमी पूरी करने के लिए भारत को इस विमान को रूस से खरीदना चाहिए।
सुखोई-57 से अफ्रीका में बदल सकता है संतुलन
रूस का ऐलान ऐसे समय पर हुआ है जब Su-57 ने चीन के झुहाई एयर शो में हिस्सा लिया है जो अभी 17 नवंबर तक चलेगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब यह विमान चीन पहुंचा है। इस शो में सुखोई-57 ने ऐसे करतब दिखाए कि उसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। रूसी कंपनी के इस ऐलान के आधार पर विश्लेषकों का अनुमान है कि यह सौदा झुहाई एयरशो से कई महीने पहले ही तय हो गया था। साल 2021 में अलेक्जेंडर मिखीव ने ऐलान किया था कि वह 5 देशों के साथ संपर्क में हैं। उस दौरान सैन्य विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि भारत, अल्जीरिया, वियतनाम और तुर्की जैसे रूस के मित्र देश सुखोई-57 विमान को खरीद सकते हैं।
ऐसी अपुष्ट रिपोर्टें हैं कि अफ्रीकी देश अल्जीरिया ने रूस के साथ सुखोई-57 विमान के लिए पहला समझौता किया है। अल्जीरिया ने अभी तक इन रिपोर्ट्स की पुष्टि नहीं की है। वहीं विश्लेषकों का कहना है कि अगर अल्जीरिया सुखोई-57 जेट डील करता है तो इससे पूरे इलाके में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है और अल्जीरिया का प्रभाव काफी बढ़ जाएगा। खरीददार कोई भी हो लेकिन यह रूस के लिए बड़ी खुशखबरी है। रूस कई दिनों से इस विमान को बेचने का प्रयास कर रहा था लेकिन कोई तैयार नहीं हो रहा था। भारत ने भी अभी तक इस विमान से दूरी बना रखी है। वहीं कई विशेषज्ञों का कहना है कि पांचवीं पीढ़ी के विमान की कमी पूरी करने के लिए भारत को इस विमान को रूस से खरीदना चाहिए।
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