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नई दिल्ली : देश के निवर्तमान चीफ जस्टिस शुक्रवार को अपने अंतिम कार्य दिवस पर भावुक हो गए। चीफ जस्टिस ने अपने कार्यकाल पर कहा कि जरूरतमंदों की सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है। सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं लेकिन शुक्रवार को उनका लास्ट वर्किंग डे था। सीजेआई-पदनामित संजीव खन्ना, जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा सहित चार जजों की एक औपचारिक बेंच ने उन्हें विदाई दी। इस दौरान सीजेआई ने कई बातों का जिक्र किया। चीफ जस्टिस ने खुद को ट्रोल करने वालों को लेकर मजेदार बात कही।'सबसे अधिक ट्रोल होने वाले जजों में एक'
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं शायद पूरे सिस्टम में सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले जजों में से एक हू। सीजेआई ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मैं सोच रहा हूं कि सोमवार से क्या होगा। मुझे ट्रोल करने वाले सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे! इससे पहले सीजेआई ने उनकी उपलब्धियों और राष्ट्र की सेवा करने के सौभाग्य के लिए गहरा संतोष व्यक्त किया। नम आंखों वाले चीफ जस्टिस ने कहा कि आपने मुझसे पूछा कि मुझे क्या प्रेरित करता है। यह अदालत ही है जिसने मुझे प्रेरित किया है, क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं है जब आपको लगे कि आपने कुछ नहीं सीखा है, कि आपको समाज की सेवा करने का अवसर नहीं मिला है।
न्यायपालिका में उल्लेखनीय सफलता
सीजेआई ने कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है जिनसे आप कभी नहीं मिलेंगे, जिन्हें आप संभवतः जानते भी नहीं हैं, जिनके जीवन को आप बिना देखे प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 11 नवंबर 1959 को जन्मे जस्टिस चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। क्रिकेट के प्रति उनका उत्साह उनकी युवावस्था में शुरू हुआ, जब वह अपने पिता के लुटियंस दिल्ली निवास के पिछवाड़े में खेला करते थे।
'सबसे अधिक ट्रोल होने वाले जजों में एक'
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं शायद पूरे सिस्टम में सबसे अधिक ट्रोल किए जाने वाले जजों में से एक हू। सीजेआई ने मजाकिया अंदाज में कहा कि मैं सोच रहा हूं कि सोमवार से क्या होगा। मुझे ट्रोल करने वाले सभी लोग बेरोजगार हो जाएंगे! इससे पहले सीजेआई ने उनकी उपलब्धियों और राष्ट्र की सेवा करने के सौभाग्य के लिए गहरा संतोष व्यक्त किया। नम आंखों वाले चीफ जस्टिस ने कहा कि आपने मुझसे पूछा कि मुझे क्या प्रेरित करता है। यह अदालत ही है जिसने मुझे प्रेरित किया है, क्योंकि ऐसा एक भी दिन नहीं है जब आपको लगे कि आपने कुछ नहीं सीखा है, कि आपको समाज की सेवा करने का अवसर नहीं मिला है।न्यायपालिका में उल्लेखनीय सफलता
सीजेआई ने कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है जिनसे आप कभी नहीं मिलेंगे, जिन्हें आप संभवतः जानते भी नहीं हैं, जिनके जीवन को आप बिना देखे प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। 11 नवंबर 1959 को जन्मे जस्टिस चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। क्रिकेट के प्रति उनका उत्साह उनकी युवावस्था में शुरू हुआ, जब वह अपने पिता के लुटियंस दिल्ली निवास के पिछवाड़े में खेला करते थे।1998 में सीनियर एडवोकेट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने उन्हें जून 1998 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया। 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में कार्य किया। बाद में वे 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में बीए, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी और हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम किया है।
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