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वॉशिंगटन: अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप विजेता बनकर उभरे हैं। वही डोनाल्ड ट्रंप जो अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति थे। पिछले चुनाव में भी वह रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ट्रंप ने तब भी हार नहीं मानी और पूरे चार साल का इंतजार किया। जब उनकी पार्टी ने तीसरी बार उन्हें उम्मीदवार बनाया, तब कोई यह नहीं जानता था कि ट्रंप इस चुनाव को जीत जाएंगे। लेकिन, एक तस्वीर ने अमेरिकी चुनाव के रुख को ही बदल दिया। यह तस्वीर थी, 13 जुलाई 2024 की पेंसिलवेनिया के बटलर पार्क की। इस जगह पर ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ। गनीमत रही कि ट्रंप जिंदा बच गए और इसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी की। खून लगे मुंह के साथ मुठ्ठी भींचकर खड़े होने की उनकी तस्वीर ने पूरी दुनिया को सन्न कर दिया था।
इस तस्वीर का असर यह हुआ कि अमेरिका में उनका जनसमर्थन बढ़ गया। शायद दूसरा कोई नेता होता तो वह दोबारा रैली करने से पहले कई बार सोचता। लेकिन, ट्रंप दूसरे मिट्टी के बने हुए हैं। उन्होंने लगभग दो महीने बाद एक बार फिर उसी जगह रैली की, जहां उन पर हमला हुआ था। इस घटना ने भी लोगों के दिलों में ट्रंप के लिए जगह बनाने में काफी मदद की। जब ट्रंप को गोली छूकर निकली थी, तब भी वह मुठ्ठी को हवा में उठाए फाइट-फाइट-फाइट चिल्ला रहे थे। वह इस बात से भी बेखबर थे कि कहीं हमलावर दूसरी बार उनको निशाना न बना दे। हालांकि, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने तुरंत उस हमलावर को ढेर कर दिया था।
अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी एफ़बीआई ने बताया था कि ट्रंप पर हमला करने वाले शख्स का नाम थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था। वह सिर्फ 20 साल का था। वह पेंसिलवेनिया के बेथल पार्क का रहने वाला था, जिसकी ट्रंप के रैली स्थल से दूरी मात्र 70 किमी थी। रैली स्थल पर मौजूद कई लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने क्रुक्स को कुहनियों के बल रेंगते हुए देखा था और इसकी सूचना पुलिस और सीक्रेट सर्विस को दी थी। इसके बावजूद सीक्रेट सर्विस ने इस सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि, जांच के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई।
थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने ट्रंप पर हमले के लिए AR Style 556 राइफल का इस्तेमाल किया था। यह करीब 3 किलोग्राम वजनी, सेमी ऑटोमेटिक राइफल है। इससे स्कोप की मदद से लंबी दूरी तक निशाना लगाया जा सकता है। क्रुक्स ने निशाना बिलकुल सटीक लगाया था, लेकिन ट्रंप उस वक्त संयोगवश रैली में बोलने के लिए इमीग्रेशन चार्ट को देखने के लिए मुड़ गए। इससे गोली उनके कान को छूकर निकल गई। अगर, ट्रंप ने थोड़ी भी देरी की होती तो, गोली उनके दाहिने कनपटी से घुसती हुई दूसरी ओर से बाहर निकल जाती।
तस्वीर ने कराई ट्रंप की वापसी
इस तस्वीर का असर यह हुआ कि अमेरिका में उनका जनसमर्थन बढ़ गया। शायद दूसरा कोई नेता होता तो वह दोबारा रैली करने से पहले कई बार सोचता। लेकिन, ट्रंप दूसरे मिट्टी के बने हुए हैं। उन्होंने लगभग दो महीने बाद एक बार फिर उसी जगह रैली की, जहां उन पर हमला हुआ था। इस घटना ने भी लोगों के दिलों में ट्रंप के लिए जगह बनाने में काफी मदद की। जब ट्रंप को गोली छूकर निकली थी, तब भी वह मुठ्ठी को हवा में उठाए फाइट-फाइट-फाइट चिल्ला रहे थे। वह इस बात से भी बेखबर थे कि कहीं हमलावर दूसरी बार उनको निशाना न बना दे। हालांकि, अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने तुरंत उस हमलावर को ढेर कर दिया था।
ट्रंप पर हमला करने वाला कौन था?
अमेरिका की शीर्ष जांच एजेंसी एफ़बीआई ने बताया था कि ट्रंप पर हमला करने वाले शख्स का नाम थॉमस मैथ्यू क्रुक्स था। वह सिर्फ 20 साल का था। वह पेंसिलवेनिया के बेथल पार्क का रहने वाला था, जिसकी ट्रंप के रैली स्थल से दूरी मात्र 70 किमी थी। रैली स्थल पर मौजूद कई लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने क्रुक्स को कुहनियों के बल रेंगते हुए देखा था और इसकी सूचना पुलिस और सीक्रेट सर्विस को दी थी। इसके बावजूद सीक्रेट सर्विस ने इस सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि, जांच के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई।
ट्रंप पर किस हथियार से किया गया हमला
थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने ट्रंप पर हमले के लिए AR Style 556 राइफल का इस्तेमाल किया था। यह करीब 3 किलोग्राम वजनी, सेमी ऑटोमेटिक राइफल है। इससे स्कोप की मदद से लंबी दूरी तक निशाना लगाया जा सकता है। क्रुक्स ने निशाना बिलकुल सटीक लगाया था, लेकिन ट्रंप उस वक्त संयोगवश रैली में बोलने के लिए इमीग्रेशन चार्ट को देखने के लिए मुड़ गए। इससे गोली उनके कान को छूकर निकल गई। अगर, ट्रंप ने थोड़ी भी देरी की होती तो, गोली उनके दाहिने कनपटी से घुसती हुई दूसरी ओर से बाहर निकल जाती।
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