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नई दिल्ली: मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने मंगलवार को बड़ी बात कही है। उन्होंने बताया है कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटी है। इसे उन्होंने चिंता का विषय बताया है। एक समय कुल बिक्री में इन कारों की हिस्सेदारी 80 फीसदी होती थी। हालांकि, अब यह लगातार घट रही है। उन्होंने कहा कि इसका कारण लोगों के पास खर्च योग्य आय का कम होना है।
आरसी भार्गव ने कहा कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटना चिंता का कारण है। कभी कुल कारों की बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 80 फीसदी तक होती थी। इसका लगातार घटना दिखाता है कि लोगों के पास डिस्पोजेबल इनकम कम है।
क्या बोले आरसी भार्गव?
भार्गव ने कहा, ‘कुल मिलाकर इस सेगमेंट में बिक्री में कमी के चलते ऑटोमोबाइल मार्केट में समग्र ग्रोथ नहीं हो रही है। बाजार में इस स्तर में ग्रोथ को वापस लेने के लिए लोगों के पास अधिक खर्च योग्य आय की जरूरत है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान कुल खुदरा बिक्री में 14 फीसदी की ग्रोथ होगी।’
मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने तिमाही नतीजों पर संवाददाताओं से कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘सच यह है कि 10 लाख रुपये से कम के दाम वाली कारों का बाजार नहीं बढ़ रहा है। वास्तव में, यह घट रहा है। यह चिंता की बात है क्योंकि जब तक बाजार के इस सेगमेंट में ग्रोथ नहीं होती, कुल ग्रोथ पर असर होगा।’
अब 50% से कम रह गई हिस्सेदारी
सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में 10 लाख रुपये कम कीमत वाले कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80 फीसदी थी। उस दौरान यात्री वाहनों की थोक बिक्री भारत में 33,77,436 इकाई थी। दस लाख रुपये से कम के यात्री वाहनों की हिस्सेदारी अब बाजार में 50 फीसदी से भी कम है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 42,18,746 इकाइयों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी।
भार्गव ने कहा, ‘इस सेगमेंट का बाजार फिलहाल नहीं बढ़ रहा है। यह चिंता का कारण है...सच यह है कि ग्रोथ केवल महंगी कारों में हो रही है। मुझे लगता है कि इससे मुझे बहुत ज्यादा खुशी नहीं मिलती।’
यह पूछे जाने पर कि 10 लाख रुपये से कम दाम के वाहनों की बिक्री में गिरावट का कारण क्या है और लोग उस श्रेणी में कार क्यों नहीं खरीद रहे हैं, उन्होंने कहा, इसका कारण ‘किफायत’ का मामला है। खर्च योग्य आय कम होने के कारण लोग खरीद नहीं पा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस क्षेत्र में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कुछ प्रोत्साहन की आवश्यकता है, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या आवश्यक है, लेकिन हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जिनके पास अधिक खर्च योग्य आय हो।’
भार्गव ने त्योहारों के दौरान बिक्री के बारे में कहा कि यह ‘काफी अच्छी’ रही है। उन्होंने कहा, ‘श्राद्ध समाप्त होने से लेकर दिवाली के अंत तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में हमारी खुदरा बिक्री में लगभग 14 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है।’
(एजेंसी इनपुट)
आरसी भार्गव ने कहा कि 10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री घटना चिंता का कारण है। कभी कुल कारों की बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 80 फीसदी तक होती थी। इसका लगातार घटना दिखाता है कि लोगों के पास डिस्पोजेबल इनकम कम है।
क्या बोले आरसी भार्गव?
भार्गव ने कहा, ‘कुल मिलाकर इस सेगमेंट में बिक्री में कमी के चलते ऑटोमोबाइल मार्केट में समग्र ग्रोथ नहीं हो रही है। बाजार में इस स्तर में ग्रोथ को वापस लेने के लिए लोगों के पास अधिक खर्च योग्य आय की जरूरत है। हालांकि, कंपनी को उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान कुल खुदरा बिक्री में 14 फीसदी की ग्रोथ होगी।’मारुति सुजुकी के चेयरमैन ने तिमाही नतीजों पर संवाददाताओं से कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा, ‘सच यह है कि 10 लाख रुपये से कम के दाम वाली कारों का बाजार नहीं बढ़ रहा है। वास्तव में, यह घट रहा है। यह चिंता की बात है क्योंकि जब तक बाजार के इस सेगमेंट में ग्रोथ नहीं होती, कुल ग्रोथ पर असर होगा।’
अब 50% से कम रह गई हिस्सेदारी
सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स) के आंकड़ों के अनुसार बाजार में 10 लाख रुपये कम कीमत वाले कारों की हिस्सेदारी 2018-19 में 80 फीसदी थी। उस दौरान यात्री वाहनों की थोक बिक्री भारत में 33,77,436 इकाई थी। दस लाख रुपये से कम के यात्री वाहनों की हिस्सेदारी अब बाजार में 50 फीसदी से भी कम है। वित्त वर्ष 2023-24 में देश में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 42,18,746 इकाइयों की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी।भार्गव ने कहा, ‘इस सेगमेंट का बाजार फिलहाल नहीं बढ़ रहा है। यह चिंता का कारण है...सच यह है कि ग्रोथ केवल महंगी कारों में हो रही है। मुझे लगता है कि इससे मुझे बहुत ज्यादा खुशी नहीं मिलती।’
‘किफायत’ का मामला
उनसे यह पूछा गया था कि क्या घरेलू यात्री वाहन बाजार में नरमी चिंता का कारण है। मारुति सुजुकी इंडिया परंपरागत रूप से छोटी और कॉम्पैक्ट कार बाजार में अगुवा रही है। लेकिन, अब 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहन सेगमेंट में बिक्री नहीं बढ़ रही है।यह पूछे जाने पर कि 10 लाख रुपये से कम दाम के वाहनों की बिक्री में गिरावट का कारण क्या है और लोग उस श्रेणी में कार क्यों नहीं खरीद रहे हैं, उन्होंने कहा, इसका कारण ‘किफायत’ का मामला है। खर्च योग्य आय कम होने के कारण लोग खरीद नहीं पा रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस क्षेत्र में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार से कुछ प्रोत्साहन की आवश्यकता है, उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या आवश्यक है, लेकिन हमें ऐसे लोगों की जरूरत है जिनके पास अधिक खर्च योग्य आय हो।’
भार्गव ने त्योहारों के दौरान बिक्री के बारे में कहा कि यह ‘काफी अच्छी’ रही है। उन्होंने कहा, ‘श्राद्ध समाप्त होने से लेकर दिवाली के अंत तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में हमारी खुदरा बिक्री में लगभग 14 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है।’
(एजेंसी इनपुट)
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