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नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के अंदर खटपट की खबरें सामने आ रही हैं। इंडिया गठबंधन के दलों के बीच दोनों राज्यों में सीट बंटवारों को लेकर खींचतान जारी है। महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी (SP) को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र में सपा की ओर से मांगी गई तीन सीटों पर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दोनों पार्टियों का यह कदम अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस पर सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी।अखिलेश यादव के बयान के बाद सपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। अबू आसिम आजमी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'समाजवादी पार्टी (सपा) नहीं चाहती है कि महाराष्ट्र में सेक्युलर वोटों का बंटवारा हो। सपा अब भी महाविकास अघाड़ी के जवाब का इंतजार कर रही है।'
झारखंड विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके विरोध में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। यह घटना छतरपुर, बिश्रामपुर, गढ़वा और धनवार जैसे क्षेत्रों में गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इंडिया गठबंधन के लिए सीट बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेगी सपा?
उन्होंने कहा, 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि महाराष्ट्र में सपा की पहले पूरी कोशिश रहेगी की सपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़े। यदि गठबंधन सपा को साथ नहीं रखना चाहता है तब सपा वहीं से चुनाव लड़ेगी जहां उसका संगठन मजबूत है और वहीं से चुनाव लड़ेगी जहां से गठबंधन को नुकसान न हो। साथ में उन्होंने ये भी कहा की 'राजनीति में त्याग की कोई जगह नहीं है।'अखिलेश यादव ने साफ संकेत दिए
महाराष्ट्र में सपा की ओर से मांगी गई तीन सीटों पर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि हम इग्नोर होने वालों में से हैं। कहां से कौन चुनाव लड़ेगा यह समाजवादी पार्टी के प्रदेश (महाराष्ट्र) अध्यक्ष तय करेंगे। पहले तो हम गठबंधन में रहने की कोशिश करेंगे। लेकिन, अगर वे (महाविकास अघाड़ी) हमें गठबंधन में नहीं रखेंगे, तो हम उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जहां हमें वोट मिलेंगे या जहां हमारा संगठन काम कर रहा है। हम उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जो गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। लेकिन, राजनीति में त्याग के लिए कोई जगह नहीं है।'
झारखंड में भी सीटों को लेकर तनातनी
झारखंड विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती दिख रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिसके विरोध में कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। यह घटना छतरपुर, बिश्रामपुर, गढ़वा और धनवार जैसे क्षेत्रों में गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इंडिया गठबंधन के लिए सीट बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।RJD ने कर दिया खेला
वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को RJD नेतृत्व को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। वे RJD नेतृत्व से लगातार संपर्क में हैं और इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने से पहले RJD पर अपने उम्मीदवार वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। अगर RJD अपने उम्मीदवार नहीं हटाता है, तो वामदल, JMM और कांग्रेस, RJD उम्मीदवारों का विरोध कर सकते हैं, जिससे महागठबंधन और कमजोर हो जाएगा।
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