ईरान में अगर फंस जाते 100 लड़ाकू विमान, पीछे से तैयार थीं इजरायल की बिल्लियां

What Is IDF's 669 Rescue Unit: ईरान से बदला लेने के लिए इजरायल की ओर से शनिवार को किए गए अब तक के सबसे भीषण हमले ने दुनिया भर को चौंका दिया. अल जजीरा और तेहरान टाइम्स के मुताबिक, ईरान के अलावा इराक, सीरिया और लेबनानी इलाके में भी कई विस्फोटों की ख

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What Is IDF's 669 Rescue Unit: ईरान से बदला लेने के लिए इजरायल की ओर से शनिवार को किए गए अब तक के सबसे भीषण हमले ने दुनिया भर को चौंका दिया. अल जजीरा और तेहरान टाइम्स के मुताबिक, ईरान के अलावा इराक, सीरिया और लेबनानी इलाके में भी कई विस्फोटों की खबर है. साथ ही ईरान या उसके प्रॉक्सी की ओर से जवाबी कार्रवाई की आशंका को लेकर इजरायल पहले से हाई अलर्ट है.

ईरान ने कबूली इजरायली हमलों की बात, अमेरिका की बारीक नजर

एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने माना कि इजरायली हमलों ने इलम, खुज़ेस्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिससे 'सीमित नुकसान' हुआ है. इस हमले के बाद की स्थितियों पर अमेरिका भी बारीकी से नजर रख रहा है. वहीं, इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया कि ईरान की क्षमताओं को कम करने के मकसद से किया गया उनका ऑपरेशन पूरी तरह से सैन्य ठिकानों पर ही केंद्रित था. संघर्ष को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने के लिए ईरान के परमाणु और तेल सुविधाओं से दूर हमला किया गया था.

100 से ज्यादा अत्याधुनिक 'अदिर' स्टील्थ फाइटर जेट F-35 से हमला

इजरायल ने ईरान पर हमले में 100 से ज्यादा अत्याधुनिक 'अदिर' स्टील्थ फाइटर जेट F-35 का इस्तेमाल किया था. इसने 2,000 किलोमीटर की यात्रा कर ईरान में दहशत फैला दी. इजरायली वायुसेना (IAF) के 140वें स्क्वाड्रन के एक F-35 अदिर ने 29 जून, 2023 को नेगेव रेगिस्तान में हैटजेरिम एयर बेस पर फ़्लाइट कोर्स पूरा करने वाले वायु सैनिकों के लिए एक एयर शो में भाग लेते वक्त पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था.

ईरान, इराक, यमन, सीरिया और लेबनान से इजरायल हमेशा चौकन्ना

सीरिया में रडार ठिकानों पर इजरायल के शुरुआती हमले का मकसद ईरान की क्षमताओं को 'अंधा' करना था. रडार और वायु रक्षा प्रणालियों पर हमला करने वाली शुरुआती तरंगों के साथ शुरू ऑपरेशन के बाद ईरान के सैन्य ठिकानों पर भीषण हमलों का रास्ता साफ हो गया. क्योंकि ईरान को इजरायल की योजनाओं को लेकर सावधान होने या किसी तरह की तैयारी का कोई मौका नहीं मिल सका. आईडीएफ अब ईरान, इराक, यमन, सीरिया और लेबनान से संभावित प्रतिक्रियाओं पर बारीकी से नजर रखते हुए कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.

रक्षा मंत्री और IDF चीफ ऑफ स्टाफ के नेतृत्व में पूरा ऑपरेशन

इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी खुद किर्या में वायु सेना के बंकर से ईरान में ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे. उनके साथ मौजूद इजरायल वायु सेना के कमांडर मेजर जनरल तोमर बार ने 26 अक्टूबर, 2024 के ऑपरेशन की पूरी निगरानी की. सूत्रों के मुताबिक, भारी गोला-बारूद का उपयोग करते हुए, इस तरह के लंबी दूरी के हमलों के लिए महत्वपूर्ण ईंधन भरने की क्षमता और 669 रेस्क्यू यूनिट को हाई अलर्ट पर रखने की जरूरत होती है.

अगर फंसते फाइटर जेट F-35 तो इजरायल का क्या था प्लान?

द जेरूशलम पोस्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कैबिनेट ने शनिवार देर रात एक फोन कॉन्फ्रेंस में हमले को अधिकृत किया यानी उसकी पूरी जिम्मेदारी ली. इसी दौरान 2,000 किलोमीटर लंबी दूरी पर हमले पर गए 100 अत्याधुनिक 'अदिर' स्टील्थ फाइटर जेट F-35 के फंसने की सूरत में पीछे से तैयार इजरायल की 'बिल्लियों' का जिक्र किया. आइए, जानते हैं कि आईडीएफ का 669 रेस्क्यू यूनिट क्या है और इसे बिल्लियां क्यों कहते हैं?

IDF का 669 रेस्क्यू यूनिट क्या है? इसके कब और क्यों बनाया गया

इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) की यूनिट 669 विशेष बचाव के लिए सामरिक इकाई है. यह एक हेलीबोर्न लड़ाकू खोज और बचाव यूनिट है, जो इज़राइली वायु सेना के 7 विंग के अधीन है. यह CH-53D सी स्टैलियन यासूर हेलीकॉप्टरों के साथ टेल नोफ़ एयरबेस और UH-60 ब्लैक हॉक यानशुफ़ हेलीकॉप्टरों के साथ पामाचिम एयरबेस पर स्थित है. 1973 के योम किप्पुर युद्ध के बाद एक मेडिकल यूनिट ने लगभग 5000 निकासी की थी. इसके बाद 1974 में योराम शाचर और अवनेर इल्नाई ने यूनिट 669 की स्थापना की थी.

669 सुपर कमांडो और डॉक्टर वाले रेस्क्यू टीम में पांच उप शाखाएं

रेस्क्यू यूनिट 669 इसका प्रारंभिक कार्य लाइन से बाहर गिरे (और संभवतः घायल) पायलटों को निकालना और उन्हें प्राथमिक इलाज देने के बाद अस्पताल तक पहुंचाना था. हालांकि, बाद में यूनिट ने आईडीएफ के दूसरे हथियारों के सैनिकों, विशेष रूप से दुश्मन की रेखाओं से परे संचालन में सैरेट (विशेष बल) सेनानियों और संकट में नाविकों को निकालने में भी भाग लिया. यूनिट 669 की एक विशिष्ट रेस्क्यू टीम में 669 स्पेशल सुपर कमांडो और डॉक्टर शामिल होते हैं. इस यूनिट में पांच शाखाएं होती हैं.

IDF के रेस्क्यू यूनिट 669 के योद्धाओं को 'बिल्लियां' क्यों कहते हैं?

इज़राइली वायु सेना के अनुसार, यूनिट 669 ने 2023 के इज़राइल-हमास युद्ध में काम किया. युद्ध के दौरान, यूनिट ने घायल सैनिकों के लिए करीब 200 सफल ऑपरेशन किए हैं. 6 दिसंबर 2023 को, दो महिला सैनिकों ने भी इस एलीट यूनिट 669 में कमांडो के रूप में चयन के लिए कठिन परीक्षा पास की. रेस्क्यू यूनिट 669 का लोगो एक झुकी हुई और हरी आंखों वाली काली बिल्ली है. इस लोगो में पंख भी शामि हैं. इसलिए यूनिट 669 के योद्धाओं को बाद में कभी-कभी "बिल्लियां" या "उड़ती हुई बिल्लियां" कहा जाता है.

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ईरान पर भीषण हमले को लेकर आईडीएफ के प्रवक्ता ने क्या-क्या कहा?

ईरान पर हालिया हमले को लेकर आईडीएफ के प्रवक्ता आर. एडम. डैनियल हैगरी ने कहा, "आईडीएफ आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह के युद्धाभ्यासों के लिए पूरी तरह से तैयार है. साथ ही ईरान और उसके सहयोगियों पर कड़ी निगरानी रख रहा है." उन्होंने पुष्टि की कि होम फ्रंट कमांड के दिशा-निर्देशों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "हम निरंतर सतर्कता और होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हैं, किसी भी बदलाव के तुरंत बाद अपडेट किए जाएंगे."

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व्हाइट हाउस ने ईरान पर इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन किया

दूसरी ओर, व्हाइट हाउस ने इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन करते हुए कहा, "ईरानी सैन्य ठिकानों पर इजरायल के सटीक हमले उसके आत्मरक्षा के अधिकार और 1 अक्टूबर को ईरानी मिसाइल हमले का जवाब देने के अधिकार के अनुरूप हैं." अमेरिकी अधिकारियों ने पुष्टि की कि इजरायल ने ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले समय की सूचना दी थी. एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रपति जो बिडेन को ईरान में इजरायली हमले के बारे में जानकारी दी गई और वे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं."

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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