बांग्लादेश, कारगिल... रूस पर इतना भरोसा क्यों करता है भारत? बस चार पॉइंट में जानें मोदी-पुतिन दोस्ती की कहानी

मॉस्को: भारत और रूस की दोस्ती की पूरी दुनिया में मिसाल की जाती है। आजादी के बाद से हर मुश्किल समय में रूस ने भारत का साथ दिया है। चाहें मौका 1966 के ताशकंद समझौते की हो या फिर 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध का। रूस ने हमेशा और हर तरह से भारत की मद

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मॉस्को: भारत और रूस की दोस्ती की पूरी दुनिया में मिसाल की जाती है। आजादी के बाद से हर मुश्किल समय में रूस ने भारत का साथ दिया है। चाहें मौका 1966 के ताशकंद समझौते की हो या फिर 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध का। रूस ने हमेशा और हर तरह से भारत की मदद की। आज भी भारत और रूस के संबंध किसी भी दूसरे देशों के मुकाबले काफी मजबूत हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हाल में ही एक इंटरव्यू में भारत-रूस संबंधों की मजबूती की खुद पुष्टि की है। 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छह बार रूस दौरा यह साबित करने के लिए काफी है कि दोनों देशों के संबंध कितने मजबूत हैं। तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दूसरा मौका है, जब पीएम मोदी रूस पहुंचे हैं।

भारत-रूस संबंधों की बुनियाद क्या है


भारत-रूस संबंध आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं। बहुत कम ऐसे मौके आए हैं, जब दोनों देशों के बीच किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है। हजारों किलोमीटर दूर होने के बाद दोनों देशों के रक्षा, आर्थिक और कूटनीतिक संबंध काफी मजबूत हैं। वैश्विक स्तर पर भी दोनों देशों ने एक दूसरे के हितों के खिलाफ कभी भी कोई काम नहीं किया है। रूस ने भारत के कारण ही पाकिस्तान के साथ पर्याप्त दूरी बनाकर रखी और भारत ने भी यूक्रेन के साथ ऐसा ही किया। रूस-यूक्रेन युद्ध में भी भारत ने हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन की आलोचना से दूरी बनाकर रखी।

1- ऐतिहासिक: रूस ने कभी भी हमारे हितों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाला कुछ नहीं किया है। रूस ने चीन के साथ भले ही दोस्ती की, लेकिन उसे भारत के साथ संबंधों से तुलना नहीं की। रूस ने दोनों देशों को अलग-अलग नजरिए से देखा।

2- भू-राजनीतिक: रूस अब एशिया की ओर तेजी से रुख कर रहा है। इसलिए, एशिया में रूस को कई विकल्प देना समझदारी है। यही कारण है कि भारत नहीं चाहता कि रूस को एशिया में चीन के अलावा कोई और विकल्प न दिखे।

3- आर्थिक: रूस ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है और भारत एक प्रमुख उपभोक्ता है। इसलिए आर्थिक सहयोग से दोनों के हितों की पूर्ति होती है। भारत को रूस से सस्ते दाम पर कच्चा तेल मिल रहा है। आपूर्ति को लेकर लंबे समय की डील भी हुई है, जिससे ऊर्जा स्थितरता को बढ़ावा मिला है।

4- रणनीतिक: रूस यूरेशियाई भूभाग में तीन प्रमुख शक्तियों में से एक है। इसलिए भारत के महाद्वीपीय हितों के लिए अच्छे संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इससे भारत अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों को भी नियंत्रण में रख सकता है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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