बुलेट ट्रेन, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, दिल्ली तक एक्प्रेसवे... देश को मुंबई से जोड़ने वाले 4 द्वार हो रहे तैयार

मुंबई: भविष्य में मुंबई की परिवहन व्यवस्था को अपग्रेड करने और देशभर से जोड़ने के लिए इस समय चार बड़े प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। इन सभी प्रोजेक्ट को कनेक्ट करने के लिए वैतरणा की खाड़ी में एक साथ चार बड़े ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इनमें डेडिक

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मुंबई: भविष्य में मुंबई की परिवहन व्यवस्था को अपग्रेड करने और देशभर से जोड़ने के लिए इस समय चार बड़े प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। इन सभी प्रोजेक्ट को कनेक्ट करने के लिए वैतरणा की खाड़ी में एक साथ चार बड़े ब्रिज बनाने का काम चल रहा है। इनमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट, मुंबई से दिल्ली को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए भारत माला प्रोजेक्ट और उपनगरीय ट्रेनों को डहाणू रोड तक और विस्तार देने के लिए बनाए जाने वाले ब्रिज प्रमुख है। प्रस्तुत है इन परियोजनाओं की एक झलक :
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
रेलवे के फ्रेट ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) का निर्माण हो रहा है। इस परियोजना के तहत जेएनपीटी (मुंबई) से दादरी (उत्तर प्रदेश) तक विशेष रूप से मालगाड़ियों के लिए एक अलग रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। 1,506 किमी के इस कॉरिडोर का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। दादरी से वैतरणा तक रूट भी कमीशन हो चुका है। फिलहाल, वैतरणा से जेएनपीटी (102 किमी रूट) का काम चल रहा है। उम्मीद है दिसंबर, 2025 तक काम पूरा हो जाएगा।

इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए वसई खाड़ी में ब्रिज का निर्माण वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के तहत एक प्रमुख हिस्सा है, जो मुंबई की बंदरगाहों से गुजरने वाले माल को देश के बाकी हिस्सों में ले जाने की सुविधा देगा। इस रूट पर डबल स्टैक की मालगाड़ियां चलेंगी, इसलिए अतिरिक्त मजबूती देने के लिए स्टील स्ट्रक्चर और कंक्रीट मिश्रण का उपयोग किया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि प्री-कास्ट गर्डर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

विरार-डहाणू रोड तीसरी-चौथी लाइन
पश्चिम रेलवे पर लोकल ट्रेनों को विस्तार देने के लिए विरार से डहाणू रोड तक तीसरी और चौथी रेलवे लाइन के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इस परियोजना के तहत वैतरणा में पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना का कार्य मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) की ओर से किया जा रहा है। अब तक करीब 30 प्रतिशत काम हो चुका है और मौजूदा प्रगति देखकर दिसंबर, 2026 तक तैयार होने की भी उम्मीद जताई जा रही है।

मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट-3 (MUTP) के अंतर्गत 63 कि.मी. लंबे विरार-डहाणू कोरिडोर चौहरीकरण की घोषणा की गई थी। इस परियोजना की लागत 3,578 करोड़ रुपये है। पुलों के निर्माण में आधुनिक इंजिनियरिंग तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले कंक्रीट और स्टील का प्रयोग शामिल है। यहां करीब 600 मीटर लंबे ब्रिज की पाइलिंग का काम पूरा होने वाला है।

मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे
केंद्र सरकार द्वारा देशभर में भारतमाला परियोजना के तहत करीब 65 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इसी प्रोजेक्ट में मुंबई से दिल्ली तक के एक्सप्रेसवे का निर्माण हो रहा है। फिलहाल यह प्रोजेक्ट हरियाणा के सोहना से लेकर मुंबई से जुड़ेगा। 1350 किलोमीटर का यह एक्सप्रेस वे 6 राज्यों के कई शहरों को कवर करते हुए गुजरेगा। हालांकि, मध्य प्रदेश के 245 किलोमीटर के हिस्से का कार्य पूर्ण होने पर उस पर ट्रैफिक शुरू हो गया है। इससे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और जयपुर, अहमदाबाद की ओर, वड़ोदरा, मुंबई एनएच-48 (पुराना एनएच 8) पर और कानपुर की ओर कनेक्ट किया जा सकेगा।

शहरों से कनेक्‍टीविटी आसान
दिल्‍ली-मुंबई एक्सप्रेसवे हरियाणा के सोहना से शुरू होकर राजस्थान, मध्‍य प्रदेश से होकर महाराष्‍ट्र तक आएगा। इस लिहाज से जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, कोटा, उदयपुर, चित्‍तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, भोपाल, उज्‍जैन, इंदौर, सूरत और आसपास के शहरों से कनेक्‍टीविटी आसान हो जाएगी। मौजूदा वक्त में दिल्‍ली से सूरत तक वाया रोड दूरी 1150 किमी. से अधिक है। वहीं, एक्‍सप्रेस-वे निर्माण के बाद यही दूरी 800 किमी. तक पहुंच जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए वैतरणा की खाड़ी में ब्रिज का निर्माण हो रहा है।

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजनाहाल ही में नैशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा महाराष्ट्र में ट्रैक निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की गईं हैं। इस प्रॉजेक्ट के काम गुजरात में तेजी से हो रहा है। महाराष्ट्र में देरी से शुरू हुआ, लेकिन अब काफी प्रगति हुई है। खासतौर पर बीकेसी में स्टेशन निर्माण कार्य भी तेजी से हो रहा है। कुल मिलाकर लगभग 157 कि.मी. लंबा मार्ग यानि 314 कि.मी. लंबा ट्रैक, मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन और महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर जरोली गांव के बीच है। इसमें 4 स्टेशनों के लिए ट्रैक कार्य और ठाणे में रोलिंग स्टॉक डिपो भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट की तकनीकी बोलियां 3 फरवरी 2025 को खोली जाएंगी। इसी प्रोजेक्ट के लिए वैतरणा की खाड़ी में ब्रिज तैयार किया जा रहा है। ब्रिज के निर्माण में प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट और बैलेंस्ड कैंटिलीवर कंस्ट्रक्शन जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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