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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का लेवल दिवाली से पहले ही खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। आमतौर पर दिवाली के बाद दिल्ली की हवा खराब होती है लेकिन इस बार सर्दियों की दस्तक से पहले ही प्रदूषण काफी बढ़ गया है। गुरुवार दोपहर बाद भी कई इलाकों में धुंध छाई रही। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 के पार चल गया। हवाओं की कम हुई रफ्तार की वजह से प्रदूषण और भी बढ़ गया है। अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण का स्तर खराब बना रह सकता है। वहीं बढ़ते प्रदूषण के बाद कई लोगों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है।
लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन फिलहाल इसका असर नहीं दिख रहा है। कई जगहों पर पानी की छिड़काव भी टैंकर के जरिए शुरू है। गुरुवार को द्वारका में AQI 350 दर्ज किया गया। वहीं पटपड़गंज में 325, आनंद विहार ने 380, मुंडका में 370 और अलीपुर में 261 दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।
प्रदूषण का असर सेहत पर
कई लोगों को लगातार खांसी और छींक आ रही है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत और त्वचा की समस्याओं के साथ आने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। AIIMS दिल्ली में ईएनटी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि नाक में जलन, गले में खरास और लगातार सूखी खांसी के साथ आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।प्रदूषण का असर कभी आंख में, गले में, सांस लेने में, लंग्स में होता है। अक्सर लोग जब इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं तो अलग-अलग विभाग में जाकर इलाज कराते हैं। लेकिन प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों का अब एक ही ओपीडी में अलग-अलग एक्सपर्ट इलाज करेंगे। केंद्र सरकार के आरएमएल अस्पताल ने यह सुविधा शुरू की है और सर्दी की शुरुआत होते ही ओपीडी एक्टिव कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार
पूर्वानुमान के अनुसार 17 से 19 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर खराब रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक इसका स्तर खराब से सामान्य रह सकता है। 17 अक्टूबर को हवाओं की गति 6 से 12 किमी प्रति घंटे, 18 अक्टूबर को 10 से 12 किमी और 19 अक्टूबर को 12 से 10 किमी प्रति घंटे की रह सकती है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार पराली जलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने पर हरियाणा और पंजाब सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा क्या दोनों राज्यों के चीफ सेक्रेटरी किसी और के कहने पर काम कर रहे हैं,एक्शन क्यों नहीं लिया, हमें बताया जाए। हम उन्हें समन जारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। इसरो ने बताया था कि फायर लोकेशन क्या है, आप कह रहे हैं आपको पता नहीं कि पराली कहां जलाई जा रही है। अगर चीफ सेक्रेटरी किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे।
लगातार बढ़ रहा है प्रदूषण
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन फिलहाल इसका असर नहीं दिख रहा है। कई जगहों पर पानी की छिड़काव भी टैंकर के जरिए शुरू है। गुरुवार को द्वारका में AQI 350 दर्ज किया गया। वहीं पटपड़गंज में 325, आनंद विहार ने 380, मुंडका में 370 और अलीपुर में 261 दर्ज किया गया। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।
प्रदूषण का असर सेहत पर
कई लोगों को लगातार खांसी और छींक आ रही है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत और त्वचा की समस्याओं के साथ आने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। AIIMS दिल्ली में ईएनटी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि नाक में जलन, गले में खरास और लगातार सूखी खांसी के साथ आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।प्रदूषण का असर कभी आंख में, गले में, सांस लेने में, लंग्स में होता है। अक्सर लोग जब इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं तो अलग-अलग विभाग में जाकर इलाज कराते हैं। लेकिन प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों का अब एक ही ओपीडी में अलग-अलग एक्सपर्ट इलाज करेंगे। केंद्र सरकार के आरएमएल अस्पताल ने यह सुविधा शुरू की है और सर्दी की शुरुआत होते ही ओपीडी एक्टिव कर दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई फटकार
पूर्वानुमान के अनुसार 17 से 19 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर खराब रहेगा। इसके बाद अगले छह दिनों तक इसका स्तर खराब से सामान्य रह सकता है। 17 अक्टूबर को हवाओं की गति 6 से 12 किमी प्रति घंटे, 18 अक्टूबर को 10 से 12 किमी और 19 अक्टूबर को 12 से 10 किमी प्रति घंटे की रह सकती है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार पराली जलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करने पर हरियाणा और पंजाब सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा क्या दोनों राज्यों के चीफ सेक्रेटरी किसी और के कहने पर काम कर रहे हैं,एक्शन क्यों नहीं लिया, हमें बताया जाए। हम उन्हें समन जारी करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। इसरो ने बताया था कि फायर लोकेशन क्या है, आप कह रहे हैं आपको पता नहीं कि पराली कहां जलाई जा रही है। अगर चीफ सेक्रेटरी किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे।
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